12 मार्च 1993, देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में
सिलसिलेवार ढंग से होटल ,बैंक और बड़ी पब्लिक ईमारतों को निशाना बनाते हुए
13 बम धमाके हुए जिनमे 257 लोगों की मौत हो गयी और 713 लोग घायल हुए थे |
इन बम धमाकों में दाउद अब्राहिम की डी कम्पनी की संलिप्तता पायी गयी थी | देसी लुटियंस पेश करते है “मुंबई धमाकों का मुजरिम -याकूब मेनन”
1. अक्सरकर ऐसा बोला जाता है कि कम पढ़े लिखे लोग पथभ्रमित होकर जिहादी, आतंकवादी बन जाते है लेकिन याकूब मेनन चार्टेड अकाउंटेट था जो अपने भाई टाइगर मेनन के गैर कानूनी धंधों का हिसाब-किताब रखता था |
2. याकूब मेनन को नेपाल पुलिस ने काठमांडू से गिरफ्तार कर भारत के हवाले कर दिया था | मुंबई हमले का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला टाइगर मेनन अभी तक फरार है |
3. जुलाई 2007 में याकूब मेनन को मुम्बई बम धमाकों में संलिप्तता के चलते फांसी की सजा सुनाई गयी थी |
4. याकूब मेनन ने मुंबई हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा के खिलाफ याचिका दायरा की थी जिसे खारिज कर दिया गया था |
5. याकूब मेनन ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका के लिए अपील की | लेकिन याकूब मेनन की फांसी की सजा बरक़रार रही |
6. अप्रैल 2015 में याकूब मेनन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी याचिका में मेनन ने फांसी की सजा को निरस्त करने की मांग की थी | मेनन के वकील की दलील थी कि याकूब मेनन ने जेल में 19 साल गुजारे है जो उम्रकैद के बराबर है अत: याकूब की सजा कम करते हुए उसे उम्रकैद में तब्दील कर दिया जाए |
7. सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेनन की याचिका खारिज करते हुए कहा- मौत की सजा का सामना कर रहे 10 अन्य दोषी समाज के कमजोर वर्ग के थे, उनके पास रोजगार नहीं था और वह लोग मुख्य षड्यंत्रकारियों के गुप्त इरादों के शिकार बन गए।
8. फिल्म अभिनेता संजय दत्त को मुम्बई बम धमाकों में अवैध हथियार रखने के जुर्म में 5 साल की सज़ा दी गयी थी | संजय दत्त इन दिनों जेल में ही है |
9. मुंबई हमले में विशेष टाडा अदालत ने पहले भी 10 लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी | इन 10 मुजरिमों ने आरडीएक्स विस्फोटक से लदे वाहन घटना स्थल तक पहुंचाए थे |
10. 30 जुलाई 2015 को सुबह 7 बजे याकूब मेनन की फांसी की तारीख मुकर्र की गयी है | याकूब मेनन की फांसी से सम्बन्धित सुचना याकूब मेनन के घर वालों को दे दी गयी है |
11. हालांकि याकूब मेनन के पास सजा से बचने का अंतिम रास्ता क्यूरेटिव याचिका है ! अगर समय रहते ये याचिका दायर हो जाए तो याकूब फांसी से बच सकता है लेकिन याकूब के कमजोर केस को देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही है |
1. अक्सरकर ऐसा बोला जाता है कि कम पढ़े लिखे लोग पथभ्रमित होकर जिहादी, आतंकवादी बन जाते है लेकिन याकूब मेनन चार्टेड अकाउंटेट था जो अपने भाई टाइगर मेनन के गैर कानूनी धंधों का हिसाब-किताब रखता था |
2. याकूब मेनन को नेपाल पुलिस ने काठमांडू से गिरफ्तार कर भारत के हवाले कर दिया था | मुंबई हमले का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला टाइगर मेनन अभी तक फरार है |
3. जुलाई 2007 में याकूब मेनन को मुम्बई बम धमाकों में संलिप्तता के चलते फांसी की सजा सुनाई गयी थी |
4. याकूब मेनन ने मुंबई हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा के खिलाफ याचिका दायरा की थी जिसे खारिज कर दिया गया था |
5. याकूब मेनन ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका के लिए अपील की | लेकिन याकूब मेनन की फांसी की सजा बरक़रार रही |
6. अप्रैल 2015 में याकूब मेनन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी याचिका में मेनन ने फांसी की सजा को निरस्त करने की मांग की थी | मेनन के वकील की दलील थी कि याकूब मेनन ने जेल में 19 साल गुजारे है जो उम्रकैद के बराबर है अत: याकूब की सजा कम करते हुए उसे उम्रकैद में तब्दील कर दिया जाए |
7. सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेनन की याचिका खारिज करते हुए कहा- मौत की सजा का सामना कर रहे 10 अन्य दोषी समाज के कमजोर वर्ग के थे, उनके पास रोजगार नहीं था और वह लोग मुख्य षड्यंत्रकारियों के गुप्त इरादों के शिकार बन गए।
8. फिल्म अभिनेता संजय दत्त को मुम्बई बम धमाकों में अवैध हथियार रखने के जुर्म में 5 साल की सज़ा दी गयी थी | संजय दत्त इन दिनों जेल में ही है |
9. मुंबई हमले में विशेष टाडा अदालत ने पहले भी 10 लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी | इन 10 मुजरिमों ने आरडीएक्स विस्फोटक से लदे वाहन घटना स्थल तक पहुंचाए थे |
10. 30 जुलाई 2015 को सुबह 7 बजे याकूब मेनन की फांसी की तारीख मुकर्र की गयी है | याकूब मेनन की फांसी से सम्बन्धित सुचना याकूब मेनन के घर वालों को दे दी गयी है |
11. हालांकि याकूब मेनन के पास सजा से बचने का अंतिम रास्ता क्यूरेटिव याचिका है ! अगर समय रहते ये याचिका दायर हो जाए तो याकूब फांसी से बच सकता है लेकिन याकूब के कमजोर केस को देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही है |
Peace if possible, truth at all costs.