(अवशेषों को लेकर विवाद गहराया ,सुभाष चन्द्र बोस कि रिश्तेदार ने किया खुलासा )
आजाद हिंद फ़ौज के ज़रिये अंग्रेजो की नाक में दम करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के लापता होने के बारे में जिस तरह से आज भी रहस्य बरकरार है उसी तरह का रहस्य अब उनके कातिथ अवशेषों को 2006 में जापान से भारत मंगाए जाने के बारे में उत्पन्न हो गया है ,नेताजी के जीवन पर उनकी एक रिश्तेदार दुआर हल में लिखी गई किताब में कहा गया है कि नेताजी के अवशेष जापान से भारत मंगा लिए गए , लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने एस बारे में कोई भी सूचना होने से इंकार केर दिया है कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताईवान में एक विमान दुर्घटना में नेताजी कि मौत हो गई थी , लेकिन यह कहानी विवादित है और बहुत से लोगो को इस पर यकीन नहीं है मुखर्जी आयोग भी विमान दुर्घटना में नेताजी कि मौत कि बात को ख़ारिज केर चूका है
कह जाता है कि विमान हादसे के बाद से ही नेताजी के कतिथ अवशेष जापान के रेंकोजी मंदिर में रखे हुए है हाल में हॉवर्ड यूनिवर्सिटी कि प्रोफेसर और नेताजी कि रिश्तेदार सुगता बोस ने अपनी किताब ''हिज मजेस्तिज़ अपोनेंत ''के अंतिम अध्याय ''ऐ लाइफ इमोर्तल '' में पेज के निचले हिस्से में कि गई टिप्णियो में दो महत्वपूर्ण बिन्दुओ का उल्लेख किया है
इसमे लिखा गया है कि टोकियो इंडियन इन्देपेंदेंस लीग के संस्थापक राम मूर्ति ने नेताजी के कतिथ अवशेषों के एक हिस्से को ''अत्यधिक एहतियात '' के तौर पर अपने घर में छिपकर रख लिया था और दूसरा यह कि अवशेषों का यह हिस्सा 2006 भारत भेज दिया गया, प्रधानमंत्री को भी एस बारे में जानकारी दी गई ,एन टिप्णियो का हवाला देते हुए आर टी आई कार्यकर्ता चंद्रचूड घोष ने प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना मांगी कि जापान से नेताजी के अवशेष भारत लाय जाने कि बात सच है या नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसके जवाब में कहा कि ''रिकॉर्ड के अनुसार एस तरह कि कोई सूचना उपलब्ध नहीं है
(लेखिका सुगता बोस से बार बार उनके अधिकारिक ईमेल पर संपर्क किये जाने कि कोशिश किये जाने के बावजूद संपर्क नहीं हो सका )
किताब में कि गई टिप्णियो में कहा गया है "मूर्ति के परिवार के अनुसार अत्यधिक सावधानी के तौर पर राम मूर्ति ने नेताजी के अवशेषों को बाँटकर इनके एक हिस्से को अपने घर में रख लिया है यह उल्लेख उनके भतीजे आनंद.जे .मूर्ति .'' ने एक हस्ताक्षरयुक्त हलफनामे में किया है जिसे 18 अगस्त 2008 को जापान कि राजधानी टोकियो स्तिथ भारतीय दूतवास ने प्रमाणित किया '' संसद में 17 मई 2006 को राखी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि सुभाष चन्द्र बोस कि ताईवान में विमान हादसे में मौत नहीं हुई थी और जापान के रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष वास्तव में एक जापानी सेनिक के है रिपोर्ट को हालाकि कॉंग्रेस नीत सरकार ने खारिज कर दिया था
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