...मुस्लिम समाज में मुस्लिममहिलाओं का तलाक के बाद''हलाला'' से गुजरना
कितनादर्दनाक और शर्मनांक हादसा है...शौहर द्वारा 'तलाक' तलाक' 'तलाक' कह
देने भर से तुरत प्रभाव सेपति और पत्नी का सम्बंधविच्छेद हो जाना एक
आश्चर्य है ...और शौहर को गलती का अहसासहोने पर पति-पत्नी के सम्बंधों को
फिर से बहाल करने के मतलब को हलाला ' कहते हें जहाँ तलाकशुदा पत्नी एक गेर मर्द
के साथ निकाह कर एक रात उसके साथ हमबिस्तर हो जिस्मानी रिश्ता कायम करने
को मज़बूर होती है. ...उसके बाद नये शौहर से उसको फिर तलाक मिलता है और तब
वह पुराने शौहर से फिर निकाह कर अपनी पुरानी जिंदगी में वापस आती
है.....इसी शर्मनांक औरदर्दनांक प्रक्रिया को हलालाकहते हें जिससे केवल
मुस्लिम महिलाओं को गुजरना पड़ता है....अर्थात पति की खता और पत्नी को
सज़ा...... और वह पत्नी जीवनभर उन लम्हों को याद कर सिहरजाती होगी, पीड़ा
से गुजारती होगी. ..और फिर अचानक उस एक रात के '' समझौता पूरक शौहर से
मुलाकातहोने पर उसका केसे सामना करे याफिर पुराने शौहर की नज़रों में
सम्मानसे जगह पा सके..या फिर क्या पुराना शौहर हलाला के बादपत्नी के उस एक
रात के गेर मर्द के साथ के सम्बंध को अपनी सोच से निकाल पाता होगा ?
Subscribe Our YouTube Channel https://www.youtube.com/channel/UC9uyFvaO0f3I6E7kGjTyX7w
Subscribe Our YouTube Channel https://www.youtube.com/channel/UC9uyFvaO0f3I6E7kGjTyX7w
तीन बार तलाक और हलाला
ReplyDeleteशरीयत कानून में एक विवाहित जोड़े जो एक तलाक की प्रक्रिया से गुजर चुके हैंतब तक पुनर्विवाह नहीं कर सकते जब तक कि औरत से वास्तव में एक और आदमी शादी नहीं कर लेता। इस मामलेमें तलाक़ के बाद अपने दूसरे पति के साथ महिला की शादी को (निकाह) निकाह हलाल कहा जाता है।
aise me muslim logo ko chahiye ki apne ladki ki court marrige karwaye ya fir hindu reeti rewaj se shadi karwaaye jisse apne baccho ko parampara ke naam pe narak imtihan se gujranse se bachaye
ReplyDeleteislam me koi halala nahi agar hai to koi sabit kare
ReplyDelete