शाहजहाँ का जन्म 05-01-1572 मे हिन्दू माता मानवाती से हुआ था वही मानवती जोधपुर के उदयसिंह की पुत्री थी । राज सिंहासन प्राप्त करने से पूर्व मोगलों की जातीय , वंश परम्परागत एवं धर्मांध प्रकृति अनुसार निकटवर्ती प्रत्येक अधिकार प्राप्त परिवार जानो को शांहजनहा ने समाप्त कर दिया था ।
सर्वप्रथम राजकुमार ख़ुशरू जो बुरहानपुर दुर्ग मे बंधक था उसे मार डाला , द्वितीय प्रति स्पर्धी की मृत्यु मदिरालय मे संदिग्ध अवस्था मे हो गई । प्रथम द्वंदी शहरियाद था जो नूरजहां का जामातृ ( दामाद ) था । नूरजहा के हाथ मे सर्वाधिकार था किन्तु दुष्ट शाहजहाँ ने राज सिंहासन के मध्य का सर्व कंटक समाप्त कर दिया
एक सत्ता लोभी , परिवार निकंदक , निर्दयी ,विश्वासघाती , कामुक , चरित्रयहीन , क्या एक वृदधा पत्नी के लिए ‘ताजमहल ‘ का निर्माण कर सकता है ? भारतीय राजपूत राजा द्वारा निर्मित प्रत्येक स्थापत्य मे तोडफोड करके अपने खाते मे जमा कर दिया । वही दुष्ट का अंत अपने ही पुत्र औरंगजेब निर्दयता पूर्ण किया था । “ जैसा कर्म करोगे वैसा फल देगा भगवान यह है गीता का ज्ञान “
====विकृत इतिहास हम पढ़ते रहे एवं ताज को प्रेम का प्रतीक समज्ने लगे ! ! ! =====
सर्वप्रथम राजकुमार ख़ुशरू जो बुरहानपुर दुर्ग मे बंधक था उसे मार डाला , द्वितीय प्रति स्पर्धी की मृत्यु मदिरालय मे संदिग्ध अवस्था मे हो गई । प्रथम द्वंदी शहरियाद था जो नूरजहां का जामातृ ( दामाद ) था । नूरजहा के हाथ मे सर्वाधिकार था किन्तु दुष्ट शाहजहाँ ने राज सिंहासन के मध्य का सर्व कंटक समाप्त कर दिया
एक सत्ता लोभी , परिवार निकंदक , निर्दयी ,विश्वासघाती , कामुक , चरित्रयहीन , क्या एक वृदधा पत्नी के लिए ‘ताजमहल ‘ का निर्माण कर सकता है ? भारतीय राजपूत राजा द्वारा निर्मित प्रत्येक स्थापत्य मे तोडफोड करके अपने खाते मे जमा कर दिया । वही दुष्ट का अंत अपने ही पुत्र औरंगजेब निर्दयता पूर्ण किया था । “ जैसा कर्म करोगे वैसा फल देगा भगवान यह है गीता का ज्ञान “
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Peace if possible, truth at all costs.