साईं अल्लाह का दीवाना...

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साईं अल्लाह का दीवाना।
फिर भी हिन्दू गाए उसका गाना।
अब सुनो एक राष्ट्रभक्त का धार्मिक गाना।
मुद्दा है थोडा जरा पुराना .....
लेकिन काम की बात पे जरा गौर फरमाना..!
फकीर के रूप में चाँदमिया कट्टर मौलाना।
काम पिपासी जिहादी को अपना ईश्वरीय अवतार बताना...
आदत हमारी असत्य को पचाना, सत्य को नकारना।
साईं मांस खाये निरीह जीवो का..।
यही काम था उसका रोजाना।
सत्य सनातन वैदिक धर्म से भटकाकर,
कब्रो पर सर पटकवाना।
केवल असत्य का पाखंड फैलाकर,
चमत्कार को नमस्कार करवाना।
अल्लाह मालिक अल्लाह मालिक..
सेक्युलरिता के नाम पे इस्लाम को फैलाना।
वाह रे चाँद मियां के मूढ़ दीवानो...
साई अल्लाह का दीवाना फिर भी हिन्दू गाये उसका गाना।
योगेश्वर श्री कृष्ण जी ने गीता में कहा है-
यान्ति देवव्रता देवनः पित्र्यान्ति पित्रवृताः यन्ति भूतेज्याणीयन्ति मध्यजन्मोपिमाह!
अर्थात भुत प्रेत कब्रो मजारो आदि को सकाम भाव से पूजने वाले व्यक्ति मरणोपरांत भी उसी योनि को प्राप्त होते है और उसी में विचरण करते है।
सत्य सनातन वैदिक धर्म के विरुद्ध है जो है वो ही यवनो का अंधभक्त है।
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