विश्व की पहली रिकार्डिंग वेद का पहला मंत्र

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विश्व की पहली रिकार्डिंग वेद का पहला मंत्र

1876 में थॉमस अल्वा एडिसन ने ग्रामोफोन की खोज की,, जिसे आजकल आप टेपरिकार्डर के तौर पर जानते हैं,,

वह उत्साहित था कि सबसे पहली आवाज इसमें किसी महापुरुष की हो,, एडिसन मैक्समूलर के पास गया और उनकी आवाज रिकॉर्ड करने को कहा,,

मैक्समूलर ने कहा--मेरी अकेले की आवाज रिकॉर्ड करने में क्या सार है,, एक सभा की जाए और सवाल जवाब के माध्यम से जो संवाद हो वो रिकॉर्ड किया जाए जो यादगार होगा,,

जैसे पूरी दुनिया में कार्य शुरू करने से पहले अलग अलग देवताओं का नाम लेकर शुरुआत की जाती है,,
ठीक वैसे ही दुनिया की पहली #रिकार्डिंग की शुरुआत मैक्समूलर ने ये बोलकर की--

अग्निमिळे पुरोहितं यज्ञस्य देवमऋत्विजम ! होतारं रत्नधातमम् ll

जी हां #ऋग्वेद का प्रथम मंत्र बोलकर एक विदेशी ने अपनी सबसे बड़ी खोज की शुरुआत की
और कहा कि मैं भारत के #ऋषि मुनियों को प्रणाम करता हूँ,, विश्व को इतनी अद्भुत ज्ञान संपदा देने के लिए,,

अब हम अपने अंतर्मन में भी झांके कि क्या हमको आज से पहले ये पता था कि वेदों का प्रथम #मन्त्र कौनसा है??जो कि एक विदेशी जानता था,,

हम ये भी देखें कि आप अपने जन्मदिन व उद्घाटन रिबन--केक काटकर करते हैं या वेद का मन्त्र बोलकर

आइये, वापस अपनी सँस्कृति की ओर लौटिए

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