क्या भारत के पिता, महात्मा गांधी, आलोचना से बच पाये हैं? उहोंने भारत की आजादी में निर्णायक भूमिका अदा की थी, लेकिन क्या यह उन सभी पापों से उनका उद्धार कर सकता है? वास्तविकता में कहा जाय तो भारत में महात्मा गांधी को कोई छू नहीं सकता है। यहाँ तक कि न्यायालय ने कहा है कि बापू के खिलाफ कुछ भी नकारात्मक बोलने वाले को जेल की सजा हो सकती है। संविधान कहता है कि चाहे महात्मा गांधी हो या कोई अन्य नागरिक सभी समान है। अगर मैं भारत को आज़ादी दिलाने के लिये उनकी प्रशंसा कर सकता हूं, तो मुझें यह अधिकार होना चाहिये कि कहाँ पर वह पथभ्रष्ट हो गये।
गांधी में से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को हटा दिया जाय तो एक आदमी मिलेगा जिसमें सभी प्रकार की इच्छायें हैं।
सीधी बात करते हैं
विवाह योग्य के ठीक बगल नंगे सोना, नंगी महिला, उम्र 18-25, अपने नियंत्रण को जांचने के लिये नियमित अभ्यास था। यह कामुक इतिहास सनक और अंधभक्ति के साथ डाला गया है। यह आदमी के अनुभवों के साथ टकराता है। डॉ0 एल आर बाली की पुस्तक, “रंगीला गांधी” और “क्या गांधी महात्मा थे”, बतलाता है कि महात्मा गांधी की गहाराइयों में इच्छायें बैठी थीं। गांधी ने स्वयं ही स्वीकार किया है कि उच्च शिक्षा के लिये लंदन जाने से पहले मांस, दारू और सहवास से अपने को दूर रखेंगे, लेकिन वह सहवास इच्छा पर नियंत्रण नहीं रख सके। यह कहा जाता है कि गांधी दक्षिण अफ्रीका पैसा कमाने और प्रसिद्ध के लिये गये थे। दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले उन्होंने अपना भाग्य अजमाया था लेकिन वकालत में सफल नहीं हो पाये। उन्होंने अब्दुलाह एंड कं0 का प्रतिनिधित्व किया जो अवैध व्यापार में शामिल था। गांधी ने भारी भारकम फीस वसूली। 1932 में, गांधी ने 1 करोड़ और 32 लाख रूपये “तिलक स्वराज फन्ड” के नाम पर इकट्ठा किया, जिसे दलितों के उपयोग के लिये इकट्ठा किया गया था। लेकिन उन्होंने एक भी कौड़ी दलितों के ऊपर खर्च नहीं की। महात्मा गांधीने ‘अहिंसा’ के मूल्य को बताया और सभी को उसे अपनाने के लिय कहा। यहाँ तक कि, द्वितीय विश्व युद्ध के समय पर, इंगलैंड का समर्थन करने के लिये स्वयं भारतीय सेना को भेजा। तब बापू ने इसे कैसे अपना हिंसात्मक कार्य नहीं माना। दिन के दौरान, गांधी झुग्गियों में रहने वालों के साथ समय देते थे, जबकि रात में, वह बिड़ला के घर पर ऐश और आराम का आनंद लेते थे।
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गांधी ने लोगों को साधारण जीवन जीने की सलाह दी जबकि वह स्वयं, जब जेल में थे, उस परिसर में हर प्रकार की सेवा के लिये तीन महिलाओं का साथ पाकर आनंद उठाते थे।
गांधी ने ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध कई आंदोलनों को प्रारम्भ किया मगर किसी को भी अंत तक नहीं पहुंचने दिया। केवल कुछ महीनों के विरोध, गांधी ने उनमें से कई को वापस ले लिया। यह उद्देश्यों को हराता था। जिन लोगों ने इन आंदोलनों में भाग लिया उनके बलिदान का क्या हुआ? साथ ही, उन्होंने सामने आकर नेतृत्व नहीं किया। यहाँ तक कि उनके अपने पुत्र उनके दर्शन के विरूद्ध थे।
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गांधी अक्सर कहते थे कि सुभाष चंद्र बोस उनके अपने पुत्र जैसा था लेकिन महात्मा ने कांग्रेस से बाहर निकालने के लिये भूख हड़ताल किया। क्यायह दोहरा मानदंड नहीं है? गांधी ने ब्रिटिश सरकार को यहाँ तक वादा किया था कि अगर वे बोस को पाते है तो वे प्राधिकारियों को समर्पित कर देंगे।
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उन्होंने लोगों को अंधेरे में रखा। उन्होंने दावा किया कि वह भगत सिंह को बचा रहे है जबकि सत्य कुछ और था। उन्होंने भगत सिंह के संदर्भ में वॉयसराय से कभी सम्पर्क नहीं किया। यह छुपा भाव वॉयसराय और भगत सिंह के मित्र, मनमथनाथ के द्वारा उद्घाटित किया गया। भगत सिंह की बढ़ती लोकप्रियता से गांधी डरे हुये थे, वह असुरक्षित और घबराये हुये थे।
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महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत का विभाजन उनके मृत शरीर के बाद ही होगा। जबकि सच्चाई यह है कि गांधी ने स्वयं प्रस्ताव किया और पाकिस्तान के बनने की सहमति दी।
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महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि, “ मैं जाति के नियमों को पूरा करने के लिये पैदा हुआ हूं।” क्या राष्ट्रपिता को अपने एजेंडे जाति को शामिल करना चाहिये था?
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गांधी ने अस्पृश्यों के लिये एक भी मंदिर के दरवाजे गुजरात. भारत के अपने घरेलू क्षेत्र, में नहीं खुलवाया।
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अगर महात्मा गांधी आज जिंदा होते, और उन सभी कृत्यों में शामिल होते जिसे कि उन्होंने किया, तो उन्हें यौन अपराधों और अन्य अशोभनीय कार्यों के लिये गिरफ्तार किया गया होता।
jo ye photo hai na gandhi ki ek British ladki k sath nachte hue ki,is photo me gandhi nhi tha balki ek foreign artist tha jo gandhi k get up me aaya hua tha,(is bande ne jo footwear pehne hai vo gandhi nhi pehnta tha or na hi vo is style me dhoti pehnta tha or chasme bhi alag hai)
ReplyDeleteFake website date 2 oct 2017 today and its showing 1 oct
ReplyDeletegaandhi pankhndi no 1 tha
ReplyDeleteGandhi was such a cruel and pakhandi ..he deserved to get killed
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