सन 2008 की बात है देश के आर्थिक राजधानी मुम्बई पर पाकिस्तान के आतंकवादियों ने हमला किया उसमें खास कर *होटल ताज* को निशाना बनाया गया ! आतंकवादियो का एक ग्रुप उसके अन्दर घुस गया, चुन चुन कर लोगों को मारा और पूरे होटल को बर्बाद कर दिया ।
2 दिन चले कमांडो ऑपेरशन के बाद सारे आतंकवादियो को मार दिया गया और एक को ज़िन्दा गिरफ्तार किया गया...!
यहाँ तक का सारा किस्सा आप लोग जानते ही हैं ! क्योंकि घटना बहुत भयानक थी और कुछ वर्ष पूर्व ही घटी थी। अब आगे है आज इस घटना को लिखने का कारण... !
उस आतंकवादी घटना के बाद *ताज होटल के मालिक रतन टाटा ने होटल ताज की मरम्मत के लिये ग्लोबल टेंडर निकाला (ज़िसमे पूरे विश्व के देश हिस्सा ले सकते थे) अब उस टेंडर को पाकिस्तान की कम्पनी ने भी भरने की कोशिश की पर रतन टाटा ने उस पाकिस्तानी कम्पनी को इसकी अनुमति नहीं दी। और उनसे मिलने आये कम्पनी के मालिक पाकिस्तानियों से मिले बिना ही उनको अपने दफ्तर से भगा दिया था।
लेकिन दो दिन के बाद टाटा द्वारा रिजेक्ट हुए कम्पनी के पाकिस्तानी मालिक दिल्ली पहुंच गए ! कोंग्रेस की सरकार थी, अतः सीधे काँग्रेस के एक बहुत बड़े नेता के पास गए और उसे सारी बात बताई ।
उस बड़े नेता ने तुरंत *रतन टाटा* को फोन लगाया और बोला की यह पाकिस्तान के अच्छे बिजनेसमैंन हैं आप अपना काम इन्ही को दीजिये ।
इतना बोलना था कि *रतन टाटा* ने उस कांग्रेसी नेता से कहा : "YOU COULD BE SHAMELESS, I AM NOT ! (आप बेशरम और बेगैरत हो सकते हो, मैं नहीं !) और फोन काट दिया ।
जानना चाहेंगे वह कांग्रेसी मंत्री कौन था ?
वो कांग्रेसी मंत्री वही 420 आनन्द शर्मा था जो आजकल संसद में देशभक्ति की बड़ी बड़ी बातें कर के राज्यसभा में कांग्रेसियों से भयंकर हंगामा करवाता है। राज्यसभा चलने नहीं देता है। और दावा करता रहता है कि उसको देश की बड़ी चिन्ता है...।।
*इसी 420 आनन्द शर्मा ने रतन टाटा को फोन कर के ताज होटल की मरम्मत का ठेका पाकिस्तानियों को देने की सिफारिश की थी।*
Peace if possible, truth at all costs.