१) - सूरज दलदल में ड़ूब जाता
है."यहाँ तक कि वह सूर्यास्त की जगह पहुँच गया,उसने देखा कि सूरज एक काले
कीचड़(muddy spring ) में ड़ूब रहा था. सूरा .अलकहफ़
(कुरान 18 :86). www.quran.com/18/86 .-->
२) - अल्लाह ने प्रथ्वी को ठहरा रखा है."वह कौन है ,जिसने प्रथ्वी को एक स्थान पर ठहरा दिया है. (made the earthfixed ) सूरा -अन नमल
( कुरान 27 :61). www.quran.com/27/61 .-->
३) - धरती झूलती रहती है."वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना बनाया (restling झूला)सूरा - अज जुखुरुफ (कुरान ़ 43 :10). www.quran.com/43/10 .-->
४) - धरती फैलायी जा सकती है. "और धरती को जैसा चाहा फैलाया (spreadthe earth )सूर -अस शम्श (कुरान 91 :6). www.quran.com/91/6 .-->
५) रात और दिन लपेटे जा सकते है."और वह रात को दिन पर लपेटता है एवं दिन को रात पर लपेटता है.सूरा - अज जुमुर (कुरान 39 :5). www.quran.com/39/5 .-->
६) - वही है जिसने तुम्हारे लिए जमीन को फर्श और आसमान को छत बनाया, और आकाश से पानी उतारा। कुरान 2:22. www.quran.com/2/22 .-->
7) अल्ला ने आकाश को धरती पर गिरने से रोक रखा है (कुरान 22:65) भाई आकाश क्या है ???? कोई छत या दिवार है क्या ???? . www.quran.com/22/65 .-->
8) यहाँ इस आयत में क़ुरान का अल्लाह का इल्म न जाने कौन से ज्ञान से प्राप्तकिया की धरती को फैला दिया -क्या धरती चपटी है या चटाई है जो फैला दिया - किसी को समझ आयेतो बताना - kuran79:30. www.quran.com/79/30 .-->
9) निश्चय ही इसके लिए ( चंद्रमा पर जाने के लिए ) तुम्हें एक के बाद एक सीढी चढ़ना पड़ेगीं "सूरा -इन शिकाककुरान 84 :18 , 84:19. www.quran.com/84/18 .. www.quran.com/84/19 .-->
10) अल्लाह ने कहा कि ,हे मनुष्य और जिन्नों के समूहों यदि तुम में सामर्थ्य हो तो ,इस धरती की परिधि से निकल कर आकाश की सीमा में प्रवेश करके अन्दर घुसकर आगे निकल जाओ " सूरा -रहमान (कुरान 55:33). www.quran.com/55/33 .-->
11) न तो तुम धरती की सीमा से बहार निकल सकते हो ,और न आकाश की सीमा में प्रवेश कर सकते हो "सूरा - अनकबूत (कुरान 29:22). www.quran.com/29/22 .-->
12) जब आकाश की खाल उतार ली जाएगी (कुरान 81:11) . www.quran.com/81/11 . -->
13) अल्ला ने आकाश को बिना पिलर के उचा उठाया है (कुरान 13:2) . www.quran.com/13/2 . -->
14) कयामत के दिन अल्ला आकाश को ऐसे लपटेगा जैसे किताब को पन्ने मे लपेटते है (कुरान 21:104) . www.quran.com/21/104 . -->
15) अल्ला चाहे तो आकाश के टूकडे गिरा दे (कुरान 34:9) . www.quran.com/34/9 . -->
16) अल्ला ने आकाश को बनाया फ़िर उसकी उचाई खूब उचा करके उसे ठिक ठाक किया (कुरान 79:28) . www.quran.com/79/28 .
(कुरान 18 :86). www.quran.com/18/86 .-->
२) - अल्लाह ने प्रथ्वी को ठहरा रखा है."वह कौन है ,जिसने प्रथ्वी को एक स्थान पर ठहरा दिया है. (made the earthfixed ) सूरा -अन नमल
( कुरान 27 :61). www.quran.com/27/61 .-->
३) - धरती झूलती रहती है."वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना बनाया (restling झूला)सूरा - अज जुखुरुफ (कुरान ़ 43 :10). www.quran.com/43/10 .-->
४) - धरती फैलायी जा सकती है. "और धरती को जैसा चाहा फैलाया (spreadthe earth )सूर -अस शम्श (कुरान 91 :6). www.quran.com/91/6 .-->
५) रात और दिन लपेटे जा सकते है."और वह रात को दिन पर लपेटता है एवं दिन को रात पर लपेटता है.सूरा - अज जुमुर (कुरान 39 :5). www.quran.com/39/5 .-->
६) - वही है जिसने तुम्हारे लिए जमीन को फर्श और आसमान को छत बनाया, और आकाश से पानी उतारा। कुरान 2:22. www.quran.com/2/22 .-->
7) अल्ला ने आकाश को धरती पर गिरने से रोक रखा है (कुरान 22:65) भाई आकाश क्या है ???? कोई छत या दिवार है क्या ???? . www.quran.com/22/65 .-->
8) यहाँ इस आयत में क़ुरान का अल्लाह का इल्म न जाने कौन से ज्ञान से प्राप्तकिया की धरती को फैला दिया -क्या धरती चपटी है या चटाई है जो फैला दिया - किसी को समझ आयेतो बताना - kuran79:30. www.quran.com/79/30 .-->
9) निश्चय ही इसके लिए ( चंद्रमा पर जाने के लिए ) तुम्हें एक के बाद एक सीढी चढ़ना पड़ेगीं "सूरा -इन शिकाककुरान 84 :18 , 84:19. www.quran.com/84/18 .. www.quran.com/84/19 .-->
10) अल्लाह ने कहा कि ,हे मनुष्य और जिन्नों के समूहों यदि तुम में सामर्थ्य हो तो ,इस धरती की परिधि से निकल कर आकाश की सीमा में प्रवेश करके अन्दर घुसकर आगे निकल जाओ " सूरा -रहमान (कुरान 55:33). www.quran.com/55/33 .-->
11) न तो तुम धरती की सीमा से बहार निकल सकते हो ,और न आकाश की सीमा में प्रवेश कर सकते हो "सूरा - अनकबूत (कुरान 29:22). www.quran.com/29/22 .-->
12) जब आकाश की खाल उतार ली जाएगी (कुरान 81:11) . www.quran.com/81/11 . -->
13) अल्ला ने आकाश को बिना पिलर के उचा उठाया है (कुरान 13:2) . www.quran.com/13/2 . -->
14) कयामत के दिन अल्ला आकाश को ऐसे लपटेगा जैसे किताब को पन्ने मे लपेटते है (कुरान 21:104) . www.quran.com/21/104 . -->
15) अल्ला चाहे तो आकाश के टूकडे गिरा दे (कुरान 34:9) . www.quran.com/34/9 . -->
16) अल्ला ने आकाश को बनाया फ़िर उसकी उचाई खूब उचा करके उसे ठिक ठाक किया (कुरान 79:28) . www.quran.com/79/28 .
श्री सागर ढोकने
ReplyDeleteकुछ जाहिल कुरान की सूरा काफ आयत नंबर 86 की कहतें है कि कुरान कहता है कि सूर्य कीचड में डूबता है ।
पहली बात तो यह कि कुरान ने ये कहीं भी नहीं कहा कि सूर्य कीचड में डूबता है ।कुरान ने जुलकरनैन की दिल के हालात बयान किए हैं कि जुलकरनैन ने एेसा सोचा कि सूर्य काले पानी में डूब रहा है ।
दूसरा इब्ने कसीर ने इस आयात की तफसीर इस तरह कि है कि जब जुलाकरनैन वहाँ पहुचाँ तो उस समय वहां सूर्य अस्त होने की जगह थी नाकि सूर्य डूबने की जगह ।
तीसरी बात :=
यह कि ये हमारी language ( भाषा ) है जिसको सारी मानव जाति इस पृथ्वी पर इस्तेमाल करती और जब से दुनिया का पहला इनसान इस धरती पर आया और जब तक दुनिया रहेगी तब एेसी ही भाषा का इस्तेमाल होता रहेगा ।
वेदों मे भी इस तरह के मन्त्र है जिसमे लिखा है कि सूर्य समुद्र से उगता है ।
वेदों में लिखा है कि हजार किरणो वाला सूर्य �� समुद्र से उदय हुआ ।
जैसे निचे पढो विस्तार पूर्वक :=
आज के वैज्ञानिक युग में :=
सारे दुनिया के समाचार पत्र यह लिखतें है कि सूर्य सुबह 6 बजे उगता है और शाम को 7 बजे छुपता है ।
किया सच में सूर्य निकलता है या छुपता है ????
नहीं हरगिज़ नहीं ।
तो फिर कियों लिखते हो एेसा जवाब दो ????
कियों लिखते हो पूरी दुनिया के समाचारपत्रों की सूरज 7 बजे निकलता है और शाम 6 बजे छुपता है ।
जब सूर्य न तो निकलता है न हि छुपता है तो ये कियों लिखतें हो Sun rise 7 a.m . Sun set 6 pm
चाहे अमेरिकन news paper हो चाहे India के । chaina के हो , या यूरोप के ।
इसका मतलब सारे के सारे news papers अवैज्ञानिक ( unscientific ) ????
नहीं समाचारपत्र अवैज्ञानिक नहीं है ।
ये हमारी भाषा है पृथ्वी पर जो हम इस्तेमाल करतें हैं ।और इस भाषा के अलावा हमारे पास कोई दूसरा option नहीं ,
कुरान इनसानों के मार्गदर्शन के लिए आया है जानवरों के लिए नहीं ।
इसलिए अल्लाह भी हम इनसानों की भाषा में बात करता है । जिस भाषा की इस्तेमाल मानव जाति इस पृथ्वी पर करती है ।
अगर फिर भी कोई एेतराज करता है तो फिर
तो चल इसको define करके बता कि सूर्य छिपने और उगने को कौन सी भाषा में explains करेगा जवाब दो ?????
वेद में कही नहीं लिखा है कि सूर्य समुद्र से उगता है। रिफरेन्स दो नहीं झूठ मत बोलो। वेद क़ुरान की तरह हवा हवाई नहीं है। quran.com में सब मिल जाता है कि क्या लिखा हुआ है क़ुरान में।
ReplyDeleteयह चूतियो द्वारा लिखी गई चुतियाई किताब है
ReplyDeleteAbe chutiye vedo Ko tum jaise jaahil nahi samajh sakte.. sab pata hai hamko Muhammad kon tha... Kya uski kaarnaame the
ReplyDeleteतारे पृथ्वी के निकट हैं :-
ReplyDeleteविज्ञानं ने सिद्ध कर दिया है कि तारे ( stars ) पृथ्वी से करोड़ों प्रकाश वर्ष मील दूर हैं .और दूरी के कारण छोटे दिखायी देते हैं .लेकिन कुरान इस से बिलकुल उलटी बात कहती है ,कि तारे आकाश के सबसे निचले आकाश में सजे हुए है .यानी पृथ्वी के बिलकुल पास हैं .कुरान की यह आयत देखिये ,
"हमने दुनिया के आकाश को सबसे निचले आकाश को तारों से सजा दिया है "
सूरा -अस साफ्फात 37:6
Abe hutiye pehle thik se padh le kya likha hai..
DeleteQuran KO samjh na jahilo ka kaam nahi aur haan Quran KO tumjese log apne hisaab se padkar apne aap hi MATLAB nikalo ge to galta hi matlab niklega hame maloom he Quran me konsi baat kis liyen Kahi gai hai aur kab lagu hogi kab nahi yahi fark hai jahil me our Muslims me
DeleteQuran duniy Ki Sab se achhi aur sachhi kitab hai quran me koi galti nahi beshak agar sikhan hai to kisi aal ke pas jaao OK