अटेँशन_प्लीज़..
मूर्ख मुल्लों।
जरा सुनो कि तुम और तुम्हारी कौम
के लोग बदले लेने का खेल बाद में खेलना,
•पहले भागलपुर, मेरठ, आसाम, गुजरात के नालों और गटरों से अपने भाइयों के टुकडे इकट्ठा कर लेना।
•तुम्हारी कौम चाहे 25 करोड़ हो या डेढ अरब हो तब भी ढेला औकात नहीं है तुम लोगों की।
•वैसे भी तुम्हारी आबादी ने डेढ अरब होकर भी क्या उखाड़ लिया ??
•जंगल में सुअरिया बीस बच्चे पैदा करने के बाद भी उस जंगल में राज केवल शेरनी के दो बच्चों का ही चलता है।
•तुम्हारे देशों मे तुम्हारे लोगों के घरों में घुसकर तुम लोगों को ठोका जाता है, तुम्हारा सफाया किया जाता है।।
•अरे अगर तुम्हारे पचास की जगह
सौ देश भी होते तब भी कुछ बस की नहीं थी तुम्हारी...
•और यहाँ हिन्दुओं को छोडो तुम्हारे
टुच्चे से पचास देश तो एक इजराइल का मात्र नाम सुनने से ही उनका मूत निकल जाता है...
•कहने को तुम मुस्लिम डेढ अरब
हो और यहूदी सवा करोड़, मगर आज सवा करोड यहूदी हर मामले में तुम्हारी डेढ अरब सूअरों की आबादी से मीलों आगे हैं।
•एक- एक यहूदी सौ मुसलमानों पर
भारी है !
•तुम्हारे बाइस अरब देश मिलकर भी इजराइल की एक ईट तक नहीं हिला सकते !
•अगर UN का दबाव न हो तो इजराइल खुद अपनी क्षमता से पाँच घंटे में तुम्हारे इन बाइस अरब देशों का सफाया कर सकता है ..!
•तुम लोगों के पास ले देकर बस तेल
है, उसी तेल को अमेरिका और यूरोपियन देशों की गिद्ध दृष्टि से बचाने के लिये इस्लामी देशों की हालत खराब हुई पडी है ..
•तुम्हारे उसी तेल पर अमेरिका यूरोप जल्द ही कब्जा कर लेंगें।
•आज अमरीका वाले तुम्हारा तेल निकाल रहे हैं और जैसे ही ये तेल खत्म.. तो समझो तुम्हारी इस्लाम नाम की बीमारी का भी खेल खत्म ..!
•सारी दुनिया में तुम लोगों को जूते
पड़ते हैं।
•दुनिया का हरेक नान- मुस्लिम तुमको अपने यहाँ से धुत्कार कर भगा देता है।
•शुक्र मनाओ यहाँ तो सारे बुद्धिजीवी,
सारी मीडिया, सारे कम्युनिस्ट कांग्रेसी तुम्हारे साथ हैं, तब भी बाल तक उखाड़ने की ताकत नहीं है तुम्हारे में.
•तुम लोग जोश में शुरूआत तो करते
हो पर फिर जब हम अपनी पर आते हैं तो तुम लोग अपनी छातियाँ पीटते हो या अपनी घर की औरतों के पीछे जाकर छिप जाते हो या सेक्युलजिम के नाम पर जोर-जोर से अपनी छातियाँ कूटने लग जाते हो।
•अरे जब लड़ने की औकात नहीं तो क्यों शुरू करते हो?
•अरे हम तो हमेशा अपने ही जयचंदी गद्दारों से घिरे रहे हैं, इसलिए तुम्हारी नमकहराम कौम आजतक इस देश में चैन से साँस ले रही है।
सुधर जाओ #शांतिदूतों अभी भी समय है, समय निकल जाने के बाद बर्मा की तरह मार- काट कर भारत से भगाए जाओगे।।
मूर्ख मुल्लों।
जरा सुनो कि तुम और तुम्हारी कौम
के लोग बदले लेने का खेल बाद में खेलना,
•पहले भागलपुर, मेरठ, आसाम, गुजरात के नालों और गटरों से अपने भाइयों के टुकडे इकट्ठा कर लेना।
•तुम्हारी कौम चाहे 25 करोड़ हो या डेढ अरब हो तब भी ढेला औकात नहीं है तुम लोगों की।
•वैसे भी तुम्हारी आबादी ने डेढ अरब होकर भी क्या उखाड़ लिया ??
•जंगल में सुअरिया बीस बच्चे पैदा करने के बाद भी उस जंगल में राज केवल शेरनी के दो बच्चों का ही चलता है।
•तुम्हारे देशों मे तुम्हारे लोगों के घरों में घुसकर तुम लोगों को ठोका जाता है, तुम्हारा सफाया किया जाता है।।
•अरे अगर तुम्हारे पचास की जगह
सौ देश भी होते तब भी कुछ बस की नहीं थी तुम्हारी...
•और यहाँ हिन्दुओं को छोडो तुम्हारे
टुच्चे से पचास देश तो एक इजराइल का मात्र नाम सुनने से ही उनका मूत निकल जाता है...
•कहने को तुम मुस्लिम डेढ अरब
हो और यहूदी सवा करोड़, मगर आज सवा करोड यहूदी हर मामले में तुम्हारी डेढ अरब सूअरों की आबादी से मीलों आगे हैं।
•एक- एक यहूदी सौ मुसलमानों पर
भारी है !
•तुम्हारे बाइस अरब देश मिलकर भी इजराइल की एक ईट तक नहीं हिला सकते !
•अगर UN का दबाव न हो तो इजराइल खुद अपनी क्षमता से पाँच घंटे में तुम्हारे इन बाइस अरब देशों का सफाया कर सकता है ..!
•तुम लोगों के पास ले देकर बस तेल
है, उसी तेल को अमेरिका और यूरोपियन देशों की गिद्ध दृष्टि से बचाने के लिये इस्लामी देशों की हालत खराब हुई पडी है ..
•तुम्हारे उसी तेल पर अमेरिका यूरोप जल्द ही कब्जा कर लेंगें।
•आज अमरीका वाले तुम्हारा तेल निकाल रहे हैं और जैसे ही ये तेल खत्म.. तो समझो तुम्हारी इस्लाम नाम की बीमारी का भी खेल खत्म ..!
•सारी दुनिया में तुम लोगों को जूते
पड़ते हैं।
•दुनिया का हरेक नान- मुस्लिम तुमको अपने यहाँ से धुत्कार कर भगा देता है।
•शुक्र मनाओ यहाँ तो सारे बुद्धिजीवी,
सारी मीडिया, सारे कम्युनिस्ट कांग्रेसी तुम्हारे साथ हैं, तब भी बाल तक उखाड़ने की ताकत नहीं है तुम्हारे में.
•तुम लोग जोश में शुरूआत तो करते
हो पर फिर जब हम अपनी पर आते हैं तो तुम लोग अपनी छातियाँ पीटते हो या अपनी घर की औरतों के पीछे जाकर छिप जाते हो या सेक्युलजिम के नाम पर जोर-जोर से अपनी छातियाँ कूटने लग जाते हो।
•अरे जब लड़ने की औकात नहीं तो क्यों शुरू करते हो?
•अरे हम तो हमेशा अपने ही जयचंदी गद्दारों से घिरे रहे हैं, इसलिए तुम्हारी नमकहराम कौम आजतक इस देश में चैन से साँस ले रही है।
सुधर जाओ #शांतिदूतों अभी भी समय है, समय निकल जाने के बाद बर्मा की तरह मार- काट कर भारत से भगाए जाओगे।।
Peace if possible, truth at all costs.