मुसलमानों का ईमान एक झूठ

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अक्सर मुसलमान यह बात कहते हैं ,कि हम तो अपने ईमान के पक्के हैं .क्योंकि मुसलमान शब्द का मतलब ही है “मुसल्लम ईमान “यानी पूरा ईमान .लोग गलती से ईमान का तात्पर्य उनकी सत्यवादिता या उनकी आस्था समझ लेते हैं (जो है नहीं) .
लेकिन बहुत कम लोग जानते

हैं कि ,मुसलमानों के दो गुप्त ईमान policies और भी हैं ,जिनका प्रयोग मुसलमान खुद को बचाने और दूसरों को धोखा देने में करते हैं .मुसलमानों कि इन दो नीतियों Policies या ईमान का नाम है ,तकिय्या और कितमान .इनका विवरण इस प्रकार है –
1 -तकिय्या تقيه Taqiyya
इसका अर्थ है छल, ढोंग ,ढकोसला,दिखावा ,सत्य को नकारना ,बहाने बनाना आदि हैं
उदाहरण -जब किसी इस्लामी किताब में कोई खराब बात बताई जाती है ,तो मुसलमान कसते है कि ,अनुवाद गलत है ,अमुक शब्द का अर्थ कुछ और है,हम इस फतवे या हदीस को नहीं मानते ,या यह आयत मंसूख (रद्द )हो चुकी है .आदि
2 -कितमान كِتمان Kitaman
इसका अर्थ है आड़,झूठ,मिथ्या आरोप लगाना आदि
उदाहरण -जब मुसलमानों की गलतियाँ पकड़ी जाती हैं ,तो वह खुद को निर्दोष साबित करने लिए दूरारों में वही गलतियां बताने लगते है ,और लोगों को गुमराह करने के लिए गालीगालोच करने लगते हैं ,दवाब डालने के लिए हंग्गामा करते हैं ,हिंसा करते है .आदि
मुसलमानों के विशासघात के उदाहरण
1 -मुहम्मद गौरी ने 17 बार कुरआन की कसम खाई थी कि भारत पर हमला नहीं करेगा ,लेकिन हमला किया ]
2 -अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोड़ के राणा रतन सिंह को दोस्ती के बहाने बुलाया फिर क़त्ल कर दिया
3 -औरंगजेब ने शिवाजी को दोस्ती के बहाने आगरा बुलाया फिर धोखे से कैद कर लिया .
4 -औरंगजेब ने कुरआन की कसम खाकर श्री गोविन्द सिघ को आनद पुर से सुरक्षित जाने देने का वादा किया था .फिर हमला किया था
5 -अफजल खान ने दोस्ती के बहाने शिवाजी की ह्त्या का प्रयत्न किया था .
६-मित्रता की बातें कहकर पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था .
अगर हम इतिहास से सबक नहीं लेकर मुसलमानों की शांति और दोस्ती की बातों मे आते रहे तो हमेशा नुकसान उठाते रहेंगे.

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Peace if possible, truth at all costs.

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