- "क्या आप इस्लाम को समझना चाहते हैं?", उसने मेरी आँखों के सामने कुरआन लहराते हुए पूछा...
- जी... अभी थोड़ा-थोड़ा ही समझ पाया हूँ, ठीक से समझना चाहता हूँ... मैंने जवाब दिया.
- "इस्लाम एक बेहद शांतिपूर्ण धर्म है", आप कुरआन पढ़िए सब जान जाएँगे...
- "जी, वैसे तो अल-कायदा, बोको-हरम, सिमी, ISIS और हिजबुल ने मुझे इस्लाम के बारे में थोड़ा-बहुत समझा दिया है, फिर भी यदि आप आग्रह कर रहे हैं तो मैं कुरआन ले लेता हूँ...
- "लिल्लाह!! उन्हें छोडिए, वे लोग सही इस्लाम का प्रतिनिधित्व नहीं करते...
- अच्छा!! यानी उन्होंने कुरआन नहीं पढ़ी?? या कोई गलती से कोई दूसरी कुरआन पढ़ ली है?, मैंने पूछा.
- नहीं, उन लोगों ने भी कुरआन तो यही पढ़ी है... लेकिन उन्होंने इसका गलत अर्थ निकाल लिया है... वे लोग इस्लाम की राह से भटक गए हैं... कम पढ़े-लिखे और गरीब होंगे. इस्लाम तो भाईचारा सिखाता है..
- जी, हो सकता है... लेकिन मैंने तो सुना है कि ट्विन टावर पर हवाई जहाज चढ़ाने वाला मोहम्मद अत्ता एयरोनाटिक्स इंजीनियर था, और बंगलौर से पकड़ाया ISIS का ट्विटर मेहदी बिस्वास भी ख़ासा पढ़ा-लिखा है...
- आपसे वही तो कह रहा हूँ कि इन लोगों ने इस्लाम को ठीक से समझा नहीं है... आप कुरआन सही ढंग से पढ़िए, हदीसों को समझिए... आप समय दें तो मौलाना जी से आपकी काउंसिलिंग करवा दूँ??
- ".. लेकिन सर, मेरे जैसे नए लोगों की इस्लाम में भर्ती करने की बजाय, आप इराक-अफगानिस्तान-लीबिया-पाकिस् तान
जाकर आपकी इस "असली कुरआन" और "सही इस्लाम" का प्रचार करके, उन भटके हुए
लोगों को क्यों नहीं सुधारते?? जब मौलाना जी आपके साथ ही रहेंगे तो आप बड़े
आराम से सीरिया में अमन-चैन ला सकते हैं... ताकि आपके शांतिपूर्ण धर्म की
बदनामी ना हो... तो आप सीरिया कब जा रहे हैं सर??
- "मैं अभी चलता हूँ... मेरी नमाज़ का वक्त हो गया है.."
- सर... सीरिया तो बहुत दूर पड़ेगा, आप मेरे साथ भोपाल चलिए, वहाँ भी ऐसे ही कुछ "भटके" हुए, "कुरआन का गलत अर्थ लगाए हुए" लोगों ने, ईरानी शियाओं के मकान जला दिए हैं, मारपीट और हिंसा की है... वहाँ आप जैसे शान्ति प्रचारक की सख्त ज़रूरत है...
- "मैं बाद में आता हूँ... नमाज़ का वक्त हो चला है..."
=====================
जी, ठीक है, नमस्कार!!
- जी... अभी थोड़ा-थोड़ा ही समझ पाया हूँ, ठीक से समझना चाहता हूँ... मैंने जवाब दिया.
- "इस्लाम एक बेहद शांतिपूर्ण धर्म है", आप कुरआन पढ़िए सब जान जाएँगे...
- "जी, वैसे तो अल-कायदा, बोको-हरम, सिमी, ISIS और हिजबुल ने मुझे इस्लाम के बारे में थोड़ा-बहुत समझा दिया है, फिर भी यदि आप आग्रह कर रहे हैं तो मैं कुरआन ले लेता हूँ...
- "लिल्लाह!! उन्हें छोडिए, वे लोग सही इस्लाम का प्रतिनिधित्व नहीं करते...
- अच्छा!! यानी उन्होंने कुरआन नहीं पढ़ी?? या कोई गलती से कोई दूसरी कुरआन पढ़ ली है?, मैंने पूछा.
- नहीं, उन लोगों ने भी कुरआन तो यही पढ़ी है... लेकिन उन्होंने इसका गलत अर्थ निकाल लिया है... वे लोग इस्लाम की राह से भटक गए हैं... कम पढ़े-लिखे और गरीब होंगे. इस्लाम तो भाईचारा सिखाता है..
- जी, हो सकता है... लेकिन मैंने तो सुना है कि ट्विन टावर पर हवाई जहाज चढ़ाने वाला मोहम्मद अत्ता एयरोनाटिक्स इंजीनियर था, और बंगलौर से पकड़ाया ISIS का ट्विटर मेहदी बिस्वास भी ख़ासा पढ़ा-लिखा है...
- आपसे वही तो कह रहा हूँ कि इन लोगों ने इस्लाम को ठीक से समझा नहीं है... आप कुरआन सही ढंग से पढ़िए, हदीसों को समझिए... आप समय दें तो मौलाना जी से आपकी काउंसिलिंग करवा दूँ??
- ".. लेकिन सर, मेरे जैसे नए लोगों की इस्लाम में भर्ती करने की बजाय, आप इराक-अफगानिस्तान-लीबिया-पाकिस्
- "मैं अभी चलता हूँ... मेरी नमाज़ का वक्त हो गया है.."
- सर... सीरिया तो बहुत दूर पड़ेगा, आप मेरे साथ भोपाल चलिए, वहाँ भी ऐसे ही कुछ "भटके" हुए, "कुरआन का गलत अर्थ लगाए हुए" लोगों ने, ईरानी शियाओं के मकान जला दिए हैं, मारपीट और हिंसा की है... वहाँ आप जैसे शान्ति प्रचारक की सख्त ज़रूरत है...
- "मैं बाद में आता हूँ... नमाज़ का वक्त हो चला है..."
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जी, ठीक है, नमस्कार!!
Peace if possible, truth at all costs.