#कोंग्रेस जिसे हिंदू आतंकी संगठन साबित कर रही थी उस "अभिनव भारत" संगठन का इतिहास जरूर पढ़ें और शेयर करें !!

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1908 में सावरकर जी ने अंग्रेजो को भारत से भगाने के लिए एक क्रांतिकारी संगठन की नींव रखने की सोची
उससे पहले जितने भी क्रांतिकारी संगठन थे वे सभी अंग्रेजो से केवल मारपीट करके उनका विरोध करते थे जिनमें प्रमुख था बाघा जातीन दास का बंगाल क्रांतिकारी संगठन
*भारत मे सशस्त्र विद्रोह करने के लिए 1909 में सावरकर जी ने अभिनव भारत की नींव रखी जिसे कुछ मूर्ख आज आतंकी संगठन बता रहे जी जबकि ये देश का पहला सशस्त्र क्रांतिकारी संगठन था जिसने अंग्रेजो की चूलें हिला दी थी।*

सावरकर जी लोकमान्य तिलक के कहने पर लंदन में बैरिस्टर की पढ़ाई करने चले गए और वहां उन्होंने इंडिया हाउस के जरिये भारत मे क्रांतिकारियों को हथियार भेजने शुरू किए
*अभिनव भारत* के क्रांतिकारी सेनापति बापट को रूस भेजा ताकि वहां से वे बम बनाने का मैन्युअल सिख कर आ जाये।
इसके बाद मैन्युअल को भारत भेजा जिसके बाद देश के बच्चा बच्चा बम बनाने सीख गया। ये *अभिनव भारत* था जिसके कारण भगत सिंह ने बम बनाने सीखा और असेम्बली में फेंका।
इसी *अभिनव भारत* ने रूस के क्रांतिकारियों से मिल कर हथियारों की खेपों को भारत पहुंचाना जारी रखा।
1910 में सावरकर जी के गिरफ्तार होने के बाद भी अभिनव भारत की गतिविधियां रुकी नही। ये *अभिनव भारत* ही था जिसके डर से सावरकर जी को कालेपानी भेजा क्योंकि जब सावरकर जी ने क्रांतिकारी गतिविधियों को तेज करने के लिए अंग्रेजो को माफी की चिट्ठी लिखी तो अंडमान जेल का जेलर कार्डोफ सावरकर जी पर बयान देता है कि सावरकर की चिट्ठी मात्र एक ड्रामा है जबकि सावरकर अपने समय के सबसे खूंखार क्रांतिकारी है। उसके साथी उसे कालेपानी जेल तोड़कर भी बाहर निकाल सकते है इसलिए सरकार उन्हें माँगी न दे।
सावरकर को 11 साल कालेपानी में रखा उसके बाद यरवदा जेल में रखा फिर 12 साल उन्हें उनके घर मे कैद रखा गया।
1938 में उन्होंने भारतीयों से कहा कि वे अंग्रेज सेना में भर्ती हो जाये जिसके बाद *अभिनव भारत* के कई क्रांतिकारी और हिन्दू महासभा के हजारों कार्यकर्ता अंग्रेजी सेना में भर्ती हो गए ताकि उन्हें फ्री में ट्रेनिंग और हथियार मिल जाये। सावरकर जी ने कहा था एक बार हथियार हाथ मे आ जाये फिर आपके ऊपर है कि आप उसका मुंह किधर को करे
ये *अभिनव भारत* ही था जिसके क्रांतिकारियों ने सिंगापुर में भारतीय सैनिकों को विद्रोह के लिए उकसाया और उसके बाद रास बिहारी ने आजाद हिंद फौज बनाई।
1939 में ही सुभाष चंद्र बोस सावरकर जी से उनके घर पर मिले और उनकी सहायता से वे भारत से भाग कर अफगानिस्तान रूस होते हुए आजाद हिन्द फौज में मिल गए।
सावरकर जी की प्रेरणा पाकर ही बोस ने आजाद हिंद फौज के द्वारा भारत पर आक्रमण किया।
देश की आजादी के बाद 1948 में सावरकर जी ने *अभिनव भारत* को भंग कर दिया क्योंकि अभिनव भारत का उद्देश्य था स्वतंत्रता जो भारत को मिल चुकी थी।
*2005 में सावरकर जी की पुत्रवधु हिमानी सावरकर ने अभिनव भारत का पुनर्गठन किया।*
जो कहते है अभिनव भारत आतंकी संगठन है वे अपने गिरेबान में झांके।

*सावरकर जी ने गांधी की तरह बकरियों का दूध पीकर या चरखा चला कर आजादी की लड़ाई नही लड़ी वो कालेपानी में रोज कोल्हू की तरह जुतकर 30 मन तेल निकालते थे तो कभी हार रोज 100 नारियल छीलते थे और कोड़े खाकर वन्देमातरम बोलते थे।*
सावरकर जी न होते तो कोई भगत सिंह, आजाद, बिस्मिल, बोस या पटेल न होता।

जो कहते है अभिनव भारत आतंकी संगठन है वो कभी इस संगठन के बारे में कुछ जानते तो सही।
जो नही जानते वो ये पढ़े की अभिनव भारत न होता तो अंग्रेज आज भी इसी देश मे होते।
ये अभिनव भारत है जिसके क्रांतिकारियों ने देश के उन क्रांतिकारियों को जन्म दिया जिन पर फिल्में बनती है पर अभिनव भारत पर फ़िल्म नही बनी तो क्या वो एक आतंकी संगठन हो गया ?

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