|| दुनिया वालों सुनें बाईबिल की कहानी ||

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भाईयों ईसाई लोग जिसे धर्मग्रन्थ मानते हैं, अथवा जिसे बाईबिल कहते हैं, उसकी कहानी सुनें इसका नाम उत्पत्ति नामक पुस्तक | इसमें 50 अध्याय है, इसमें आदम से लेकर यूसुफ़ तक का वर्णन है | इस को लोग धर्मग्रन्थ मानते हैं उसमें आप गौर से पढ़ते जाएँ गे, महज़ किस्सा, और लोगों के नामों के साथ उनका वंशावली है जिसे धर्मग्रन्थ कहते हैं लोग, जहाँ धर्म क्या है बिलकुल नही बताया गया, मात्र लोगों की वंशा वली ही है | याद रखना की यह किस्सा कुरान से कुछ मिलता जुलता है |मैं आप लोगों को उसी उत्पत्ति का विषय 5 : 1: 27 : को बता रहा हूँ यहाँ से आदम की वंशावली बताई जा रही है | आदम की वंशवली यह है |
 {1} जब परमेश्वर ने मनुष्य की सृष्टि की तब अपनी ही स्वरूप में उसको बनाया |

 {2} उस ने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की और उन्हें आशीष दी और उनकी सृष्टि के दिन उनका नाम आदम रखा |

{3} जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम शेत रखा |

{4} और शेत के जन्म के पश्चात् आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, औए आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुई |

{5} और आदम की कुल अवस्था नौ सौ तीस वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{6} जब शेत एक सौ पांच वर्ष का हुआ तब उसने एनोश को जन्म दिया |

{7} और एनोश के जन्म के पश्चात् शेत आठ सौ सात वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुई |{8} और शेत की कुल अवस्था नौ सौ बारह वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{9} जब एनोश नब्बे वर्ष का हुआ तब उसने केनान को जन्म दिया |

{10} और केनान के जन्म के पश्चात् एनोश आठ सौ पंद्रह वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटिया उत्पन्न हुई |
{11} और एनोश की कुल अवस्था नौ सौ पांच वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{12} जब केनान सत्तर वर्ष का हुआ तब उसने महललेल को जन्म दिया |

{13} और महललेल के जन्म के पश्चात् केनान आठ सौ चालीस वर्ष जीवित रहा और उसके और भी बेटे बेटीया उत्पन्न हुई |

{14} और केनान की कुल अवस्था नौ सौ दस वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |{

15} जब महललेल पैसठ वर्ष का हुआ तब उसने येरेद को जन्म दिया |

{16} और येरेद केजन्म के पश्चात् महललेल आठ सौ तीस वर्ष तक जीवित रहा, और उनके और भी बेटे बेतिया उत्पन्न हुई |

{17} और महललेल की कुल अवस्था आठ सौ पंचानवे वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{18} जब येरेद एक सौ बासठ वर्ष का हुआ तब उसने ह्नोक को जन्म दिया |

 {19} और ह्नोक के जन्म के पश्चात् येरेद आठ सौ वर्ष तक जीवित रहा,और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुई |

{20} और येरेद की कुल अवस्था नौ सौ बासठ वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{21} जब हनोक पैसठ वर्ष का हुआ तब उसने मतुशेलह को जन्म दिया |

 {22} और मतुशेलह की जन्म के पश्चात् ह्नोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्वर के साथ साथ चलता रहा और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुई |

{23} और ह्नोक की कुल अवस्था तीन सौ पैसठ वर्ष की हुई |

 {24} और ह्नोक परमेश्वर के साथ साथ चलता रहा फिर वह लोप हो गया क्यों कि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था |

{25} जब मतुशेलह एक सौ सत्तासी वर्ष का हुआ, तब उसने लेमेक को जन्म दिया |

{26} और लेमेक के जन्म के पश्चात् मतुशेलह सात सौ बाईस वर्ष जीवित रहा,

{27} और मतुशेलह की कुल अवस्था नौ सौ उनहत्तर वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{28} जब लेमेक एक सौ बयासी वर्ष का हुआ तब उसने एक पुत्र को जन्म दिया |

{29} और यह कहकर उसका नाम नुह रखा की यहोवा ने जो पृथिवी को शाप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते है हमको शान्ति देगा |

 {30} और नुह के जन्म के पश्चात् लेमेक पांच सौ वर्ष जीवित रहा और उसके और भी बेटे बेटीया उत्पन्न हुई |

 {31} और लेमेक की कुल अवस्था सात सौ सत्तर वर्ष की हुई : तत्पश्चात वह मर गया |

{32} और नुह पांच सौ वर्ष का हुआ और नुह ने शेम,और हाम, और येपेत को जन्म दिया || { इसके बाद जल प्रलय का वर्णन }

नोट :-बाईबिल में आदम की वंशावली में यह 32 = आयात दिखाया है, इसके बाद जल प्रलय है | मानव कहलाने वालों जरा यह विचार करें की बाईबिल की इस भाग में धर्म कहाँ है, और किसे धर्म कहा गया ? यह तो मात्र कुछ लोगों के नाम बताये गये, और वह कितने वर्ष तक जीवित रहा, उनके और भी बेटे बेटियां थीं यही बताया गया है | यहाँ दो को बताया है परमेश्वर ने उठा लिया, बाकि सब को बताया गया मर गया | अब परमेश्वर ने औरों को नही दो को उठाया बाकि जितने भी थे मरगये, किन्तु बाईबिल में यह नही बताया की परमेश्वर ने उठा कहा लिया ?मेरा दूसरा सवाल यह है की यहाँ जितने लोगों के नाम और उम्र बताया गया वह गिनती बाईबिल वालों ने कहा से और कैसे की है ? गिनती को किस जगह से शुरू किया है या गिनती कहाँ से शुरू होती है, मै बाईबिल के मानने वालों से पूछता हूँ जरा बता दें तो जानूं ? मेरी चुनौती है सम्पूर्ण बाईबिल वालों से | साथ ही यह पूछना चाहूँगा की अब तक बाईबिल से जो प्रमाण बताये गये हैं, यह पैदा हुवा, और वह पैदा हुवा | यहाँ दिखाए और बताये गये जितने भी पैदा हुये, वह सिर्फ एक का ही नाम बताया गया है, स्त्री व पुरुष दो का नाम कहीं भी नही आया ? क्या यह बाईबिल के मानने वाले सिर्फ एक से पैदा हुए, जो मात्र माता हो अथवा पिता दोनों से नही ? अगर दोनों से ही है तो स्त्री व पुरुष दोनों का नाम होना चाहिए, किन्तु दो नाम कहीं नही है, तो किसी एक से पैदा होना, कौन है धरती पर विज्ञान का जानने और मानने वाला कहेगा की बिना स्त्री, अथवा बिना पुरुष के कोई सन्तान कैसे जन्म ले सकता है ?बाईबिल में जितने भी नाम आदम से लेकर नुह तक बताया गया है, अथवा आदम की वंशवली बताई गई है इस से मानव समाज को मिला क्या ? और इसमें धर्म की बात है कहाँ ? जो यह धर्म ग्रन्थ बताया गया है ? यही वह ग्रन्थ है जिसे लेकर आज मानव समाज में झगड़ा व्याप्त है | ईसाईयों का मानना है यह हमारा धर्म ग्रन्थ है | इस्लाम वालों का कहना है, धर्म ग्रन्थ यह नही है कुरान है | अब इन दोनों पुस्तक के बीच वाले अर्थात कुरान, व, बाईबिल को जो नही मानते वह इन दोनों को धर्मग्रन्थ नही मानते | अब यह निर्णय कौन करे की क्या यही दोनों धर्मग्रन्थ है ? अथवा दोनों में कोई एक है ? या फिर इनदोनों में से एक भी धर्मग्रन्थ नही है ? सही मे यह धर्म ग्रन्थ है अथवा मानव समाज में लड़ाई झगड़ा करने कराने वाली किताब है ?सही में धर्म ग्रन्थ है क्या ? इसे बिना जाने हम कैसे किसी को कह्सकते हैं यह धर्म ग्रन्थ है ? इस के लिए चाहिए युक्ति, तर्क, और प्रमाण | जिससे की यह सिद्ध हो की सही में यह धर्म ग्रन्थ है ? क्या यह धर्म ग्रन्थ हो सकता है ? जहाँ इस प्रकार की किस्सा कहानी लिखी और बताई गई हो, जहाँ 90 वर्ष की महिला सन्तान जन्म देती बताया जाय, और वह भी बाँझ महिला ? जो मै आप लोगों को पहले दिखा चूका हूँ कुरान से इमरान की वंशावली को, जब कि अभी वह पूरा नही हुवा मात्र 34 से 44 आयात तक ही लिखा हूँ | बाईबिल में भी यही है जो आप लोगों को बताया गया है, आप लोगों ने,अगर यही धर्म ग्रन्थ माना तो, सरिता, सलील में, सच्ची कहानी में क्या दोष है ?

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