एक चैनल था.. NDTV

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जिस संस्था की बुनियाद झूठ फरेब और धोखाधड़ी पर रखी गई हो उसका यही हश्र होगा।


आज जहर की दुकान पर ताला लग गया जहां करैत सांप रोज रात के नौ बजे ज़हर उगलता था।

देश के खिलाफ, हिंदूत्व के खिलाफ फुंफकारने वाले के विषदंत तोड़ दिए गए हैं .

अब वह यू ट्यूब पर जाएगा जहां उसके जैसे कई संपोले बिच्छू कौकरोच सड़ रहे हैं।


बात पुरानी है भास्कर घोष भारत सरकार का बहुत शक्तिशाली आई ए एस अफसर था।

वह आकाशवाणी का महानिदेशक था। 

फिर जब दूरदर्शन आया तो वह प्रसार भारती का सर्वेसर्वा हो गया।

 मंडी हाउस में कोई भी सीरियल या डाक्यूमेंट्री बिना भास्कर घोष की मर्जी के पास नहीं हो सकता था। प्रणव रॉय उस समय भारत के गिने चुने पत्रकार और समीक्षक थे।

सही मायने में वह हिंदुस्तान के पहले  Psephologist थे। चुनाव परिणामों की समीक्षा का ट्रेंड उन्होंने ही शुरू किया था।


 भास्कर घोष ने उन्हें मतलब प्रणव रॉय को दूरदर्शन पर एक टाइम स्लौट दे दिया जिसमें वे The world this week प्रस्तुत करने लगे। 

यह कार्यक्रम बहुत मशहूर हुआ। हिट हो गया समझिए। प्रणव रॉय की कंपनी का नाम था The New Delhi Television , संक्षेप में NDTV ....इसकी लोकप्रियता का यह आलम था कि इसी नाम की एक शशि कपूर की फिल्म भी 1986 में बनी न्यू देहली टाइम्स जिसमें एक पत्रकार सरकार के घोटाले उजागर करता है।


एक दिन प्रणव रॉय ने अपनी इच्छा प्रकट की अपना न्यूज चैनल शुरू करने की।

 तब तक भास्कर घोष सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव बन गए थे। 

भास्कर घोष ने प्रणब राय को नो आब्जेक्शन देने की सहमति दे दी क्योंकि उस समय तक दूरदर्शन का एकाधिकार था। लेकिन उनकी एक शर्त थी कि उनकी बेटी दामाद को भी नये चैनल में रखा जाए 

प्रणव रॉय ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया।

भास्कर घोष की बेटी थी सागरिका घोष और दामाद राजदीप सरदेसाई।

 7000 रुपए प्रति माह पाने वाले राजदीप सरदेसाई को 75000 रूपये महीने पर रखा गया और सागरिका घोष तो मालकिन ही थी।

 प्रणव रॉय के साढ़ू प्रकाश करात भी अपनी पत्नी वृंदा करात के साथ नये चैनल की बुनियाद रखने लगे।

 एक पत्रकार अभिसार शर्मा भी आ गया। क्योंकि उसकी पत्नी सुमोना सेन इनकम टैक्स कमिश्नर थी। 

कांग्रेस के नेता आर पी एन सिंह की पत्नी सोनिया सिंह भी आ गई। 

जम्मू कश्मीर बैंक के मालिक हसीब दर्बू की मित्र बरखा दत्त आ गई और उमर अब्दुल्ला की मित्र निधि राजदान भी चली आई।

 इस तरह घोर सेकुलर वामपंथी विचारधारा के लोगों का गढ़ बन गया एन डी टी वी।


लेकिन एक घटना ऐसी हुई जो अप्रत्याशित थी ।

जब नये चैनल के लिए महंगे उपकरण जैसे कैमरे,माईक,साऊंड मिक्सर आदि का आयात किया जाने वाला था तभी भास्कर घोष ने बताया कि अभी अभी एशियन गेम्स के रंगीन प्रसारण के लिए जो उपकरण आए हैं वे सब दूरदर्शन कार्यालय में ऐसे ही पड़े हुए हैं। उन्हें ले जाओ

तो एन डी टी वी दूरदर्शन के उपकरणों के साथ शुरू हो गया और अनगिनत टेप और कैसेट भी मुफ्त में मिल गया।

  एवज में भास्कर घोष के दामाद राजदीप सरदेसाई को एडीटर बना दिया गया।


 उसी समय स्टार टीवी ने जब भारत में प्रसारण की अनुमति मांगी तो भास्कर घोष ने एक शर्त रखी कि उसे एन डी टी वी के साथ ज्वांइट वेंचर में काम करना होगा और आपको जानकर हैरानी होगी कि एन डी टी वी का रूतबा ऐसा था कि स्टार टीवी की लौंचिंग पार्टी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के पी एम आवास में हुई।


🙏अडानी ने लोकतांत्रिक तरीके से उस आतंकी अड्डे को ध्वस्त कर दिया है। आप लाख गालियां दें लेकिन अडानी ने जो किया है उसके लिए उसे बारंबार नमस्कार🙏


🙏अडानी व्यापारी है वह चाहता तो इन पैसों से और कोई धंधा कर लेता🙏

🙏लेकिन हमें हमेशा यह याद रहेगा कि कोई तो था जिसने जनमानस में घुसे इस कांटे को निकाल फेंका🙏

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Peace if possible, truth at all costs.

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