असल में समस्या ये हैं कि गाँधी के बारे में हमे कभी सच बताया ही नही गया…
इस पोस्ट मैँ आपके सामने गाँधी की सेक्स लाइफ से जुडे कुछ अँजाने पहलू रख रहा हूँ जो की ना हमे कभी ये कान्ग्रेस पढायेगी... ना ही कम्युनिस्ट वामपंथियो की लिखी इतिहास की किताबे…
13 साल की उम्र में 12 साल की कस्तूरबा से विवाह होने के बाद गांधी अकसर बेडरूम में होते थे। यहां तक कि उनके पिता करमचँद गांधी जब मृत्यु-शैया पर पड़े मौत से जूझ रहे थे उस समय किशोर मोहनदास पत्नी कस्तूरबा के साथ अपने बेडरूम में सेक्स का आनंद ले रहे थे।
पंचगनी में गांधी जी के ब्रह्मचर्य का प्रयोग का भी वर्णन किया है, जहां गांधी की सहयोगी सुशीला नायर गांधी के साथ निर्वस्त्र होकर सोती थीं और उनके साथ निर्वस्त्र होकर नहाती भी थीं।
गांधी जी ने ख़ुद लिखा है, “नहाते समय जब सुशीला निर्वस्त्र मेरे सामने होती है तो मेरी आंखें कसकर बंद हो जाती हैं। मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता। मुझे बस केवल साबुन लगाने की आहट सुनाई देती है। मुझे कतई पता नहीं चलता कि कब वह पूरी तरह से नग्न हो गई है और कब वह सिर्फ अंतःवस्त्र पहनी होती है।”
गाँधी अक्सर ब्रह्मचयॅ के पालन के विषय में परिक्षण कीया करते थे। और इस परिक्षण के भाग रुप वे कइ बार कुछ निम्न जाति की युवति और स्त्रीयो के साथ एक ही बिस्तर पर निर्वस्त्र(नँगे) सोते थे। और ये मेरी कोइ बनाइ हुइ मनघँडत कहानीया नही है। इन बातो को आप खुद गाँधी व उनके समय की हस्तियों की किताबो में पढ सकते है।
गाँधी पहले तो चुप चाप लडकीयो को निर्वस्त्र करके अपने साथ सुलाते रहते थे पर जब नोआखली के दौरे में उनके निजी सचिव निमॅल कुमार बोस ने गाँधी की इस कामुकता का भाँडा फोड दिया और गाँधी के इस व्याभिचार की निँदा की और रोष प्रकट करके उनका निजी सचिव पद छोड दीया.....
(फिर इन्होने पुस्तक"My days with Gandhi' लिखी जिसमें गाँधी के ब्रह्मचयॅ के प्रयोगो का भाँडा फोड किया है ) तब इस रँगीले गाँधी ने अपनी कामुकता को ब्रह्मचयॅ का नाम दे दिया ।
गाँधी जी के बहुत सारे अनुयायीयो ने गाँधी को ऐसा न करने को समझाया....... यहाँ तक की सरदार वल्लभभाइ पटेल ने तो खुद पत्र लिखा था गाँधी को इस विषय में (इस विषय में कोइ सँशय हो तो The Viceroy's Journal पुस्तक देखे)
सीनियर लीडर जेबी कृपलानी और वल्लभभाई पटेल ने गांधी के कामुक आचरण के चलते ही उनसे दूरी बना ली थी।
गांधी जी की सहयोगी आभा के पति का तो बकायदा इस विषय में गाँधी से झघडा भी हुआ था। आभा के खुद के शब्द:"गाँधीजी ने मुझे अवश्य ये कहा की 'कपडे उतार दो' परँतु जहाँ तक मुझे याद है मैँ पेटिकोट और चौली पहने रखती थी।"
जिन लडकीयो के साथ बिस्तर पर गाँधी ने ब्रह्मचयॅ के प्रयोग कीये थे उनके साथ अमरिका स्थित प्रसिद्ध लेखक वेद मेहता ने बातचित की थी और उस पर एक पुस्तक लिखी थी Mahatma Gandhi and his Aporties।
जब बंगाल में दंगे हो रहे थे गांधी ने 18 साल की मनु को बुलाया और कहा “अगर तुम साथ नहीं होती तो मुस्लिम चरमपंथी हमारा क़त्ल कर देते। आओ आज से हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे के साथ सोएं और अपने शुद्ध होने और ब्रह्मचर्य का परीक्षण करें।”
गांधीजी के साथ सोने वाली सुशीला, मनु और आभा ने गांधी के साथ शारीरिक संबंधों के बारे हमेशा अस्पष्ट बात कही। जब भी पूछा गया तब केवल यही कहा कि वह ब्रह्मचर्य के प्रयोग के सिद्धांतों का अभिन्न अंग है।
सुशीला नायर, मनु और आभा के अलावा बड़ी तादाद में महिलाएं गांधी के क़रीब आईं। कुछ तो उनकी बेहद ख़ास बन गईं।
बंगाली परिवार की विद्वान और ख़ूबसूरत महिला सरलादेवी चौधरी से गांधी का संबंध जगज़ाहिर है। हालांकि गांधी केवल यही कहते रहे कि सरलादेवी उनकी “आध्यात्मिक पत्नी” हैं।
रेहाना तिआब नाम की लडकी को तो गाँधी जी ने 'मिसरी जैसा फूल' की उपमा दे दी थी।
गांधी जी डेनमार्क मिशनरी की महिला इस्टर फाइरिंग को प्रेमपत्र लिखते थे। इस्टर जब आश्रम में आती तो बाकी लोगों को जलन होती क्योंकि गांधी उनसे एकांत में बातचीत करते थे।
ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मैडलीन स्लैड जब हिंदुस्तान में आकर रहने लगीं तो गांधी ने उन्हें मीराबेन का नाम दिया।
गांधी की मृत्यु के बाद लंबे समय तक सेक्स को लेकर उनके प्रयोगों पर लीपापोती की जाती रही। हत्या के बाद गांधी को महिमामंडित करने और राष्ट्रपिता बनाने के लिए उन दस्तावेजों, तथ्यों और सबूतों को नष्ट कर दिया, जिनसे साबित किया जा सकता था कि संत गांधी दरअसल सेक्स मैनियैक थे। कांग्रेस भी स्वार्थों के लिए अब तक गांधी और उनके सेक्स-एक्सपेरिमेंट से जुड़े सच को छुपाती रही है। गांधीजी की हत्या के बाद मनु को मुंह बंद रखने की सलाह दी गई। सुशीला भी इस मसले पर हमेशा चुप ही रहीं।
गोल फ्रेम वाले चश्मे के पिछे छुपी उन 'आँखो की मस्तीयो …' को हमने कभी देखा ही नही
इस पोस्ट मैँ आपके सामने गाँधी की सेक्स लाइफ से जुडे कुछ अँजाने पहलू रख रहा हूँ जो की ना हमे कभी ये कान्ग्रेस पढायेगी... ना ही कम्युनिस्ट वामपंथियो की लिखी इतिहास की किताबे…
13 साल की उम्र में 12 साल की कस्तूरबा से विवाह होने के बाद गांधी अकसर बेडरूम में होते थे। यहां तक कि उनके पिता करमचँद गांधी जब मृत्यु-शैया पर पड़े मौत से जूझ रहे थे उस समय किशोर मोहनदास पत्नी कस्तूरबा के साथ अपने बेडरूम में सेक्स का आनंद ले रहे थे।
पंचगनी में गांधी जी के ब्रह्मचर्य का प्रयोग का भी वर्णन किया है, जहां गांधी की सहयोगी सुशीला नायर गांधी के साथ निर्वस्त्र होकर सोती थीं और उनके साथ निर्वस्त्र होकर नहाती भी थीं।
गांधी जी ने ख़ुद लिखा है, “नहाते समय जब सुशीला निर्वस्त्र मेरे सामने होती है तो मेरी आंखें कसकर बंद हो जाती हैं। मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता। मुझे बस केवल साबुन लगाने की आहट सुनाई देती है। मुझे कतई पता नहीं चलता कि कब वह पूरी तरह से नग्न हो गई है और कब वह सिर्फ अंतःवस्त्र पहनी होती है।”
गाँधी अक्सर ब्रह्मचयॅ के पालन के विषय में परिक्षण कीया करते थे। और इस परिक्षण के भाग रुप वे कइ बार कुछ निम्न जाति की युवति और स्त्रीयो के साथ एक ही बिस्तर पर निर्वस्त्र(नँगे) सोते थे। और ये मेरी कोइ बनाइ हुइ मनघँडत कहानीया नही है। इन बातो को आप खुद गाँधी व उनके समय की हस्तियों की किताबो में पढ सकते है।
गाँधी पहले तो चुप चाप लडकीयो को निर्वस्त्र करके अपने साथ सुलाते रहते थे पर जब नोआखली के दौरे में उनके निजी सचिव निमॅल कुमार बोस ने गाँधी की इस कामुकता का भाँडा फोड दिया और गाँधी के इस व्याभिचार की निँदा की और रोष प्रकट करके उनका निजी सचिव पद छोड दीया.....
(फिर इन्होने पुस्तक"My days with Gandhi' लिखी जिसमें गाँधी के ब्रह्मचयॅ के प्रयोगो का भाँडा फोड किया है ) तब इस रँगीले गाँधी ने अपनी कामुकता को ब्रह्मचयॅ का नाम दे दिया ।
गाँधी जी के बहुत सारे अनुयायीयो ने गाँधी को ऐसा न करने को समझाया....... यहाँ तक की सरदार वल्लभभाइ पटेल ने तो खुद पत्र लिखा था गाँधी को इस विषय में (इस विषय में कोइ सँशय हो तो The Viceroy's Journal पुस्तक देखे)
सीनियर लीडर जेबी कृपलानी और वल्लभभाई पटेल ने गांधी के कामुक आचरण के चलते ही उनसे दूरी बना ली थी।
गांधी जी की सहयोगी आभा के पति का तो बकायदा इस विषय में गाँधी से झघडा भी हुआ था। आभा के खुद के शब्द:"गाँधीजी ने मुझे अवश्य ये कहा की 'कपडे उतार दो' परँतु जहाँ तक मुझे याद है मैँ पेटिकोट और चौली पहने रखती थी।"
जिन लडकीयो के साथ बिस्तर पर गाँधी ने ब्रह्मचयॅ के प्रयोग कीये थे उनके साथ अमरिका स्थित प्रसिद्ध लेखक वेद मेहता ने बातचित की थी और उस पर एक पुस्तक लिखी थी Mahatma Gandhi and his Aporties।
जब बंगाल में दंगे हो रहे थे गांधी ने 18 साल की मनु को बुलाया और कहा “अगर तुम साथ नहीं होती तो मुस्लिम चरमपंथी हमारा क़त्ल कर देते। आओ आज से हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे के साथ सोएं और अपने शुद्ध होने और ब्रह्मचर्य का परीक्षण करें।”
गांधीजी के साथ सोने वाली सुशीला, मनु और आभा ने गांधी के साथ शारीरिक संबंधों के बारे हमेशा अस्पष्ट बात कही। जब भी पूछा गया तब केवल यही कहा कि वह ब्रह्मचर्य के प्रयोग के सिद्धांतों का अभिन्न अंग है।
सुशीला नायर, मनु और आभा के अलावा बड़ी तादाद में महिलाएं गांधी के क़रीब आईं। कुछ तो उनकी बेहद ख़ास बन गईं।
बंगाली परिवार की विद्वान और ख़ूबसूरत महिला सरलादेवी चौधरी से गांधी का संबंध जगज़ाहिर है। हालांकि गांधी केवल यही कहते रहे कि सरलादेवी उनकी “आध्यात्मिक पत्नी” हैं।
रेहाना तिआब नाम की लडकी को तो गाँधी जी ने 'मिसरी जैसा फूल' की उपमा दे दी थी।
गांधी जी डेनमार्क मिशनरी की महिला इस्टर फाइरिंग को प्रेमपत्र लिखते थे। इस्टर जब आश्रम में आती तो बाकी लोगों को जलन होती क्योंकि गांधी उनसे एकांत में बातचीत करते थे।
ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मैडलीन स्लैड जब हिंदुस्तान में आकर रहने लगीं तो गांधी ने उन्हें मीराबेन का नाम दिया।
गांधी की मृत्यु के बाद लंबे समय तक सेक्स को लेकर उनके प्रयोगों पर लीपापोती की जाती रही। हत्या के बाद गांधी को महिमामंडित करने और राष्ट्रपिता बनाने के लिए उन दस्तावेजों, तथ्यों और सबूतों को नष्ट कर दिया, जिनसे साबित किया जा सकता था कि संत गांधी दरअसल सेक्स मैनियैक थे। कांग्रेस भी स्वार्थों के लिए अब तक गांधी और उनके सेक्स-एक्सपेरिमेंट से जुड़े सच को छुपाती रही है। गांधीजी की हत्या के बाद मनु को मुंह बंद रखने की सलाह दी गई। सुशीला भी इस मसले पर हमेशा चुप ही रहीं।
गोल फ्रेम वाले चश्मे के पिछे छुपी उन 'आँखो की मस्तीयो …' को हमने कभी देखा ही नही
Peace if possible, truth at all costs.