सही मार्गदर्शन के अभाव में 11 हिन्दूओ घर बर्बाद हो गया..

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ये हिन्दू लड़की जानती थी, कि उमर सैद की शादी १५ साल पहले ही  हो चुकी थी और उसके चार भी बच्चे है l

फिर भी इस लड़की ने अपने परिवार के विरोध के बावजूद  धर्म परिवर्तन करके अपना नाम "आयशा" रख लिया, और निकाह करके उसके साथ रहने लगी थी l

लड़की के परिजन इससे नाराज थे, तो इससे नाराज होकर  लड़की के  पिता और भाइयों ने इस आदमी की ह्त्या कर दी।

जिसके बाद इस लड़की ने  पुलिस को सारे साक्ष्य उपलब्ध कराकर अपने ही पिता और भाइयों को जेल भिजवा दिया ।

अब उनको शायद आजीवन कारावास हो सकता हैl मर्डर जो किया थाl

दरअसल, उमर सैद मदरसे में मौलवी के तौर पर बच्चों को पढ़ाने का काम करता था, और झाड़-फूंक का काम भी करता था।

करीब सात वर्ष पूर्व २०१५  में  उसकी मुलाकात  मंगलेश्वर गांव के  निवासी जसवंत सिंह से हुई। उसने ताबीज़ एवं झाड़-फूंक से इलाज करने की बात कही थी। जिसके चलते उमर का उसके घर आना जाना लगा रहा और उसके बाद वह उसके परिवार की महिलाओं और पुरुषों को ताबीज देने के लिए आने जाने लगा।

संपर्क में आने के बाद उमर ने  जसवंत से कई बार में पौने तीन लाख की धनराशि उधार भी लिया। जिसे उसने कभी वापस लौटाया भी नहीं ।

इस दौरान जसवंत की बेटी से  उसकी मुलाकात हुई और प्रेम सम्बन्ध हुआ । जब दोनों के संबंधों का पता जसवंत सिंह और उसके परिवार वालों को लगा तो उन्होंने दोनों को समझाया।

लेकिन युवती उमर के पास हथीन आ गई और  धर्म परिवर्तन कर "आयशा"  बनकर उमर के साथ रहने लगी थी।

तो इस  ह्त्याकाण्ड  के बाद पुलिस ने जसवंत सिंह  के साथ अन्य १० लोगों ( सतवीर सिंह, रविंद्र, बीरसिंह, सूबेसिंह,धर्मवीर, सतपाल सिंह, सतेंद्र सिंह, हवासिंह, नरेंद्र लोहिया,चरणसिंह ) के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था l

इस घटना में ध्यान देने योग्य बात ये था कि अगर परिवार में किसी प्रकार की  कोई समस्या थी तो हिन्दू धर्म में इतने सारे ज्योतिषी / वास्तुशास्त्री / पुजारी /पंडित / है,तो  क्या आवश्यकता थी एक मौलवी को अपने घर बुलाकर झाड़-फूंक और इस्लामिक ताबीज़ बनवाकर अपने घर की महिलाओं को  उससे  बंधवाने की l अगर इस बात का ध्यान रखा होता तो ये सभी ११ हिन्दू आज जेल में बैठे नहीं होते l

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यह तो थी समस्या 

यह समस्या उत्पन्न क्यों हुई ?

सही मार्गदर्शन के अभाव में 

सही मार्गदर्शन कैसे मिलेगा ? 

गुरुकुलों से निकले धर्मगुरु ही सही मार्गदर्शन दे सकतें हैं ।इसके लिये गुरुकुलों को पुर्नजीवित करना होगा । 


गुरुकुलों को किसने समाप्त किया ?

आज़ादी से पहले अंग्रेज ने 

आज़ादी के बाद सरकार ने ।


क्यों समाप्त किया ।


तांकि हिन्दू समाज बिखर जाए और पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में आ जाये । सरकार की गलत नीतियों को पहले गुरुकुलों से निकले धर्मगुरु चुनौती देते थे । गुरुकुलों के समापन के साथ यह चुनोती समाप्त हो गई ।


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