स्वातंत्रोत्तर भारत में दिल्ली की सत्ता पर अधिकांश नेहरू खान दान का ही
राज रहा है | इस वंश या खानदान को काफी लोग मुग़ल खानदान से जोड़कर देखते है |
ऐसा कहने का उनके पास अपना तर्क भी है, और वे लोग तर्क का आधार है बताते
है नेहरू के सेक्रेटरी एम ओ मथाइ पुस्तक
“रेमेनिसेंसेस ऑफ़ नेहरू एज” (जो भारत में प्रतिबंधित है) तथा के एन राव की
पुस्तक “द नेहरू डायनेस्टी”
| ये पुस्तके नेहरू के करीबियों ने लिखी है, और इन में नेहरू परिवार के
बारे में विस्तार से लिखा गया है| जो भी है पर हमारे पास ऐसा मानने के अलग
तर्क है |
Peace if possible, truth at all costs.