आज के समाचार पत्रों में देश के प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा अजमेर में
दरगाह शरीफ पर चादर चढ़ाने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास
नक़वी को अजमेर भेजने एवं उसके साथ अपना पैगाम भेजने का समाचार छपा हैं।
पूर्व में भी बॉलीवुड का कोईप्रसिद्द अभिनेता अभिनेत्री अथवा क्रिकेट केखिलाड़ी अथवा राजनेता चादर चदाकर अपनीफिल्म को सुपर हिट करने की अथवा आने वाले मैच मेंजीत की अथवा आने वाले चुनावो में जीत की दुआमांगता रहा हैं। भारत की नामी गिरामी हस्तियोंके दुआ मांगने से साधारण जनमानस में एक भेड़चालसी आरंभ हो गयी है की अजमेर में दुआ मांगे से बरकतहो जाएगी , किसी की नौकरी लग जाएगी ,किसी के यहाँ पर लड़का पैदा हो जायेगा , किसीका कारोबार नहीं चल रहा हो तो वह चलजायेगा, किसी का विवाह नहीं हो रहा हो तोवह हो जायेगा।
कुछ सवाल हमे अपने दिमाग पर जोर डालने कोमजबूर कर रहे हैं जैसे की यह गरीब नवाज़ कौन थे ?कहाँ से आये थे? इन्होने हिंदुस्तान में क्या कियाऔर इनकी कब्र पर चादर चदाने से हमे सफलता कैसेप्राप्त होती है?
गरीब नवाज़ भारत में लूटपाट करने वाले , हिन्दूमंदिरों का विध्वंश करने वाले ,भारत के अंतिम हिन्दूराजा पृथ्वी राज चौहान को हराने वाले वजबरदस्ती इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने वाले मुहम्मदगौरी के साथ भारत में शांति का पैगाम लेकर आयेथे। पहले वे दिल्ली के पास आकर रुके फिर अजमेरजाते हुए उन्होंने करीब 700 हिन्दुओ को इस्लाम मेंदीक्षित किया और अजमेर में वे जिस स्थान पर रुकेउस स्थान पर तत्कालीन हिन्दू राजा पृथ्वी राजचौहान का राज्य था। ख्वाजा के बारे मेंचमत्कारों की अनेको कहानियां प्रसिद्ध है कीजब राजा पृथ्वी राज के सैनिको ने ख्वाजा केवहां पर रुकने का विरोध किया क्योंकि वह स्थानराज्य सेना के ऊँटो को रखने का था तो पहले तोख्वाजा ने मना कर दिया फिर क्रोधित होकरशाप दे दिया की जाओ तुम्हारा कोई भी ऊंटवापिस उठ नहीं सकेगा। जब राजा के कर्मचारियोंने देखा की वास्तव में ऊंट उठ नहीं पा रहे है तो वेख्वाजा से माफ़ी मांगने आये और फिर कहीं जाकरख्वाजा ने ऊँटो को दुरुस्त कर दिया। दूसरी कहानीअजमेर स्थित आनासागर झील की हैं। ख्वाजा अपनेखादिमो के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने एक गायको मारकर उसका कबाब बनाकर खाया। कुछखादिम पनसिला झील पर चले गए कुछ आनासागरझील पर ही रह गए। उस समय दोनों झीलों केकिनारे करीब 1000 हिन्दू मंदिर थे, हिन्दू ब्राह्मणोंने मुसलमानो के वहां पर आने का विरोध किया औरख्वाजा से शिकायत कर दी।
ख्वाजा ने तब एक खादिम को सुराही भरकर पानीलाने को बोला। जैसे ही सुराही को पानी मेंडाला तभी दोनों झीलों का सारा पानी सुखगया। ख्वाजा फिर झील के पास गए और वहांस्थित मूर्ति को सजीव कर उससे कलमा पढवायाऔर उसका नाम सादी रख दिया। ख्वाजा के इसचमत्कार की सारे नगर में चर्चा फैल गई। पृथ्वीराजचौहान ने अपने प्रधान मंत्री जयपाल को ख्वाजाको काबू करने के लिए भेजा। मंत्री जयपाल ने अपनीसारी कोशिश कर डाली पर असफल रहा औरख्वाजा नें उसकी सारी शक्तिओ को खत्म करदिया। राजा पृथ्वीराज चौहान सहित सभी लोगख्वाजा से क्षमा मांगने आये। काफी लोगो नेंइस्लाम कबूल किया पर पृथ्वीराज चौहान ने इस्लामकबूलने इंकार कर दिया। तब ख्वाजा नेंभविष्यवाणी करी की पृथ्वी राज को जल्द हीबंदी बना कर इस्लामिक सेना के हवाले कर दियाजायेगा। निजामुद्दीन औलिया जिसकी दरगाहदिल्ली में स्थित हैं ने भी ख्वाजा का स्मरण करतेहुए कुछ ऐसा ही लिखा है।
बुद्धिमान पाठकगन स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कीइस प्रकार के करिश्मो को सुनकर कोई मुर्ख ही इनबातों पर विश्वास ला सकता है। भारत में स्थानस्थान पर स्थित कब्रे उन मुसलमानों की हैं जो भारतपर आक्रमण करने आये थे और हमारे वीर हिन्दू पूर्वजोने उन्हें अपनी तलवारों से परलोक पंहुचा दिया था।ऐसी ही एक कब्र बहरीच गोरखपुर के निकट स्थितहै। यह कब्र गाज़ी मियां की है। गाज़ी मियां काअसली नाम सालार गाज़ी मियां था एवं उनकाजन्म अजमेर में हुआ था। इस्लाम में गाज़ी कीउपाधि किसी काफ़िर यानि गैर मुसलमान कोक़त्ल करने पर मिलती थी। गाज़ी मियां के मामामुहम्मद गजनी ने ही भारत पर आक्रमण करके गुजरातस्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का विध्वंश कियाथा। कालांतर में गाज़ी मियां अपने मामा के यहाँपर रहने के लिए गजनी चला गया। कुछ काल के बादअपने वज़ीर के कहने पर गाज़ी मियां को मुहम्मदगजनी ने नाराज होकर देश से निकला दे दिया। उसेइस्लामिक आक्रमण का नाम देकर गाज़ी मियां नेभारत पर हमला कर दिया। हिन्दू मंदिरों काविध्वंश करते हुए,हजारों हिन्दुओं का क़त्ल अथवाउन्हें गुलाम बनाते हुए, नारी जाति पर अमानवीयकहर बरपाते हुए गाज़ी मियां ने बाराबंकी में अपनीछावनी बनाई और चारो तरफ अपनी फौजे भेजी।कौन कहता है की हिन्दू राजा कभी मिलकर नहींरहे? मानिकपुर,बहराइच आदि के 24 हिन्दू राजाओ नेराजा सोहेल देव पासी के नेतृत्व में जून की भरीगर्मी में गाज़ी मियां की सेना का सामना कियाऔर उसकी सेना का संहार कर दिया। राजा सोहेलदेव ने गाज़ी मियां को खींच कर एक तीर माराजिससे की वह परलोक पहुँच गया। उसकी लाश कोउठाकर एक तालाब में फेंक दिया गया। हिन्दुओं नेइस विजय से न केवल सोमनाथ मंदिर के लूटने काबदला ले लिया था बल्कि अगले 200 सालों तककिसी भी मुस्लिम आक्रमणकारी का भारत परहमला करने का दुस्साहस नहीं हुआ।कालांतर में फ़िरोज़ शाह तुगलक ने अपनी माँ केकहने पर बहरीच स्थित सूर्य कुण्ड नामक तालाब कोभरकर उस पर एक दरगाह और कब्र गाज़ी मियां केनाम से बनवा दी जिस पर हर जून के महीने मेंसालाना उर्स लगने लगा। मेले में एक कुण्ड में कुछबेहरूपियें बैठ जाते है और कुछ समय के बाद लाइलाजबिमारिओं को ठीक होने का ढोंग रचते है। पूरे मेले मेंचारों तरफ गाज़ी मियां के चमत्कारों का शोर मचजाता है और उसकी जय-जयकार होने लग जाती है।हजारों की संख्या में मुर्ख हिन्दू औलाद की, दुरुस्तीकी, नौकरी की, व्यापार में लाभ की दुआ गाज़ीमियां से मांगते है, शरबत बांटते है , चादर चदाते है औरगाज़ी मियां की याद में कव्वाली गाते है।
कुछ सामान्य से 10 प्रश्न हम पाठको से पूछनाचाहेंगे?
1 .क्या एक कब्र जिसमे मुर्दे की लाश मिट्टी मेंबदल चूँकि है वो किसी की मनोकामनापूरी करसकती है?
2. सभी कब्र उन मुसलमानों की है जो हमारे पूर्वजोसे लड़ते हुए मारे गए थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नतमांगना क्या उन वीर पूर्वजो का अपमान नहीं हैजिन्होंने अपने प्राण धर्म रक्षा करते की बलि वेदीपर समर्पित कर दियें थे?
3. क्या हिन्दुओ के राम, कृष्ण अथवा 33कोटि देवीदेवता शक्तिहीन हो चुकें है जो मुसलमानों कीकब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक है?
4. जब गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहाँ हैं की कर्मकरने से ही सफलता प्राप्त होती हैं तो मजारों मेंदुआ मांगने से क्या हासिल होगा?
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी,महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरो कीस्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजाजाता है तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करनेवालो की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते है?
6. क्या संसार में इससे बड़ी मुर्खता का प्रमाणआपको मिल सकता है?
7.. हिन्दू जाति कौन सी ऐसी अध्यात्मिक प्रगतिमुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहीं हैजिसका वर्णन पहले से ही हमारे वेदों- उपनिषदोंआदि में नहीं है?
8. कब्र पूजा को हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसालऔर सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ कोअँधेरे में रखना नहीं तो ओर क्या है?
9. इतिहास की पुस्तकों कें गौरी – गजनी का नामतो आता हैं जिन्होंने हिन्दुओ को हरा दिया थापर मुसलमानों को हराने वाले राजा सोहेल देवपासी का नाम तक न मिलना क्या हिन्दुओं कीसदा पराजय हुई थी ऐसी मानसिकता को बना करउनमें आत्मविश्वास और स्वाभिमान की भावनाको कम करने के समान नहीं है?
10. क्या हिन्दू फिर एक बार 24 हिन्दू राजाओकी भांति मिल कर संगठित होकर देश पर आये संकटजैसे की आंतकवाद, जबरन धर्म परिवर्तन,नक्सलवाद,लव जिहाद, बंगलादेशी मुसलमानों कीघुसपैठ आदि का मुंहतोड़ जवाब नहीं दे सकते?
आशा हैं इस लेख को पढ़ कर आपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा।यदि आप आर्य राजा राम और कृष्ण जी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दे और अन्यहिन्दुओ को भी इस बारे में प्रकाशित करें।
पूर्व में भी बॉलीवुड का कोईप्रसिद्द अभिनेता अभिनेत्री अथवा क्रिकेट केखिलाड़ी अथवा राजनेता चादर चदाकर अपनीफिल्म को सुपर हिट करने की अथवा आने वाले मैच मेंजीत की अथवा आने वाले चुनावो में जीत की दुआमांगता रहा हैं। भारत की नामी गिरामी हस्तियोंके दुआ मांगने से साधारण जनमानस में एक भेड़चालसी आरंभ हो गयी है की अजमेर में दुआ मांगे से बरकतहो जाएगी , किसी की नौकरी लग जाएगी ,किसी के यहाँ पर लड़का पैदा हो जायेगा , किसीका कारोबार नहीं चल रहा हो तो वह चलजायेगा, किसी का विवाह नहीं हो रहा हो तोवह हो जायेगा।
कुछ सवाल हमे अपने दिमाग पर जोर डालने कोमजबूर कर रहे हैं जैसे की यह गरीब नवाज़ कौन थे ?कहाँ से आये थे? इन्होने हिंदुस्तान में क्या कियाऔर इनकी कब्र पर चादर चदाने से हमे सफलता कैसेप्राप्त होती है?
गरीब नवाज़ भारत में लूटपाट करने वाले , हिन्दूमंदिरों का विध्वंश करने वाले ,भारत के अंतिम हिन्दूराजा पृथ्वी राज चौहान को हराने वाले वजबरदस्ती इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने वाले मुहम्मदगौरी के साथ भारत में शांति का पैगाम लेकर आयेथे। पहले वे दिल्ली के पास आकर रुके फिर अजमेरजाते हुए उन्होंने करीब 700 हिन्दुओ को इस्लाम मेंदीक्षित किया और अजमेर में वे जिस स्थान पर रुकेउस स्थान पर तत्कालीन हिन्दू राजा पृथ्वी राजचौहान का राज्य था। ख्वाजा के बारे मेंचमत्कारों की अनेको कहानियां प्रसिद्ध है कीजब राजा पृथ्वी राज के सैनिको ने ख्वाजा केवहां पर रुकने का विरोध किया क्योंकि वह स्थानराज्य सेना के ऊँटो को रखने का था तो पहले तोख्वाजा ने मना कर दिया फिर क्रोधित होकरशाप दे दिया की जाओ तुम्हारा कोई भी ऊंटवापिस उठ नहीं सकेगा। जब राजा के कर्मचारियोंने देखा की वास्तव में ऊंट उठ नहीं पा रहे है तो वेख्वाजा से माफ़ी मांगने आये और फिर कहीं जाकरख्वाजा ने ऊँटो को दुरुस्त कर दिया। दूसरी कहानीअजमेर स्थित आनासागर झील की हैं। ख्वाजा अपनेखादिमो के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने एक गायको मारकर उसका कबाब बनाकर खाया। कुछखादिम पनसिला झील पर चले गए कुछ आनासागरझील पर ही रह गए। उस समय दोनों झीलों केकिनारे करीब 1000 हिन्दू मंदिर थे, हिन्दू ब्राह्मणोंने मुसलमानो के वहां पर आने का विरोध किया औरख्वाजा से शिकायत कर दी।
ख्वाजा ने तब एक खादिम को सुराही भरकर पानीलाने को बोला। जैसे ही सुराही को पानी मेंडाला तभी दोनों झीलों का सारा पानी सुखगया। ख्वाजा फिर झील के पास गए और वहांस्थित मूर्ति को सजीव कर उससे कलमा पढवायाऔर उसका नाम सादी रख दिया। ख्वाजा के इसचमत्कार की सारे नगर में चर्चा फैल गई। पृथ्वीराजचौहान ने अपने प्रधान मंत्री जयपाल को ख्वाजाको काबू करने के लिए भेजा। मंत्री जयपाल ने अपनीसारी कोशिश कर डाली पर असफल रहा औरख्वाजा नें उसकी सारी शक्तिओ को खत्म करदिया। राजा पृथ्वीराज चौहान सहित सभी लोगख्वाजा से क्षमा मांगने आये। काफी लोगो नेंइस्लाम कबूल किया पर पृथ्वीराज चौहान ने इस्लामकबूलने इंकार कर दिया। तब ख्वाजा नेंभविष्यवाणी करी की पृथ्वी राज को जल्द हीबंदी बना कर इस्लामिक सेना के हवाले कर दियाजायेगा। निजामुद्दीन औलिया जिसकी दरगाहदिल्ली में स्थित हैं ने भी ख्वाजा का स्मरण करतेहुए कुछ ऐसा ही लिखा है।
बुद्धिमान पाठकगन स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कीइस प्रकार के करिश्मो को सुनकर कोई मुर्ख ही इनबातों पर विश्वास ला सकता है। भारत में स्थानस्थान पर स्थित कब्रे उन मुसलमानों की हैं जो भारतपर आक्रमण करने आये थे और हमारे वीर हिन्दू पूर्वजोने उन्हें अपनी तलवारों से परलोक पंहुचा दिया था।ऐसी ही एक कब्र बहरीच गोरखपुर के निकट स्थितहै। यह कब्र गाज़ी मियां की है। गाज़ी मियां काअसली नाम सालार गाज़ी मियां था एवं उनकाजन्म अजमेर में हुआ था। इस्लाम में गाज़ी कीउपाधि किसी काफ़िर यानि गैर मुसलमान कोक़त्ल करने पर मिलती थी। गाज़ी मियां के मामामुहम्मद गजनी ने ही भारत पर आक्रमण करके गुजरातस्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का विध्वंश कियाथा। कालांतर में गाज़ी मियां अपने मामा के यहाँपर रहने के लिए गजनी चला गया। कुछ काल के बादअपने वज़ीर के कहने पर गाज़ी मियां को मुहम्मदगजनी ने नाराज होकर देश से निकला दे दिया। उसेइस्लामिक आक्रमण का नाम देकर गाज़ी मियां नेभारत पर हमला कर दिया। हिन्दू मंदिरों काविध्वंश करते हुए,हजारों हिन्दुओं का क़त्ल अथवाउन्हें गुलाम बनाते हुए, नारी जाति पर अमानवीयकहर बरपाते हुए गाज़ी मियां ने बाराबंकी में अपनीछावनी बनाई और चारो तरफ अपनी फौजे भेजी।कौन कहता है की हिन्दू राजा कभी मिलकर नहींरहे? मानिकपुर,बहराइच आदि के 24 हिन्दू राजाओ नेराजा सोहेल देव पासी के नेतृत्व में जून की भरीगर्मी में गाज़ी मियां की सेना का सामना कियाऔर उसकी सेना का संहार कर दिया। राजा सोहेलदेव ने गाज़ी मियां को खींच कर एक तीर माराजिससे की वह परलोक पहुँच गया। उसकी लाश कोउठाकर एक तालाब में फेंक दिया गया। हिन्दुओं नेइस विजय से न केवल सोमनाथ मंदिर के लूटने काबदला ले लिया था बल्कि अगले 200 सालों तककिसी भी मुस्लिम आक्रमणकारी का भारत परहमला करने का दुस्साहस नहीं हुआ।कालांतर में फ़िरोज़ शाह तुगलक ने अपनी माँ केकहने पर बहरीच स्थित सूर्य कुण्ड नामक तालाब कोभरकर उस पर एक दरगाह और कब्र गाज़ी मियां केनाम से बनवा दी जिस पर हर जून के महीने मेंसालाना उर्स लगने लगा। मेले में एक कुण्ड में कुछबेहरूपियें बैठ जाते है और कुछ समय के बाद लाइलाजबिमारिओं को ठीक होने का ढोंग रचते है। पूरे मेले मेंचारों तरफ गाज़ी मियां के चमत्कारों का शोर मचजाता है और उसकी जय-जयकार होने लग जाती है।हजारों की संख्या में मुर्ख हिन्दू औलाद की, दुरुस्तीकी, नौकरी की, व्यापार में लाभ की दुआ गाज़ीमियां से मांगते है, शरबत बांटते है , चादर चदाते है औरगाज़ी मियां की याद में कव्वाली गाते है।
कुछ सामान्य से 10 प्रश्न हम पाठको से पूछनाचाहेंगे?
1 .क्या एक कब्र जिसमे मुर्दे की लाश मिट्टी मेंबदल चूँकि है वो किसी की मनोकामनापूरी करसकती है?
2. सभी कब्र उन मुसलमानों की है जो हमारे पूर्वजोसे लड़ते हुए मारे गए थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नतमांगना क्या उन वीर पूर्वजो का अपमान नहीं हैजिन्होंने अपने प्राण धर्म रक्षा करते की बलि वेदीपर समर्पित कर दियें थे?
3. क्या हिन्दुओ के राम, कृष्ण अथवा 33कोटि देवीदेवता शक्तिहीन हो चुकें है जो मुसलमानों कीकब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक है?
4. जब गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहाँ हैं की कर्मकरने से ही सफलता प्राप्त होती हैं तो मजारों मेंदुआ मांगने से क्या हासिल होगा?
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी,महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरो कीस्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजाजाता है तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करनेवालो की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते है?
6. क्या संसार में इससे बड़ी मुर्खता का प्रमाणआपको मिल सकता है?
7.. हिन्दू जाति कौन सी ऐसी अध्यात्मिक प्रगतिमुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहीं हैजिसका वर्णन पहले से ही हमारे वेदों- उपनिषदोंआदि में नहीं है?
8. कब्र पूजा को हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसालऔर सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ कोअँधेरे में रखना नहीं तो ओर क्या है?
9. इतिहास की पुस्तकों कें गौरी – गजनी का नामतो आता हैं जिन्होंने हिन्दुओ को हरा दिया थापर मुसलमानों को हराने वाले राजा सोहेल देवपासी का नाम तक न मिलना क्या हिन्दुओं कीसदा पराजय हुई थी ऐसी मानसिकता को बना करउनमें आत्मविश्वास और स्वाभिमान की भावनाको कम करने के समान नहीं है?
10. क्या हिन्दू फिर एक बार 24 हिन्दू राजाओकी भांति मिल कर संगठित होकर देश पर आये संकटजैसे की आंतकवाद, जबरन धर्म परिवर्तन,नक्सलवाद,लव जिहाद, बंगलादेशी मुसलमानों कीघुसपैठ आदि का मुंहतोड़ जवाब नहीं दे सकते?
आशा हैं इस लेख को पढ़ कर आपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा।यदि आप आर्य राजा राम और कृष्ण जी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दे और अन्यहिन्दुओ को भी इस बारे में प्रकाशित करें।
Peace if possible, truth at all costs.