सम्पूर्ण इस्लाम केवल इन पांच शब्दों में समाहित है .अय्याशी ,आतंक
,बलात्कार ,लूट और ह्त्या.केवल इन्हीं शब्दों से आप इस्लाम को आसानी से समझ
सकते हैं मुसलमान सही कहते हैं कि मुहम्मदजैसा (xxx )कोई न तो हुआ है और न
होगा .मुहम्मद इन शब्दों का साक्षात स्वरूप है .अपनी ग्यारह पत्निया और कई
रखेलों के अलावा कई दासियों से भी उसकी वासना शांत नहीं होती थी .और मरते
दम तक बनी रही ,इसके लिए वह अक्सर "गज़वा"यानी लूट पर निकल जाता है .और
लोगों से कहता था कि मुझे अभी अभी अल्लाह का आदेश मिला है .लोग धन और औरतों
के लालच में इस गज़वा में शामिल हो जाते थे .मुहम्मद ने ऐसे कई गज़वा यानी
लूट अभियान किये थे .हम एक का विवरण दे रहे हैं -
1 -मुहम्मद को औरतें क्यों चाहिए थीं
"अबू हुरैरा से रिवायत है ,रसूल ने कहा औरतें चार कारणों से पकड़ी जाती हैं ,उनका धन (कीमत )उनका खानदान (प्रतिष्ठा बढ़ने हेतू )उनकी सुन्दरता (अय्याशी के लिए )और उनका धर्म .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 27
मुहम्मद जब भी लूट पर जाता था ,तो उसका लक्ष्य धन के साथ औरतें भी थीं इसके लिए वह निर्दोषों की ह्त्या तक करवा देता था .
2 -बनू कुरैज़ा हत्याकांड
सन 628 में मुहम्मद अपने हजारों लोगों के साथ मदीना से 90 मील दूर बनू कुरेजा नामके एक यहूदी कबीले पर लूट के लिए गया .कबीले के सरदार "किनाना इब्न अल रबी इब्न अबू अल हयाक"की शादी एक दिन पाहिले ही हुई थी .उसकी 20 साल की सुन्दर पत्नी "जुबैरिया बिन्त हारिस इब्न अल मुस्तालिक "से हुई थी जो सन 608 में मदीना में पैदा हुई थी .कनाना धर्मगुरु और कबीले का सरदार था .
3 -मुहम्मद ने अचानक हमला करवाया .
"इब्ने ओन ने कहा कि ,रसूल ने बनू कुरेजा पर बिना कारण अचानक हमला करवाया .उस समय कबीले के लोग जानवरों को पानी पिला रहे थे .बच्चे खेल रहे थे ,औरते कम में लगी थी .नबी के हुक्म से हम लोग मर्दों ,बच्चों को क़त्ल करने लगे .और औरतों को पकड़ने लगे .बिलाल और इब्ने उमर जुबैरिया को नबी के हवाले कर दिया .नबी को वह पसंद आगयी .बुखारी -जिल्द 3 किताब 46 हदीस 417
4 -लूट में मुहम्मद भी शामिल था
"ओन ने कहा कि इस लूट में अधिकाँश लोग मारे गए जिनमे बड़े बच्चे भी थे औरते जब भाग रही थीं नबी ने जुबैरिया को पकड लिया ,और नबी ने अब्दुला बिन उमर को और औरतें पकड़ने को कहा .मुस्लिम -किताब 19 हदीस 42925 - किनाना पर अत्याचार .
"नबी ने जुबैर बिन अल अव्वाम को हुक्म दिया कि किनाना के सीने पर आग जला दो .जब किनाना अधमरा हो गया तो रसूल ने "महमूद बिन मुसलामाह "से किनाना का सर कटवा दिया .(Life of muhammad -0xford -page 515
6 -मुहम्मद की जुबैरिया से शर्त
"जुबैरिया काफी सुन्दर थी .जब जुबैरिया ने अपना परिचय दिया तो मुहम्मद ने जुबैया से सौ लोगों की जान के बदले उसी समय सम्भोग करवाने की नीचतापूर्ण शर्त रख दी .विवश होकर जुबैरिया मान गयी .अबू दौउद -किताब 29 हदीस 3290
7 -जुबैरिया मुहम्मद को टालती रही .
मुहम्मद जुबैरिया से उसी समय सम्भोग करना चाहता ,लेकिन जुबैरिया बहाने करतीरही कि उसका उपवास है .
"जुबैरिया ने मुहम्मद से बहाने के लिए उपवास शुरू कर दिया ,लेकिन नबी ने उसका उपवास जबरन तुड़वा दिया .और जुबैरिया को शादी के बहाने उसी समय सम्भोग के लिए विवश कर दिया .बुखारी -जिल्द 3 किताब 31 हदीस 2078 -साफिया के साथ बलात्कार .
उसी लूट में "साफिया बिन्त हुहीय "नामकी एक और लड़की भी मुहम्मद के हाथ आयी .वह किनाना की Chief Mistress थी साफिया सन 610 में पैदा हुई थी .जब मुहम्मद लूट के बाद अपने लुटेरों और पकड़ी गयी औरतों को लेकर वापस मदीने जा रहा था .वह रास्ते में "सिद्द अश्शाबा "नामकी जगह पर ठहर गया .उसने अपने गुलाम "बिलाल "से कहा कि बनू कुरेजा की किसी सुन्दर औरत को लाओ .बिलाल ने साफिया को पेश कर दिया .बुखारी -जिल्द 2 किताब 14 हदीस 68 और लाइफ ऑफ़ मुहम्मद ऑक्सफोर्ड .पेज 391 ,392
9 -रास्ते में ही बलात्कार
मुहम्मद ने मदीना पहुँचाने तक सब्र नहीं किया .और तुरंत बलात्कार कर डाला .इसकी कई हदीसें है ,कुछ दे रहे हैं .
"मुहम्मद ने बिलाल से एक चमड़े का गद्दा बिछाने को कहा ,जिसमे खजूर के पत्ते कूट कर भरे थे .रसूल ने साफिया को उसी पर गिरा कर सबके सामने सम्भोग किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3329
बुखारी -जिल्द 1 किताब 8 हदीस 367
बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 437
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 512
10 -मुहम्मद की इस्लामी बलात्कार की विधि
चूकी मुहम्मद पकड़ी गयी जादा औरतों से बलात्कार करके उन्हें या तो अपने लोगों में बाँट देता था या बेच देता था .वह औरतों को गर्भवती नहीं होने देता था .गर्भवती औरतों की कीमत कम हो जाती थी .इसके लिए मुहम्मद सम्भोग में "अज़ल "करता था .इसमे सम्भोग के बाद स्खलन से पूर्व अपना वीर्य जमीन पर गिरा दिया जाता है .पुरी विधि यह है -
Al-'Azl, (العزل) also known as coitus interruptus, is the practice of having sexual intercourse with a woman but withdrawing the penis before ejaculation. Apparently al-'Azl with female captives and slaves was a pretty important topic for Muhammad and his companions as is evidenced by the abundance of Hadith material on the सुब्जेक्ट11 -अज़ल के समय कुरआन नाजिल होती थी
"जबीर ने कहा कि ,जब भी रसूल अज़ल करते थे कुरआन की आयत नाजिल होती थी .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 136
"रसूल दासियों के साथ अज़ल करते थे ..बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 135
"अबू सईद ने कहा कि नबी ने कहा कि गुलाम औरतों से अज़ल जायज है .अल्लाह ने औरतों को इसी लिए बनाया है
अबू दौउद -जिल्द 11 किताब 21 हदीस 66
12 -औरतें खेती है ,पानी डालो या सूखा छोड़ दो
"जिद बिन साबित से रिवायत है ,रसूल ने कहा दासियाँ खेती है .तुम चाहो पानी डालो या नही .मुवात्ता -जिल्द 29 किताब 32 हदीस 99
13 -बलात्कार जायज है
"तुम्हें पकड़ी गई औरतों से पूछने की जरूरत नही है कि वह सम्भोग के लिए राजी हैं या नहीं .तुम जबरदस्ती सम्भोग कर सकते हो ..उनकी इच्छा का कोई महत्त्व नहीं है .मुवात्ता -जिल्द 29 किताब 32 हदीस 100
अन्य हदीसें भी देख लीजिये -
मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3394 ,3373 ,3374 मुवात्ता -जिल्द 29 किताब 32 हदीस 96 ,97 मुवता -जिल्द 8 किताब 23 हदीस 25
अब इतने प्रमाण होने पर भी लोग मुहम्मद को आदर्श पुरुष साबित करना चाहते हैं और दूसरों को नीचा साबित करना चाहते है .मुहम्मद पर तो "दरूद "तारीफ़ की जगह "मरदूद "करना चाहिए .
1 -मुहम्मद को औरतें क्यों चाहिए थीं
"अबू हुरैरा से रिवायत है ,रसूल ने कहा औरतें चार कारणों से पकड़ी जाती हैं ,उनका धन (कीमत )उनका खानदान (प्रतिष्ठा बढ़ने हेतू )उनकी सुन्दरता (अय्याशी के लिए )और उनका धर्म .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 27
मुहम्मद जब भी लूट पर जाता था ,तो उसका लक्ष्य धन के साथ औरतें भी थीं इसके लिए वह निर्दोषों की ह्त्या तक करवा देता था .
2 -बनू कुरैज़ा हत्याकांड
सन 628 में मुहम्मद अपने हजारों लोगों के साथ मदीना से 90 मील दूर बनू कुरेजा नामके एक यहूदी कबीले पर लूट के लिए गया .कबीले के सरदार "किनाना इब्न अल रबी इब्न अबू अल हयाक"की शादी एक दिन पाहिले ही हुई थी .उसकी 20 साल की सुन्दर पत्नी "जुबैरिया बिन्त हारिस इब्न अल मुस्तालिक "से हुई थी जो सन 608 में मदीना में पैदा हुई थी .कनाना धर्मगुरु और कबीले का सरदार था .
3 -मुहम्मद ने अचानक हमला करवाया .
"इब्ने ओन ने कहा कि ,रसूल ने बनू कुरेजा पर बिना कारण अचानक हमला करवाया .उस समय कबीले के लोग जानवरों को पानी पिला रहे थे .बच्चे खेल रहे थे ,औरते कम में लगी थी .नबी के हुक्म से हम लोग मर्दों ,बच्चों को क़त्ल करने लगे .और औरतों को पकड़ने लगे .बिलाल और इब्ने उमर जुबैरिया को नबी के हवाले कर दिया .नबी को वह पसंद आगयी .बुखारी -जिल्द 3 किताब 46 हदीस 417
4 -लूट में मुहम्मद भी शामिल था
"ओन ने कहा कि इस लूट में अधिकाँश लोग मारे गए जिनमे बड़े बच्चे भी थे औरते जब भाग रही थीं नबी ने जुबैरिया को पकड लिया ,और नबी ने अब्दुला बिन उमर को और औरतें पकड़ने को कहा .मुस्लिम -किताब 19 हदीस 42925 - किनाना पर अत्याचार .
"नबी ने जुबैर बिन अल अव्वाम को हुक्म दिया कि किनाना के सीने पर आग जला दो .जब किनाना अधमरा हो गया तो रसूल ने "महमूद बिन मुसलामाह "से किनाना का सर कटवा दिया .(Life of muhammad -0xford -page 515
6 -मुहम्मद की जुबैरिया से शर्त
"जुबैरिया काफी सुन्दर थी .जब जुबैरिया ने अपना परिचय दिया तो मुहम्मद ने जुबैया से सौ लोगों की जान के बदले उसी समय सम्भोग करवाने की नीचतापूर्ण शर्त रख दी .विवश होकर जुबैरिया मान गयी .अबू दौउद -किताब 29 हदीस 3290
7 -जुबैरिया मुहम्मद को टालती रही .
मुहम्मद जुबैरिया से उसी समय सम्भोग करना चाहता ,लेकिन जुबैरिया बहाने करतीरही कि उसका उपवास है .
"जुबैरिया ने मुहम्मद से बहाने के लिए उपवास शुरू कर दिया ,लेकिन नबी ने उसका उपवास जबरन तुड़वा दिया .और जुबैरिया को शादी के बहाने उसी समय सम्भोग के लिए विवश कर दिया .बुखारी -जिल्द 3 किताब 31 हदीस 2078 -साफिया के साथ बलात्कार .
उसी लूट में "साफिया बिन्त हुहीय "नामकी एक और लड़की भी मुहम्मद के हाथ आयी .वह किनाना की Chief Mistress थी साफिया सन 610 में पैदा हुई थी .जब मुहम्मद लूट के बाद अपने लुटेरों और पकड़ी गयी औरतों को लेकर वापस मदीने जा रहा था .वह रास्ते में "सिद्द अश्शाबा "नामकी जगह पर ठहर गया .उसने अपने गुलाम "बिलाल "से कहा कि बनू कुरेजा की किसी सुन्दर औरत को लाओ .बिलाल ने साफिया को पेश कर दिया .बुखारी -जिल्द 2 किताब 14 हदीस 68 और लाइफ ऑफ़ मुहम्मद ऑक्सफोर्ड .पेज 391 ,392
9 -रास्ते में ही बलात्कार
मुहम्मद ने मदीना पहुँचाने तक सब्र नहीं किया .और तुरंत बलात्कार कर डाला .इसकी कई हदीसें है ,कुछ दे रहे हैं .
"मुहम्मद ने बिलाल से एक चमड़े का गद्दा बिछाने को कहा ,जिसमे खजूर के पत्ते कूट कर भरे थे .रसूल ने साफिया को उसी पर गिरा कर सबके सामने सम्भोग किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3329
बुखारी -जिल्द 1 किताब 8 हदीस 367
बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 437
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 512
10 -मुहम्मद की इस्लामी बलात्कार की विधि
चूकी मुहम्मद पकड़ी गयी जादा औरतों से बलात्कार करके उन्हें या तो अपने लोगों में बाँट देता था या बेच देता था .वह औरतों को गर्भवती नहीं होने देता था .गर्भवती औरतों की कीमत कम हो जाती थी .इसके लिए मुहम्मद सम्भोग में "अज़ल "करता था .इसमे सम्भोग के बाद स्खलन से पूर्व अपना वीर्य जमीन पर गिरा दिया जाता है .पुरी विधि यह है -
Al-'Azl, (العزل) also known as coitus interruptus, is the practice of having sexual intercourse with a woman but withdrawing the penis before ejaculation. Apparently al-'Azl with female captives and slaves was a pretty important topic for Muhammad and his companions as is evidenced by the abundance of Hadith material on the सुब्जेक्ट11 -अज़ल के समय कुरआन नाजिल होती थी
"जबीर ने कहा कि ,जब भी रसूल अज़ल करते थे कुरआन की आयत नाजिल होती थी .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 136
"रसूल दासियों के साथ अज़ल करते थे ..बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 135
"अबू सईद ने कहा कि नबी ने कहा कि गुलाम औरतों से अज़ल जायज है .अल्लाह ने औरतों को इसी लिए बनाया है
अबू दौउद -जिल्द 11 किताब 21 हदीस 66
12 -औरतें खेती है ,पानी डालो या सूखा छोड़ दो
"जिद बिन साबित से रिवायत है ,रसूल ने कहा दासियाँ खेती है .तुम चाहो पानी डालो या नही .मुवात्ता -जिल्द 29 किताब 32 हदीस 99
13 -बलात्कार जायज है
"तुम्हें पकड़ी गई औरतों से पूछने की जरूरत नही है कि वह सम्भोग के लिए राजी हैं या नहीं .तुम जबरदस्ती सम्भोग कर सकते हो ..उनकी इच्छा का कोई महत्त्व नहीं है .मुवात्ता -जिल्द 29 किताब 32 हदीस 100
अन्य हदीसें भी देख लीजिये -
मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3394 ,3373 ,3374 मुवात्ता -जिल्द 29 किताब 32 हदीस 96 ,97 मुवता -जिल्द 8 किताब 23 हदीस 25
अब इतने प्रमाण होने पर भी लोग मुहम्मद को आदर्श पुरुष साबित करना चाहते हैं और दूसरों को नीचा साबित करना चाहते है .मुहम्मद पर तो "दरूद "तारीफ़ की जगह "मरदूद "करना चाहिए .
कुरान के वैज्ञानिक चमत्कार
ReplyDeleteपृथ्वी का अण्डाकार आकार
उपरोक्त आयत में अरबिक शब्द 'दहाहा' का प्रयोग किया गया है,इस शब्द के अनुवाद होता है 'बराबर से फैलाया गया', यह शब्द मूल शब्द 'धव' अथवा 'द्हय:' से बनता है,जिसके अरबी भाषा में दो निकलते हैं
1 अर्थ 'फैलाना' होता है
2 अण्डाकार रूप
Scientific Miracles Of Qur'an
THE EARTH'S GEOID SHAPE
After that He smoothed out the earth. (Qur'an, 79:30)
In the above verse, the word "daha" is used in the original Arabic. It, translated as "smoothed out," comes from the word "dahv," meaning "to spread." Although the word "dahv" also means to cover or to set out, the meaning of the verb is more than just a prosaic setting out, since it describes setting out in a circle.
The concept of roundness is also present in other words derived from "dahv." For example, the word "dahv" also refers to children dropping a ball into a hole in the ground, games involving throwing stones into holes and games played with walnuts. Words derived from that root are also used for an ostrich making a nest, cleaning stones from where it is about to lie down, the place where it lays its eggs and the egg itself.
Indeed, the Earth is round, in a manner reminiscent of an egg. The slightly flattened spherical shape of the Earth is known as geoid. From that point of view, the use of the word "daha" contains important information about the shape that Allah has given to the Earth. For hundreds of years, people imagined the Earth to be completely flat and only learned the truth thanks to technology. Yet, this fact was revealed in the Qur'an fourteen centuries ago
https://comparativereligionblog.wordpress.com/2016/04/22/%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a5%88%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%9e%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%95-42/
ReplyDeleteकुरआन कहता है कि पृथ्वी गोल है ।
यही नहीं उसी आयत में अल्लाह ने यह भी कहा की “और हमने पहाड़ खूंटों की तरह गाड दिए..”
ReplyDeleteआज यह भी विज्ञान ने सिद्ध किया है की पहाड़ों की जड़ें सीधे धरती की अंदरूनी सतह तक जाती हैं उदहारण के लिए हिमालय पर्वत की जड़ 260 की.मी तक है लेकिन crust के ऊपर केवल 35 की.मी. ही है.
अल्लाह ने इसके आगे की बात भी बताई है इस आयत में ज़रा गौर करें:
“और हमने धरती में अटल पहाड़ रख दिए, ताकि कहीं ऐसा न हो कि वह उनके साथ हिलने लगे..” कुरान 21:31
आज विज्ञान भी यह मान चुका है की पृथ्वी की सतह को स्थिर रखने के लिए पहाड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, यही सतह को जोड़कर रखते हैं.
इन सब बातों से साबित होता है की कुरान 100 % वैज्ञानिक किताब है ।
एक भाई साहब ने जानना चाहा था कि पाक कुरान मे पृथ्वी के भुगोल का वर्णन केसा है, क्या वह विज्ञान सम्मत है या नहीं ?
ReplyDeleteभाई को गलतफहमी थी कि कुरान पाक मे धरती को चपटी बताया गया है, हालांकि पाक कुरान मे ऐसी कोई भी आयत नहीं जो धरती के चपटा होने की वज़ाहत करती हो बल्कि कुरान पाक मे कई जगह धरती को विस्तृत बताया गया है जो कि वो है, और विस्तृत होने का मतलब चपटा होना नहीं होता
.... फिर कुछ जगह कुरान पाक मे ज़मीन को कालीन कहा गया है, लोग इसपर आक्षेप लगा लेते हैं कि कालीन चपटा होता है, अर्थात कुरान मे जमीन को चपटा कहा गया, परंतु जमीन को कालीन कहने से उसको चपटा मान लेना अन्याय है क्योंकि कालीन तो जिस सतह पर डाल दो उसी सतह के आकार मे ढल जाती है, अगर कालीन को किसी बड़ी गोल चट्टान पर लपेट दो तो कालीन गोल आकार मे भी ढल जाएगी, वास्तविकता ये है कि कालीन असुविधाजनक फर्श पर बिछाने का कपड़ा होती है, जिसपर लोग आराम से चल फिर सकते हैं, कुरान मे जमीन को कालीन कहने का मतलब ग्लोब के आउटर क्रस्ट से है, हम जानते हैं कि ग्लोब का केन्द्र हजारों डिग्री के गर्म लावे की उपस्थिति के कारण अत्यधिक गर्म और तरल अवस्था मे है जिसपर चलना तो क्या जीवन का पनपना भी नामुमकिन था, लेकिन धरती की बाहरी परत यानि आउटर क्रस्ट अपने केन्द्र विपरीत बहुत ठण्डी, जीवन के अनुकूल और आराम से चलने फिरने लायक ठोस है ... इसी कारण धरती को कुरान मे कालीन कहा गया क्योंकि इसपर मनुष्य आराम से चल फिर सकते हैं, न कि धरती को चपटा बताने के उद्देश्य से ... धरती का आकार, उसकी ब्रह्माण्ड मे स्थिति, सूर्य के निकलने डूबने की स्थिति सहित कुछ और अन्य भूगोल की बातें कुरान मे देखना हो तो इन लिन्क्स को चेक करिएगा
.
1- इस्लाम के अनुसार धरती का आकार और स्थिति https://m.facebook.com/photo.php?fbid=747630978640437&id=100001806268310&set=a.652798938123642.1073741833.100001806268310
.
2- कुरान के अनुसार धरती अण्डाकार है https://m.facebook.com/photo.php?fbid=656712207732315&id=100001806268310&set=a.652798938123642.1073741833.100001806268310
.
3- सूरज दलदल मे डूबने का जवाब https://m.facebook.com/photo.php?fbid=653638838039652&id=100001806268310&set=a.360259397377599.77169.100001806268310
.
4- सूर्य के उदय और अस्त होने के विषय मे कुरान https://mobile.facebook.com/photo.php?fbid=907662105970656&id=100001806268310&set=a.360259397377599.77169.100001806268310&source=56
.
5- बिग बैंग के विषय मे कुरान https://mobile.facebook.com/photo.php?fbid=366523216751217&id=100001806268310&set=a.120459064690968.17905.100001806268310
इस्लाम और मुस्लिमों से जुड़े सवालों के जवाब !!
Nageshwar Dubey
ReplyDeleteसात आसमानों से तात्पर्य किया है ??
यह कि आसमान किसी ठोस चीज का नाम नहीं है इनसानों की भाषा में हर उपर की चीज को आसमान कहा जाता है । जैसे हम अपनी भाषा में कहतें है कि चाँद आसमान मे चमक रहा है ।
कुरान में सात आसमान से मतलब यह है कि पृथ्वी के वातावरण की परतें :=
अब वैज्ञानिकों ने यह खोज कर ली है कि हमारी पृथ्वी के चारों और का पूरा वातावरण सात परतों मे बना है ।
इन सात परतों को ही कुरान सात आसमान की और संकेत करता है :=
सात आसमान से अभिप्राय इस प्रकार है :=
1. क्षोभमंडल ( Tropo- sphere)
2.समताप - मंडल ( Strato-sphere)
3. मध्य - मंडल ( Meso-sphere)
4. ताप- मंडल ( Thermo-sphere)
5.आयन-मंडल ( lono-sphere)
6.बाह्य- मंडल( Exo-sphere)
7.औजोन- मंडल( Ozone-sphere)
ये बातें वैज्ञानिकों को लगभग 50 साल पहले पता लगी
जबकि
कुरान ने 1400 साल पहले बता दिया ।
ये सच्चा ज्ञान सिर्फ ईश्वर की तरफ से हो सकता है ।
इनसानों को समझाने के लिए इस भाषा का इस्तेमाल किया है ।
हम अपनी भाषा में भी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करतें हैं जैसे उदाहरण के रूप :=
आसमान में चन्द्रमाँ चमक रहा है ।
किया सच में आसमान में चाँद चमकता है जवाब दो ????
नहीं ये आसमान में नहीं अंतरिक्ष में तैर रहा है ।
लेकिन फिर भी हम अपनी भाषा जिसको मनुष्य जाति इस पृथ्वी पर इस्तेमाल करते हैं ।
दूसरी जगह कुरान कहता है कि धरती , चंद्रमा तारे सब के सब अपने अपने दायरे में घूम रहें है , अपनी गति से चल रहें हैं यानि कुरान इस तरफ इशारा कर रहा है कि आसमान किसी ठोस वसतु का नाम नहीं है ।
जैसे हम कहतें हैं कि तारे आसमान में चमक रहें हैं ।
किया सच में तारे आसमान में चमकते हैं ???????
हम हर उँची चीज को आसमान कहतें हैं जैसे पक्षी आसमान में उड रहा है , हवाई जहाज आसमान में उड रहा है ।
ये भाषा है जिसका इस्तेमाल मानव जाति इस पृथ्वी पर करती है कुरान अल्लाह ने इनसानों के मार्गदर्शन के लिए उतरा है , जानवरों के लिए नहीं ।
इसलिए अल्लाह भी कुरान में उस भाषा का इस्तेमाल करता है जो मनुष्य जाति की भाषा हो । या जिसकों इनसान आपस में बोलतें हो ।
आसमान का टुकडा गिरने से किया मतलब है? ??
ReplyDeleteउसने आसमान को पृथ्वी पर गिरने से रोक रखा है इस आयत का का किया मतलब है ?????
अर्थात आसमान की हर चीज अपनी अपनी - अपनी जगह थमी हुई है । धरती से टकराती (गिरती नहीं है ) धरती से ऊपरी लोक बिल्कुल थमा दिया ईश्वर ने ।
यह पहले लोगो को समझना मुश्किल था लेकिन आज के वैज्ञानिक खोज ने इस आयत को समझना हमारे लिए बेहद आसान कर दिया है ।
धरती के ऊपरी लोक यानि आसमान से हमारे पृथ्वी पर खरबों की तादाद मे उल्का पिंड हमारे पृथ्वी की और आते है । एक पत्थर भी पृथ्वी से टकरा जाए तो सारी पृथ्वी को नष्ट कर सकता है । एक पत्थर लगभग 15000 परमाणु बम के बराबर पृथ्वी पर विनाश करेगा ।
दूसरे इस अंतरिक्ष से हमारी पृथ्वी की तरफ सोलर विंडस अरबों खरबों की तरफ से गिरते है पर पृथ्वी पर नही गिरते है ।
तीसरा हमारे हमारी आकाशगंगा 🌌 के ऊपर हमारी आकाशगंगा( मिल्क वे) के बराबर एक गैलेक्सी है अगर वो हमारी मिल्क वे से टकरा जाए तो पृथ्वी पर सबकुछ नष्ट हो जायगा ।
कुरआन शूरा
ReplyDeleteअत तकवीर आयत 11:
और जब आसमान का पर्दा हटा दिया जायगा ।
इस आयत का सही तर्जुमा इब्ने कसीर और मोलाना मोदूदी रह0 सही किया है ।
सही ✅ अर्थ यह है कि आसमान का पर्दा हट जायगा ।
भावार्थ :- यह है कि जो हमारी निगाहों से ओझल है सब प्रकट हो जायगा।
अब तो सिर्फ शुन्य ही नजर आता है या फिर बादल ☁ धूल चांद, सूर्य ☀ और तारे ✨ लेकिन उस वक्त ईश्वर की खुदाई अपनी असल शक्ल सच्चाई के साथ सबके सामने प्रकट हो जायगी ।
आज विज्ञान भी मानता है कि सूर्य चंद्रमा ,✨ तारे सब खत्म हो जायगें ।