मुस्लिमो से वफादारी की आस.. !??

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मुस्लिमो से वफादारी की आस मत करो हिन्दुओ। 1946 में जब ना आजादी मिली थी और ना बाबा साहेब का संविधान बना था, तब भी अखंड भारत के 99.99% मुस्लिमों ने पाकिस्तान बनवाने के लिए हुए जनमत संग्रह में जिन्ना की मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। जो .1% बचे मुस्लिम थे उन्हें भारत की राजनीति में उच्च मंत्री पदों का प्रलोभन देकर पहले ही खरीद लिया था कांग्रेस ने।

 

ये जो आज शुद्रों से दलित वर्ग में कन्वर्ट हुए लालची मुस्लिमी ग़द्दारों के साथ मिलकर जय भीम जय मीम चिल्ला रहे हैं, इन्होंने भी हिन्दुओ से गद्दारी करके एक अलग देश दलितिस्तान लेने के सपने पाल कर जिन्ना की मुस्लिम लीग को वोट दिया था।

 

1946 में देश में 7 करोड़ मुसलमान थे, पाकिस्तान बनवाने के लिए हुए जनमत संग्रह में जिन्ना की मुस्लिम लीग को 9 करोड़ से ज्यादा लोगों ने समर्थन किया था। सोचिए 7 करोड़ मुस्लिम तो पाकिस्तान बनाने के पक्ष में समर्थन दिए, मगर 2 करोड़ दलितों ने जोगेंद्र नाथ मण्डल की अगुवाई में पाकिस्तान बनने के बाद जिन्ना द्वारा अलग देश दलितिस्तान बनाकर दिए जाने के जय भीम जय मीम के वादे के लोभ में आकर मुस्लिम लीग का समर्थन किया था।

 

यही कारण था कि पाकिस्तान की आबादी में 23% आबादी दलितों की थी पाकिस्तान बनने के समय, 1946 भवन बंगाल में मुस्लिमों द्वारा हिन्दुओ के कत्लेआम की भड़की हिंसा के बावजूद भी गाँन्धी ने कांग्रेस के स्थायी वोटबैंक 3 करोड़ मुस्लिमों को भारत में रोक दिया।

 

ये वो मुस्लिम थे जो हिंसा षड्यंत्र रचने में माहिर थे, आधे से मुस्लिम राजनीतिक लोग कांग्रेस से जुड़े होने के कारण अपने तमाम समर्थकों के साथ भारत में ही रुक गए और गाँन्धी कि मौत से पहले उसके बाद के कांग्रेसी नेताओं नेहरू जैसे हरामखोरों से सांठगांठ करके भारत में शिक्षा मंत्री जैसे उच्च पदों पर काबिज हो गए। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने हिन्दुओ के बच्चों के लिए ऐसा पाठ्यक्रम तैयार करवाया कि 30 लाख हिन्दुओ के कत्लेआम की कीमत पर हुए बंटवारे के असली मुस्लिमी पापों को उजागर ही नहीं होने दिया।

 

इसके उलट करोडों हिन्दुओ के कत्लेआम के गुनाहगार 19 मुसलमान आक्रांताओं को कभी मुगल, कभी गजनवी, कभी गौरी, कभी लंग, कभी ऐबक, कभी खिलजी के रूप में प्रचारित किया, ताकि हिन्दू इन सभी आतंकवाद के जिम्मेदार मुसलमानों को अलग अलग नामों की पहचान में ही उलझता रहे। जबकि सच्चाई ये थी कि ये सब इस्लाम धर्म को भारत में थोपने, हिन्दुओ का कत्लेआम के मार्फ़त धर्मपरिवर्तन करवाने, धनदौलत लूटने के लिए आए हुए मुसलमान ही थे।

 

हिन्दुओ हमें बहुत बड़े धोखे में रखा गया है 72 सालों तक, ये जो दलित मुस्लिम 1946 में हम हिन्दुओ के नहीँ हुए तो अब क्या होंगे, तब तो ना तो संविधान लिखा गया था और ना ही पाकिस्तान बना था।

 

ये तब भी भारत के टुकड़े टुकड़े करने वालों के साथ थे और आज भी ये सब अलग अलग राजनीतिक दलों के साथ JNU, AMU, जामिया मिल्लिया इस्लामिया बंगाल की जाधोपुर जैसी यूनिवर्सिटीयों में छुपे बैठे छात्र छात्राओं के रूप में, अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, मायावती, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह, लालू प्रसाद यादव, ममता बनर्जी जैसे जोगेंद्र नाथ मण्डल रूपी अलग देश चाहने की महत्वाकांक्षी सपने को देखकर भारत के टुकड़े टुकड़े करने वालों को शैक्षिक राजनीतिक, आर्थिक, बौद्धिक संरक्षण देकर भारत में 72 सालों से पाल पोस रहे हैं।

 

ये 1946 में भी गद्दार थे और 2023 में भी गद्दार ही है।

 

आज राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मायावती, चन्द्रशेखर रावण, सोनिया गाँन्धी, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया मीडिया दलालों के शाहिन बाग जैसे मिनी पाकिस्तान का समर्थन करने से आश्चर्यचकित मत हो जाओ हिन्दुओ। ये सब 1947 में बंटवारे के दूसरे दिन से ही एक और बंटवारे के लिए काम करने के षड्यंत्र शुरू कर चुके थे।

 

इसी मंशा से तो धर्म आधारित बंटवारे के बाद भी भारत में लाँखो करोड़ों हिन्दुओ के हत्यारों को रोका था गाँन्धी के जिंदा रहते हुए भी और गाँन्धी वध के बाद भी।

 

ये सब आज के भारत में से एक अलग देश बनाकर पुनः राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने अपनी अपनी औकात के हिसाब से मंत्री पद पाने की जुगाड़पंथी में 2014 से ही लग गए थे। ये तो अपनी अपनी राजनीतिक पार्टियों को बनाने के समय से ही इन्ही मंसूबो को पाल पोस रहे थे। मगर तब केंद्र में कांग्रेस के होने से इन्हें अपने अस्तित्व को कोई खतरा अधिक नहीं हो रहा था।

 

ये सब क्षेत्रीय दलों के रूप में अपने अपने राज्यों में हिन्दुओ को जातियों में बांट कर मुस्लिमों ईसाइयों के संरक्षण इस्लाम ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार में लगे हुए थे हिन्दुओ के टैक्स के पैसों से। मगर 2014 में हिन्दुओ की ईश्वरीय शक्ति के रूप में नरेंद्र मोदी के सत्तासीन होने के बाद से ही इन सब गद्दार राजनीतिक दलों को अपना अस्तित्व खत्म होने का डर खुलेआम नजर आने लग गया। क्योंकि इन सबको संरक्षण देने वाली कांग्रेस

 

सोनिया गांधी एंड कंपनी अपनी पूरी ताकत पाकिस्तान के भारत में बैठे आंतरिक ग़द्दारों को उकसाने के बाद भी नरेंद्र मोदी का बाल भी बांका नहीँ कर पाने के हालात समझ में गए हैं।

 

इसलिए ये सब अब एक बार पुनः 1946 वाला माहौल पैदा करने के लिए देश में अलग अलग जगह पर मुस्लिमों इनकी संरक्षण करती राजनीतिक पार्टियों को आगे करके शाहिन बाग जैसे षड्यंत्र रचा रही है।

 

जागो हिन्दुधर्म के मूर्तिपूजक काफिरों, गद्दारों को तो एक और बंटवारा चाहिए, अगर हम हिन्दुओ को भारत चाहिये और वो भी हिन्दुओ के लिए एकदम सुरक्षित, तो सिर्फ एक विकल्प बचा है, आंख मूंदकर नरेंद्र मोदी सरकार के बनाये जा रहे कानूनों नियमों का पूरे देश में समर्थन करते हुए कार्यक्रम करें, रैलियां निकाले, सोशल मीडिया पर समर्थन का सैलाब उमड़ाऐं, तभी दुनिया को लगेगा कि 1200 साल बाद पुनः हिन्दू जाग उठा है, और अपने अखंड भारत के सपने को पुनः स्थापित करने के लिए नरेंद्र मोदी के साथ उठ खड़ा हुआ है

 

जागो और जगाओ

 

 

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1Comments

Peace if possible, truth at all costs.

  1. इस्लाम में बुरखा कैसे और क्यों आया हैं?
    https://youtu.be/TL88Odi244Q

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