अब पाकिस्तान भी गिड़गिड़ाया अल्लाह के लिए आमिर की मूवी लाल सिंह चड्ढा का बायकॉट ना करो!?

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*अब पाकिस्तान भी गिड़गिड़ाया रहा है *... 

*अल्लाह के लिए आमिर की मूवी लाल सिंह चड्ढा का बायकॉट ना करो!?* 

*गजवा ए हिंद के समर्थक पाकिस्तान के मौलाना तारिक जमील ने गिड़गिड़ाते हुए ये कहा* है कि *मेरे शागिर्द आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा को फ्लॉप ना करो!?*

ये बात एक बार फिर स्पष्ट हो गई है कि आमिर खान और पाकिस्तान की क्या सांठ गांठ है। 

*जब आमिर खान मक्का मदीना में हज करने गया था तब आमिर खान के साथ पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और पाकिस्तान के मौलाना तारिक जमील का फोटो सामने आया था।* 

ये सब लोग पाकिस्तान में भारत के खुले दुश्मन हैं और इन लोगों के साथ आमिर की सांठ गांठ है। 

*RAW के कुछ पूर्व अधिकारी नाम ना छापने की शर्त पर ये बताते हैं कि उनके पास खुफिया इनपुट्स हैं कि आमिर खान के रिश्ते पाकिस्तान के अंदर हैं और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी भारत की आर्मी को बदनाम करने के लिए बॉलीवुड से ऐसी मूवी बनवाते हैं जिससे भारत की सेना बदनाम हो!?*

अब जानकारी ये मिल रही है कि *लाल सिंह चड्ढा जिसको फिल्म में अजीब अजीब हरकतें करते दिखाया गया है और जिसका आईक्यू लेवल काफी कम दिखाया गया है उसको भारतीय आर्मी में भर्ती होते दिखाया गया है!?* जबकि *भारत की आर्मी में कभी भी कम आईक्यू लेवल वालों की भर्ती नहीं होती* है तो ये *पीके खान द्वारा हमारे देश की सेना का मजाक उड़ाने का अभद्र प्रयास है!?*

लाल सिंह चड्ढा  एक विशुद्ध कम्युनिस्ट पाकिस्तानी एजेंडा फिल्म है और ये देखने वाले के अवचेतन मस्तिष्क में सेना के प्रति घृणा भरती है। 

*इस फिल्म की हिरोइन, तैमूर की अम्मी करीना खान से पीके आमिर खान से एक सीन में कहता है* कि... *"मेरी माँ मुझे कहती हैं कि फौज में चला जा पर मुझे किसी को मारना अच्छा नहीं लगता है!?"*  

*यदि आप गौर से इस डॉयलॉग को बार बार पढ़ेंगे तो इस डायलॉग की गंभीरता और एजेंडे को आप अवश्य समझ पाएंगे!?*

ये डायलॉग लोगों के अवचेतन मस्तिष्क में ये विचार डाल रहा है कि भारतीय सेना में जो हमारे जवान बच्चे लोग जाते हैं उनका *लोगों को मारने का मन* करता है!? सैनिक सबको जीने दो वाली भावना वाले नहीं होते, *सैनिक अमानवीय क्रूर* होते हैं। 

और सैनिक जिनको मारते हैं, वो *देश के दुश्मन, आतंकी, जेहादी नहीं बल्कि केवल लोग* हैं। इसने आतंकी शब्द को लोग शब्द से डायल्यूट कर दिया।

वाह रे... *पीके खान ऊपर से कहता है देश से प्रेम है, जोकर वाली सेम एक्टिंग जो पीके में थी और एजेंडा भी भारत विरोधी!?*

करीना इस बात पर एक बढ़िया से इम्प्रेस होने वाली स्माइल देती है, मतलब *लड़कियों को ऐसे लोग पसंद हैं जो किसी को मारना नहीं चाहते!?* 

ध्यान रहे आमिर यह कभी नहीं बोलेगा कि *मुझे देश के दुश्मनों को मारना पसंद नहीं...* क्योंकि सीधी तरह से बात बोलता तो इसका *एजेंडा उल्टा पड़ जाता इसलिए बोलना वही चाहता है, पर लोगों के दिमाग में घुमाकर* बात डाल रहा ताकि, तो उनको पता भी न चले और एजेंडा भी कायम रहे!

आमिर की फिल्म *थ्री इडियट के कुछ प्वाइंट भी आपको नोट करने चाहिए!*

फिल्म का एक बहुत ही मशहूर दृश्य है जब चतुर स्टेज पर भाषण देता है, जिसमें *देववाणी संस्कृत का मजाक उड़ाया गया।* एक नजर फिल्म में *चतुर के किरदार पर डालिए, कॉलेज में या पूरी फिल्म में, उसे मजाकिया किस्म का धूर्त पात्र बनाया गया है, आप कहेंगे तो इसमें क्या था?* 

तो इसका उत्तर है चतुर का पूरा नाम। चतुर रामलिंगम। *इसमें भगवान राम का नाम है, जिसका अपमान किया गया, अपने पैगम्बर के नाम से ऐसा नहीं करता कभी!?*

अब रेंचो यानि आमिर के दोनों मित्रों की तुलना कीजिए, *जिसमें एक का नाम फरहान (मुस्लिम) था और दूसरे का नाम राजू।*  

मुस्लिम दोस्त जब अपने पिता से कहता है कि उसका शौक फोटोग्राफी है तो थोड़ी ना नुकुर के बाद उसके अब्बा मान जाते हैं, *मतलब मुस्लिम प्रोग्रेसिव सोच के होते हैं!?* और उनका घर भी बढ़िया दिखाया गया है, जिसमें हर चीज बड़े करीने से रखी हुई थी। 

अब राजू के घर चलते हैं, अब क्योंकि राजू हिंदू है, तो मजाक तो उड़ेगा ही। याद कीजिए राजू की मां जब अपनी गरीबी का हवाला देते हुए खाना परोसती है, तो उसे अपने बीमार पति की छाती बेलन से खुजाते हुए दिखाया गया है। तो पीके का *मतलब ये कि हिंदू खाना बनाते समय साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते।*

इसके अलावा करीना कपूर ने भी हिंदुओं को धमकाते हुए कहा है कि अगर वो फिल्म नहीं देखना चाहते तो ना देखें इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है ! 

शाहरुख खान ने भी असहिष्णुता वाली मुहिम चलाई है अब कई साल बीत चुके हैं लेकिन उनकी हर फिल्म पिटती चला गई । दिलवाले, रेस, जीरो ये सब शाहरुख की फिल्में हैं जो पिट गईं । 

*आमिर की फिल्म पीके में दिखाया गया कि हिंदू 20 रुपए का दूध शिवलिंग पर ना चढाएं बल्कि किसी बच्चे को पिलाएं अब हिंदू ये कह रहा है कि वो आमिर की फिल्म का 200 रुपए का टिकट नहीं खरीदेंगे और 10 गरीब बच्चों को दूध पिलाएंगे!?*

आमिर खान खुद *हिंदुओं को ज्ञान देता है लेकिन उसके मजहब में बुर्का, तीन तलाक, हलाला, मिश्याह, मुताह जैसी मजहबी रीति रिवाज हैं, जिस पर आमिर ने कभी कुछ नहीं कहा।* 

जबकि *आमिर खुद एक कट्टर मुस्लिम है, और मक्का की यात्रा में शैतान को पत्थर भी मारता है, लेकिन हिंदुओं को उदारता का ज्ञान देते हुए ये कहता है कि उसकी पत्नी को लगता है कि देश में असहिष्णुता काफी बढ़ गई है!?*... 

जो भी हो, हिंदुओं के देवी देवताओं, महादेव शिव, गणेश, कार्तिकेय का अपमान करने वाले पीके खान अपनी हद पार कर चुका है, इसको लगा अब सेना का भी अपमान कर लेगा, कुकी नहीं होगा तो हिंदुओं, पीके वालों का भरोसा नहीं इसलिए अब हम सभी को मिलकर *जेहादी आमिर खान को सबक सिखाने का वक्त अब आ गया है*

और शायद यही वजह है की फिल्म फ्लाप होने के कगार पर है, ये स्क्रीनिंग से साफ हो गया है की *हिंदुओं ने पाकिस्तानी खान, यानी पीके खान का पूरा बायकॉट करने का मन बना लिया है!?* सुना है... इसका साथ देने वाले *सोनी की टीआरपी भी चली जायेगी और अमिताभ के रेट भी डाउन हो जाने हैं, इनके यही हाल रहे तो!?*

*बहुसंख्यक हिंदुओं के समर्थन से बने राजनेता, अभिनेता जब हिंदुओं के खिलाफ होते हैं तो उनका क्या हाल होता है, ये कांग्रेस से तय हो चुका है!?* 

अब *ओमन, बोमन, ईरानी हो या फिर पीके पाकिस्तानी, यही हाल रहा तो ये सारे के सारे जायेंगे, तुर्की डिस्पोजेबल प्लेट में खाने, क्योंकि यहां पड़ने वाले हैं इनको रोटी और बोटी के लाले!?*

कह रहा था एक फिल्म नहीं देखोगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, *फर्क तो पड़ता है भाई!?* पड़ना भी चाहिए!

*फिल्म देखने से ज्यादा मजा तो आजकल* लगता है *बहिष्कार* का हो गया है, *और किसको करवाना है!?* सुना है *तापसी और अनुराग भी इंटरव्यू में कह रहे* थे *हमारा भी बहिष्कार कर दो, कोई!?*

*पीके की फाइल खत्म हो जाए तो उन सभी की बननी चाहिये, जो भी बहिष्कार के लिए डेस्परेट लग रहे हैं!?*

बननी चाहिए की नहीं!?
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