दक्षिण चीन सागर पर दावा क्यों नहीं छोड़ना चाहता है चीन

0
बीजिंग। सागर पर चीन के बढ़ते दखल के बीच विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि अब इस मुद्दे पर रुख बदलने से उसने पूर्वज शर्मशार होंगे साथ ही चीन की सम्प्रभुता के उल्लंघन का मुकाबला नहीं करना देश के बच्चों को भी लज्जित करेगा। 
 
विदेश मंत्री ने कहा कि एक हजार वर्ष पहले तक चीन समुद्र के विस्तृत फैलाव वाला देश था लिहाजा वह ननशा द्वीपों की खोज करने वाला, उनका इस्तेमाल तथा उन पर शासन करने वाला पहला राष्ट्र था।
 
उन्होंने कहा, 'ननशा द्वीपों पर चीन की सम्प्रभुता की मांगों में न तो इजाफा हुआ है और न ही ये कम होंगी अन्यथा हम न तो अपने बुजुर्गों का सामना कर पाएंगे और न ही अपने पूर्वजों को जवाब दे पायेंगे।'
 
 
 
 यहां भी है का खेल...
 
सागर में का भंडार है और चीन इसके अधिकतर हिस्से पर अपना वादा तो करता ही है साथ ही अब इसने यहां निर्माण कार्य भी शुरु कर दिया है जिसके बाद अमेरिका सहित अनेक देशों ने निगाहें चीन के बढते कदमों पर लगी हुई हैं।
 
इस रास्ते से 50 खरब डॉलर का व्यापार प्रतिवर्ष होता है। फिलिपीन्स, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपना-अपना दावा पेश करते हैं।
 

Post a Comment

0Comments

Peace if possible, truth at all costs.

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !