इस्लाम का सच :- ।) आपने राक्षसों यानि शैतान के बारे में सुना है ! शैतान की सारी निशानियाँ याद कीजिये और फिर ‘इस्लाम’ के बारे में सोचिये । सारी बाते सारी निशानियाँ एक हैं। शैतान की कुछ निशानियाँ …
(1 ) शैतान को कोई रंग नहीं सिर्फ काला रंग पसंद है । फिल्म या किसी कहानी में शैतान सिर्फ काले कपड़ों में होता है और इस्लाम में भी काला ही पसंद है।
(2 ) शैतान का उसूल ही खून खराबा है । मारना काटना। जो इनके स्वाभाव में है। ये कभी भी बस मार काट की ही बात करते है और उसी से खुश होते हैं । इनका हर त्यौहार भी खून बहाकर ही मनता है ।
(3 ) शैतान कभी उजाले की और सूर्य की पूजा नही करता । इसी लिए ये सूर्य को नहीं सिर्फ चाँद को मानते हैं । ये सूर्य की आराधना कर ही नहीं सकते जो अँधेरे को मिटाता है । और शैतान की ताकत अँधेरे में बढती है
(4 ) हिन्दू धर्म में शुक्रचार्य को राक्षसों यानि शैतानों का गुरु माना गया है । शुक्रवार के दिन को ईसाई बेहद अशुभ मानतें है क्योकि इस दिन शैतान की ताकत बढ़ जाती है । उसी दिन को ये मुस्लमान जुम्मे का दिन कहकर खास नमाज़ पढतें है । यानि शैतानी ताकत को सलाम करते हैं।
(5 )हिन्दू धर्म में सिर्फ महादेव ही ऐसे देव है जो शैतानों ( राक्षसों ) को भी वरदान देते रहें हैं इसीलिए मक्का मदीना में छुपा कर और ढक कर रखे शिव लिंग की ही आराधना करते हैं खोल कर दिखाओ ना भाई, ऐसा क्यों है कि आपके धर्म की सबसे पवित्र जगह को बंद कर के रखा गया है वो भी एक बड़े काले तरपाल से…?? इसमें छिपाने वाली क्या बात है,,,,,?? क्यों जब मुसलमान मक्का जाते हैं तो सब दाढ़ी, मूँछ कटा कर हिन्दू जैसे सफ़ेद वस्त्र पहनते है….?? क्यों हिन्दुओँ की तरह उस जगह की परिक्रमा करते हैं….??।
(6 ) इस्लाम में मूर्ति पूजा को गलत बताया गया है । हिन्दू सिक्ख ईसाई सबने अपने आराध्य की मूर्ति बना रखी है । ये अगर मूर्ति बनाते तो कैसी बनाते ? शैतान की मूर्ति देखकर तो कोई भी समझ जाता कि ये शैतान के पुजारी है। इसीलिए इनमे मूर्ति पूजा नहीं होती।
(7 ) ये मकसद तो सिर्फ शैतान का हो सकता है कि धरती पर कोई और धर्म ना हो । जो आज इस्लाम का मकसद है। कुरान में लिखा है कि जो अल्लाह को ना माने वो काफ़िर है और उसे काट डालो । सवाब मिलेगा । यह किसी शैतान की सिख हो सकती है किसी भी धर्म के किसी देवता की यह सिख नहीं हो सकती ! ! !
(8 ) क्या इन सारे आतंकवादी गुटों को isis को अलकायदा या तालिबान वालों को कोई इन्सान कह सकता है। जिस तरह ये मासूमो को काटते मारते हैं। ये शैतान ही हो सकते हैं ।
(9 ) हिन्दू धर्म शास्त्रों में कहा गया है की कलयुग के अंत में आसुरी (शैतानी) शक्तियां बहुत बढ़ जाएगी जो मानवता के लिए खतरा होंगी। नास्त्रेदमस ने भी इन शैतानी ताकतों के बारे में लिखा है। ये वही शैतान है । जो शैतान जिंदाबाद नहीं बोलते बल्कि अल्लाह का नाम ठीक उसी अंदाज में लेते हैं और लोगों को काटते हैं ।
(10 ) ये शैतान हैं । शैतान के वंशज या शैतान के पुजारी हैं इस बात का सबसे बड़ा सबूत ये है कि ये लोगो को मार कर काट कर ही खुश होते हैं। १४०० साल पहले आपका धर्म स्थापित हुआ था, उससे पहले आप क्या थे….?? हमारा हिन्दू धर्मं अरबोँ- खरबोँ साल पुराना है, इसका सबूत अभी जापान और अमेरीका में हुई रीसर्च से भी मिलता है, उस समय भी हमने गंगा, यमुना, आदि नदियाँ, कैलाश पर्वत और एशिया, अंर्टाटीका, आदि द्विप भी ढुँढ लिए थे, हमारा राम सेतु आपने भी देखा होगा, पानी में डूबी श्री कृष्णा की नगरी भी देख ली है, आपके पास क्या सबूत है कि अल्लाह ने मोहम्मद साहब को ही भेजा था…..??
पूरा विश्व इस बात को मानने लगा है कि ये ही शैतान है जिनसे पुरे विश्व और पूरी मानवता को खतरा होगा
(1 ) शैतान को कोई रंग नहीं सिर्फ काला रंग पसंद है । फिल्म या किसी कहानी में शैतान सिर्फ काले कपड़ों में होता है और इस्लाम में भी काला ही पसंद है।
(2 ) शैतान का उसूल ही खून खराबा है । मारना काटना। जो इनके स्वाभाव में है। ये कभी भी बस मार काट की ही बात करते है और उसी से खुश होते हैं । इनका हर त्यौहार भी खून बहाकर ही मनता है ।
(3 ) शैतान कभी उजाले की और सूर्य की पूजा नही करता । इसी लिए ये सूर्य को नहीं सिर्फ चाँद को मानते हैं । ये सूर्य की आराधना कर ही नहीं सकते जो अँधेरे को मिटाता है । और शैतान की ताकत अँधेरे में बढती है
(4 ) हिन्दू धर्म में शुक्रचार्य को राक्षसों यानि शैतानों का गुरु माना गया है । शुक्रवार के दिन को ईसाई बेहद अशुभ मानतें है क्योकि इस दिन शैतान की ताकत बढ़ जाती है । उसी दिन को ये मुस्लमान जुम्मे का दिन कहकर खास नमाज़ पढतें है । यानि शैतानी ताकत को सलाम करते हैं।
(5 )हिन्दू धर्म में सिर्फ महादेव ही ऐसे देव है जो शैतानों ( राक्षसों ) को भी वरदान देते रहें हैं इसीलिए मक्का मदीना में छुपा कर और ढक कर रखे शिव लिंग की ही आराधना करते हैं खोल कर दिखाओ ना भाई, ऐसा क्यों है कि आपके धर्म की सबसे पवित्र जगह को बंद कर के रखा गया है वो भी एक बड़े काले तरपाल से…?? इसमें छिपाने वाली क्या बात है,,,,,?? क्यों जब मुसलमान मक्का जाते हैं तो सब दाढ़ी, मूँछ कटा कर हिन्दू जैसे सफ़ेद वस्त्र पहनते है….?? क्यों हिन्दुओँ की तरह उस जगह की परिक्रमा करते हैं….??।
(6 ) इस्लाम में मूर्ति पूजा को गलत बताया गया है । हिन्दू सिक्ख ईसाई सबने अपने आराध्य की मूर्ति बना रखी है । ये अगर मूर्ति बनाते तो कैसी बनाते ? शैतान की मूर्ति देखकर तो कोई भी समझ जाता कि ये शैतान के पुजारी है। इसीलिए इनमे मूर्ति पूजा नहीं होती।
(7 ) ये मकसद तो सिर्फ शैतान का हो सकता है कि धरती पर कोई और धर्म ना हो । जो आज इस्लाम का मकसद है। कुरान में लिखा है कि जो अल्लाह को ना माने वो काफ़िर है और उसे काट डालो । सवाब मिलेगा । यह किसी शैतान की सिख हो सकती है किसी भी धर्म के किसी देवता की यह सिख नहीं हो सकती ! ! !
(8 ) क्या इन सारे आतंकवादी गुटों को isis को अलकायदा या तालिबान वालों को कोई इन्सान कह सकता है। जिस तरह ये मासूमो को काटते मारते हैं। ये शैतान ही हो सकते हैं ।
(9 ) हिन्दू धर्म शास्त्रों में कहा गया है की कलयुग के अंत में आसुरी (शैतानी) शक्तियां बहुत बढ़ जाएगी जो मानवता के लिए खतरा होंगी। नास्त्रेदमस ने भी इन शैतानी ताकतों के बारे में लिखा है। ये वही शैतान है । जो शैतान जिंदाबाद नहीं बोलते बल्कि अल्लाह का नाम ठीक उसी अंदाज में लेते हैं और लोगों को काटते हैं ।
(10 ) ये शैतान हैं । शैतान के वंशज या शैतान के पुजारी हैं इस बात का सबसे बड़ा सबूत ये है कि ये लोगो को मार कर काट कर ही खुश होते हैं। १४०० साल पहले आपका धर्म स्थापित हुआ था, उससे पहले आप क्या थे….?? हमारा हिन्दू धर्मं अरबोँ- खरबोँ साल पुराना है, इसका सबूत अभी जापान और अमेरीका में हुई रीसर्च से भी मिलता है, उस समय भी हमने गंगा, यमुना, आदि नदियाँ, कैलाश पर्वत और एशिया, अंर्टाटीका, आदि द्विप भी ढुँढ लिए थे, हमारा राम सेतु आपने भी देखा होगा, पानी में डूबी श्री कृष्णा की नगरी भी देख ली है, आपके पास क्या सबूत है कि अल्लाह ने मोहम्मद साहब को ही भेजा था…..??
पूरा विश्व इस बात को मानने लगा है कि ये ही शैतान है जिनसे पुरे विश्व और पूरी मानवता को खतरा होगा
Peace if possible, truth at all costs.