जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली को पत्र लिख कर
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को ब्रिटेन का युद्ध अपराधी बताया था और रूस
द्वारा उन्हें पनाह देने को द्रोह और
विश्वासघात करार दिया था ।
यह पत्र लंदन के ब्रिटिश अभिलेखागार में सुरक्षित है ।
नेहरू ने लिखा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को रूस ने अपने यहां प्रवेश करने की इजाजत देकर द्रोह और विश्वासघात किया है । पत्र के अनुसार उन्होंने लिखा था कि रूस चूंकि ब्रिटिश,
अमेरिकियों का मित्र राष्ट्र है, इसलिए रूस को ऐसा नहीं करना चाहिए । पत्र में लिखा था कि इस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए ।नेहरू के मन में नेताजी के लिए बेहद नफरत भरी थी और वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को नेताजी के बारे में गोपनीय सूचना देने में नहीं हिचके । प्रस्तावना में कहा गया है कि पंडित नेहरू ने यह पत्र डिक्टेट कराया था, आसफ अली के विश्वस्त स्टेनो शामलाल ने अपने हलफनामे में इसकी पुष्टि भी की है ।
"कारगिल युद्ध के पीछे का एक ऐसा रहस्य जो न आपको कभी media बताएगा !
न कोई राजनीतिक पार्टी !!
जरूर देखे share करे !
यहाँ click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=2s8X0Xh_XME
विश्वासघात करार दिया था ।
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वन्देमातरम !
Peace if possible, truth at all costs.