यहूदियों की सच्चाई

0
खैबर यहूदियों का एक धन-धान से भरपूर नगर था .....
जो खजूरों और मक्का की खेती के लिए प्रसिद्ध था ..... अपने
लुटेरे 1400 साथियों सहित अगस्त 628 ई. की एक सुबह सूरज
निकलते ही मुहम्मद ने खैबर पर आक्रमण कर दिया ......
अचानक हुए इस हमले से
यहूदी सम्भल नहीं पाये और उनकी हार हुई ......
खैबर के सरदार किनाना यहूद को मुहम्मद के सामने
लाया गया ......
पहले मुहम्मद ने किनाना को माफ करने को बोल दिया लेकिन जब
खैबर को पूरी तरह से लूट लिया गया .....
तो किनाना को पहले बांध कर उसकी छाती को
जला कर खूब तड़पाया गया ......
फिर
उसकी गरदन काटकर मार डाला ......
किनाना को मारने के बाद मुहम्मद ने
पकड़ी गयी यहूदियों की औरतों को अपने साथियों में बाँट लेने
का हुकम दिया .......
इन औरतों में किनाना की नयी-नवेली 17 साल
की पत्नी सफिय्या मुहम्मद के एक गुलाम
दिह्या को मिली ......
लेकिन जब सफिया की सुन्दरता की बात
मुहम्मद के कानों पहुँची ....
तो उसने मुहम्मद ने खैबर में ऐलान किया ...
जो ईमान लाकर मुसलमान बनते हैं और गवाही देते हैं
कि मुहम्मद अल्लाह का पैगम्बर है ......
उन्हे उनकी घर, जमीन और औरतें
लौटा दी जायेंगी ......
कई यहूदियों ने जीने के लालच में
इस्लाम कुबूल कर लिया और
जिन्होने नहीं किया
उन्हे धमकी दी गई कि वे इस्लाम कुबूल करें
अन्यथा उन्हे कत्ल किया जायेगा ......
इससे कई गरीब यहूदी परिवार
खैबर छौड़कर भाग गये,
अमीर यहूदियों ने जजिया देना स्वीकार कर लिया ..... इस्लामिक
इतिहास में खैबर के यहूदी ही पहले काफिर
बने ......
जिन्होने मुहम्मद को जजिया देना स्वीकार किया था.......
यहाँ कठमुल्ले कहते हैं कि
उनके रसूल ने अखलाख और मुहब्बत से
इस्लाम फैलाया .......
जबकि यहूदियों ने इस्लाम कैसे कुबूला
यह आपने पढ़ा ही .......
स्त्रोत:- सहीह मुस्लिम, बुखारी, खंड ५, पुस्तक ५९ में अनास बिन
मलिक द्वारा वर्णित .....

Post a Comment

0Comments

Peace if possible, truth at all costs.

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !