रोमन देशों का इतिहास पढ़ा है आपने फिर रोमन देशों के कोलोजियम भी देखे
सुने होंगे.. अंडाकार कोलोसियम की क्षमता ५०,००० दर्शकों की थी, जो उस समय
में साधारण बात नहीं थी। इस स्टेडियम में योद्धाओं के बीच मात्र मनोरंजन के
लिए खूनी लड़ाईयाँ हुआ करती थीं।
जब भी जनता सिर उठाती थी , राजा को लगता था की अब जनता जन आन्दोलन पर उतर आयी है, जनता समझने लगी है शोषण का विरोध करने वाली है तभी जनता के मनोरंजन और ध्यान भटकाने के लिये ऐसे खूनी लड़ाइयो वाले खेल शुरु कर दिये जाते थे , सांड और आदमियो और कैदियो को लड़ाया जाता था , जब तक वे मर ना जाये , और जनता सबकुछ भूलकर लड़ाईयो के खेल देखने में मगन हो जाती थी , योद्धाओं को अन्य जानवरों से भी लड़ना पड़ता था। ग्लेडियेटर बाघों से लड़ते थे। अनुमान है कि इस स्टेडियम के ऐसे प्रदर्शनों में लगभग ५ लाख पशुओं और १० लाख मनुष्य मारे गए। आज भी ये चाल बदली नही है बस इसे आजमाने वाले चेहरे बदल गये है । और खेल के तरीके बदल गये है जनता को अब भी मूर्ख बनाया जा रहा है, और जनता नशे में है। अब यही चाल चली जा रही है।
भारत में क्रिकेट कूटनीति इसी तरह के खेल का एक हिस्सा है.....
ये सब राजनैतिक प्रंपच है , क्रिकेट के साथ मीडिया जुड़ा है और मीडिया से है प्रसिद्धी और शोहरत और विज्ञापनो का मायाजाल जिससे सारी विदेशी कम्पनियां ब्रांडिंग करती है । क्रिकेट से जुड़ी जन भावनाओ को वोट और नोट मे बदलने के लिये ,ये सारा प्रपंच रचा गया है , जनता खुश होकर तमाशा देख रही है मीडिया मचाये रखती है क्रिकेट पर हल्ला , जन सामान्य के मुद्दे और जन आदोलन हाशिये पर चले जाते है।
विदेशी कम्पनियों कोक,पेप्सी, खेल कम्पनियो और कारपोरेट लाबी, के कारण जानबूझ कर मीडिया क्रिकेट को दिखाता है , यही कारण है 90पैसे का टायलेट क्लीनर जैसा पानी 12-15 रुपये में इस देश में बिक जाता है।चैनलो की विज्ञापनो से कमाई और विदेशी कम्पनियो की दलाली से कमाई होती है।
देश के दूसरे खेलों की बर्बादी का कारण ये है कि क्रिकेट मैच दिन भर या पांच दिन तक चलता है , भरपूर विज्ञापन भरपूर पैसा, ये खेल सट्टेबाजी के भी अनुकूल है , अन्य खेलो का एक मैच ज्यादा से ज्यादा 2घंटे में निपट जाता है। अब आप समझ गये होगे कि मीडिया अन्य खेलो का प्रचार क्यो नही करता।
बात छोटी सी है लेकिन लोग समझ नहीं पाते, मान लिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच में एक क्रिकेट मैच हो जाय और सचिन तेंदुलकर, धोनी, युवराज सिंह, विरेन्द्र सहवाग जैसे सारे स्टार बल्लेबाज खेल रहे हों तो ये मान के चलो कि भारत में पचास करोड़ लोग तो मैच देखते ही हैं और कम से कम पाँच करोड़ लोग इन स्टार खिलाड़ियों के फैन हैं जब मान लिया वन्डे है तो कम से कम तीन करोड़ लोग काम पर नहीं जायेंगे और एक करोड़ विद्यार्थी विद्यालय नहीं जायेंगे
जो काम पर नहीं गए तो आठ घंटे का प्रोडक्शन का नुकसान हुआ एक व्यक्ति से तो तीन करोड़ गुणा आठ माने चौबीस करोड़ घंटे एक दिन में ही बरबाद हो गये फिर मान लिया कि हर घंटे सौ रुपए का नुकसान हुआ तो कुल चौबीस अरब रुपये का नुकसान हुआ ये वो आंकड़े हैं जिसे मिनिमम माना है अगर औसत भी मानूं तो फिर भी चौबीस अरब से ज्यादा का नुकसान होगा प्रतिदिन का....
अब आई पी एल देश मे …………
* इस बार अरबो रुपये का कालाधन लगा, सट्टेबाजी हुई आई पी एल में कोई जांच नहीं हुई । सट्टेबाज पकड़े गये लेकिन बड़े खिलाड़ी और क्रिकेट के मठाधीश नही पकड़े गये ।
रक्षा सौदो का दलाल अभिषेक वर्मा भी शामिल था लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई ।
* ड्र्ग्स , रेव पार्टी , मैच फिक्सिग , चीयर लीडर के यौन शोषण पर कोई जांच हुई ।
* फ्रेचाइजी ने कितनी रकम BCCI को देकर टीम खरीदी और ये पैसा कहा से आया ? कोई नही जानता । बेनामी कालाधन लगा है ।
* पिछले 2 आई पी एल में भ्रष्टाचार के मामलो में ललित मोदी फरार है , लन्दन में रह रहा है , उसको पकड़ने के लिये इटरपोल की मदद नही ली गई ,देश की कोर्ट सम्मन दे रही है और वो वहां मजे कर रहा है ।
* अब तक फेमा , हवाला, कस्टम , आयकार मामलो के के कुल 1767नोटिस आई पी एल को दिये जा चुके है , कोई कार्यवाही नही हुई है ?
* विदेशो के टेक्स हैवन देशो से कालाधन क्रिकेट मे लगा है , जिसे सफेद बना लिया गया , सरकार नोटिस पे नोटिस लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई है
* दाऊद का काला पैसा लगता है क्रिकेट में इसी बात का खुलासा वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे ने किया तो उनकी हत्या कर दी गई।
अब आप समझ गये होगे कि पाकिस्तान से क्रिकेट क्यो खेला जा रहा है ?
इन सब कारनामो पर पर्दा डालने के लिये ताकि जनता क्रिकेट में लिपटी देश भक्ति में सब कुछ भूल जाये ।
इसे कहते है क्रिकेट की कूटनीति जिससे आम जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है और आप बन रहे है ।
इन सब में खेल बदनाम हो रहा है क्रिकेट , जिसे BCCI ने व्यापार बना दिया ।
अब आप सोचते है कि ये खेल है इससे पैसा और राजनीति नही है तो ऊपर लिखे सारी पार्टियों के नेता इसमें क्या कर रहे है ? क्यो पदाधिकारी बन के बैठे है ?
इस देश की जनता क्रिकेट के नशे मे चूर जिसे छदम देश भक्ति का अहसास होता है भले ही सीमा पर हमारे सैनिक पाकिस्तान रोज मारता हो लेकिन हमे एक मैच हारने का गम ज्यादा होता है और विदेशी कम्पनिया हमे इस बहाने लूट रही है लेकिन हम बेहोश है
जब भी जनता सिर उठाती थी , राजा को लगता था की अब जनता जन आन्दोलन पर उतर आयी है, जनता समझने लगी है शोषण का विरोध करने वाली है तभी जनता के मनोरंजन और ध्यान भटकाने के लिये ऐसे खूनी लड़ाइयो वाले खेल शुरु कर दिये जाते थे , सांड और आदमियो और कैदियो को लड़ाया जाता था , जब तक वे मर ना जाये , और जनता सबकुछ भूलकर लड़ाईयो के खेल देखने में मगन हो जाती थी , योद्धाओं को अन्य जानवरों से भी लड़ना पड़ता था। ग्लेडियेटर बाघों से लड़ते थे। अनुमान है कि इस स्टेडियम के ऐसे प्रदर्शनों में लगभग ५ लाख पशुओं और १० लाख मनुष्य मारे गए। आज भी ये चाल बदली नही है बस इसे आजमाने वाले चेहरे बदल गये है । और खेल के तरीके बदल गये है जनता को अब भी मूर्ख बनाया जा रहा है, और जनता नशे में है। अब यही चाल चली जा रही है।
भारत में क्रिकेट कूटनीति इसी तरह के खेल का एक हिस्सा है.....
ये सब राजनैतिक प्रंपच है , क्रिकेट के साथ मीडिया जुड़ा है और मीडिया से है प्रसिद्धी और शोहरत और विज्ञापनो का मायाजाल जिससे सारी विदेशी कम्पनियां ब्रांडिंग करती है । क्रिकेट से जुड़ी जन भावनाओ को वोट और नोट मे बदलने के लिये ,ये सारा प्रपंच रचा गया है , जनता खुश होकर तमाशा देख रही है मीडिया मचाये रखती है क्रिकेट पर हल्ला , जन सामान्य के मुद्दे और जन आदोलन हाशिये पर चले जाते है।
विदेशी कम्पनियों कोक,पेप्सी, खेल कम्पनियो और कारपोरेट लाबी, के कारण जानबूझ कर मीडिया क्रिकेट को दिखाता है , यही कारण है 90पैसे का टायलेट क्लीनर जैसा पानी 12-15 रुपये में इस देश में बिक जाता है।चैनलो की विज्ञापनो से कमाई और विदेशी कम्पनियो की दलाली से कमाई होती है।
देश के दूसरे खेलों की बर्बादी का कारण ये है कि क्रिकेट मैच दिन भर या पांच दिन तक चलता है , भरपूर विज्ञापन भरपूर पैसा, ये खेल सट्टेबाजी के भी अनुकूल है , अन्य खेलो का एक मैच ज्यादा से ज्यादा 2घंटे में निपट जाता है। अब आप समझ गये होगे कि मीडिया अन्य खेलो का प्रचार क्यो नही करता।
बात छोटी सी है लेकिन लोग समझ नहीं पाते, मान लिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच में एक क्रिकेट मैच हो जाय और सचिन तेंदुलकर, धोनी, युवराज सिंह, विरेन्द्र सहवाग जैसे सारे स्टार बल्लेबाज खेल रहे हों तो ये मान के चलो कि भारत में पचास करोड़ लोग तो मैच देखते ही हैं और कम से कम पाँच करोड़ लोग इन स्टार खिलाड़ियों के फैन हैं जब मान लिया वन्डे है तो कम से कम तीन करोड़ लोग काम पर नहीं जायेंगे और एक करोड़ विद्यार्थी विद्यालय नहीं जायेंगे
जो काम पर नहीं गए तो आठ घंटे का प्रोडक्शन का नुकसान हुआ एक व्यक्ति से तो तीन करोड़ गुणा आठ माने चौबीस करोड़ घंटे एक दिन में ही बरबाद हो गये फिर मान लिया कि हर घंटे सौ रुपए का नुकसान हुआ तो कुल चौबीस अरब रुपये का नुकसान हुआ ये वो आंकड़े हैं जिसे मिनिमम माना है अगर औसत भी मानूं तो फिर भी चौबीस अरब से ज्यादा का नुकसान होगा प्रतिदिन का....
अब आई पी एल देश मे …………
* इस बार अरबो रुपये का कालाधन लगा, सट्टेबाजी हुई आई पी एल में कोई जांच नहीं हुई । सट्टेबाज पकड़े गये लेकिन बड़े खिलाड़ी और क्रिकेट के मठाधीश नही पकड़े गये ।
रक्षा सौदो का दलाल अभिषेक वर्मा भी शामिल था लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई ।
* ड्र्ग्स , रेव पार्टी , मैच फिक्सिग , चीयर लीडर के यौन शोषण पर कोई जांच हुई ।
* फ्रेचाइजी ने कितनी रकम BCCI को देकर टीम खरीदी और ये पैसा कहा से आया ? कोई नही जानता । बेनामी कालाधन लगा है ।
* पिछले 2 आई पी एल में भ्रष्टाचार के मामलो में ललित मोदी फरार है , लन्दन में रह रहा है , उसको पकड़ने के लिये इटरपोल की मदद नही ली गई ,देश की कोर्ट सम्मन दे रही है और वो वहां मजे कर रहा है ।
* अब तक फेमा , हवाला, कस्टम , आयकार मामलो के के कुल 1767नोटिस आई पी एल को दिये जा चुके है , कोई कार्यवाही नही हुई है ?
* विदेशो के टेक्स हैवन देशो से कालाधन क्रिकेट मे लगा है , जिसे सफेद बना लिया गया , सरकार नोटिस पे नोटिस लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई है
* दाऊद का काला पैसा लगता है क्रिकेट में इसी बात का खुलासा वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे ने किया तो उनकी हत्या कर दी गई।
अब आप समझ गये होगे कि पाकिस्तान से क्रिकेट क्यो खेला जा रहा है ?
इन सब कारनामो पर पर्दा डालने के लिये ताकि जनता क्रिकेट में लिपटी देश भक्ति में सब कुछ भूल जाये ।
इसे कहते है क्रिकेट की कूटनीति जिससे आम जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है और आप बन रहे है ।
इन सब में खेल बदनाम हो रहा है क्रिकेट , जिसे BCCI ने व्यापार बना दिया ।
अब आप सोचते है कि ये खेल है इससे पैसा और राजनीति नही है तो ऊपर लिखे सारी पार्टियों के नेता इसमें क्या कर रहे है ? क्यो पदाधिकारी बन के बैठे है ?
इस देश की जनता क्रिकेट के नशे मे चूर जिसे छदम देश भक्ति का अहसास होता है भले ही सीमा पर हमारे सैनिक पाकिस्तान रोज मारता हो लेकिन हमे एक मैच हारने का गम ज्यादा होता है और विदेशी कम्पनिया हमे इस बहाने लूट रही है लेकिन हम बेहोश है
Peace if possible, truth at all costs.