मुहम्मद के काण्ड

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*क्या आपने कभी सोचा है की जिस प्रकार हिन्दू देवी देवताओ पे धारावाहिक बन जाते हैं, जैसे रामायण, महाभारत, श्री कृष्णा आदि आदि; उस प्रकार मुस्लिम अपने मुहम्मद या फिर अली या बाकी के नबियो पे धारावाहिक क्यों नहीं बना पाते।
दुनिया में कई मुसलमान मुल्क हैं पर ऐसा किसी ने नहीं किया आजतक और शायद इनके मौलवी करने भी नहीं देंगे।.कारण ?
साफ़ है दुनिया को मुहम्मद और बाकि के नबियों की सच्चाई दिखा दी तो आधे मुसलमान तो वैसे ही मजहब छोड़ देंगे।और वैसे भी दिखाने योग्य है क्या इनके पास ! किस तरह मुहम्मद ने करबला में मसूम बच्चों और उनकी माताओं का सर कलम कर अपनेआप को गाज़ी कहलवाया था ?
या यह दिखाएंगे की किस तरह मुहम्मद ने 50 साल से अधिक की उम्र में 6 वर्ष की आयेशा से निकाह कर लिया था उसके बाप को 1 पोटली असरशिफियाँ दे कर, या यह दिखाया जाये की किस तरह रात के अँधेरे में अपनी ही बहु को देख कर जब उसका मन डोल गया तो उसने अपने गोद लिए बेटे का तलाक करा अपनी ही बहु से निकाह कर लिया था, या यह दिखाया जाये की किस तरह मरी हुई औरत से सेक्स कर मुहम्मद ने उसे जायज़ टहरा अल्लाह की मर्ज़ी करार दिया था। ऐसे अनगिनत कुकर्म हैं जहाँपना के।
लूट के माल में अपना हिस्सा लेने वाला, दुसरों की बहु बेटियो पे गन्दी नजर रखने वाला और 11 निकाह करने वाले पोलीगमिस्ट पे धारावाहिक तो जरूर बनना चाहिए ताकि दुनिया को उसकी असलियत मालूम पड़े।

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Peace if possible, truth at all costs.

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