हम धन्य हैं की हमे शास्त्री जी जैसे प्रधान मंत्री मिले..

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ये वही शास्त्री जी है जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री रहते
समय लाहौर पे ऐसा कब्ज़ा जमाया था की पुरे विश्व ने
जोर लगा लिया लेकिन लाहौर देने से इनकार कर दिया
था | आख़िरकार उनकी एक बड़ी साजिस के तहत हत्या
कर दी गयी | जिसका आज तक पता नहीं लगाया जा
सका है |
1. जब इंदिरा शाश्त्रीजी के घर (प्रधान मंत्री
आवास ) पर पहुची तो कहा कि यह तो चपरासी का घर
लग रहा है, इतनी सादगी थी हमारे शास्त्रीजी में...
2. जब 1965 मे पाकिस्तान से युद्ध हुआ था तो
शासत्री जी ने भारतीय सेना का मनोबल इतना बड़ा
दिया था की भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को
गाजर मूली की तरह काटती चली गयी थी और
पाकिस्तान का बहुत बड़ा हिस्सा जीत लिया था ।
3. जब भारत पाकिस्तान का युद्ध चल रहा तो
अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने के लिए कहाथा की
भारत युद्ध खत्मकर दे नहीं तो अमेरिकाभारत को खाने
के लिए गेहू देना बंद कर देगातो इसके जवाब मे शास्त्री
जी ने कहाकीहम स्वाभिमान से भूखे रहना पसंद करेंगे
किसी के सामने भीख मांगने की जगह । और शास्त्री
जी देशवासियों से निवेदन किया की जब तक अनाज
की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक सब लोग सोमवार
का व्रत रखना चालू कर दे और खाना कम खाया करे ।
4. जब शास्त्री जी तस्केंत समझोते के लिए जा रहे थे तो
उनकी पत्नी के कहा की अब तो इस पुरानी फटी धोती
कीजगह नई धोती खरीद लीजिये तो शास्त्री जी ने
कहा इस देश मे अभी भी ऐसे बहुत से किसान है जो फटी
हुई धोती पहनते है इसलिए मै अच्छे कपडे कैसे पहन सकता
हु क्योकि मै उन गरीबो का ही नेता हूँ अमीरों का नहीं
और फिरशास्त्री जी उनकी फटी पुरानी धोती को
अपने हाथ से सिलकर तस्केंत समझोते के लिए गए ।
5. जब पाकिस्तान से युद्ध चल रहा था तो शास्त्री
जी ने देशवासियों से कहा की युद्ध मे बहुत रूपये खर्च हो
सकते है इसलिएसभी लोग अपने फालतू केखर्च कम कर
देऔर जितना हो सके सेना को धन राशि देकर सहयोगकरें
। और खर्च कम करने वाली बात शास्त्री जी ने उनके खुद
के दैनिक जीवन मे भी उतारी । उन्होने उनके घर के सारे
काम करने वाले नौकरो को हटा दिया था और वो खुद
ही उनके कपड़े धोते थे, और खुद ही उनके घर की साफ
सफाई और झाड़ू पोंछा करते थे ।
6. शास्त्री जी दिखन?े मे जरूर छोटे थे पर वो सच मे बहुत
बहादुर और स्वाभिमानी थे ।
7. जब शास्त्री जी की मृत्यु हुई तो कुछ नीचलोगों ने
उन पर इल्ज़ाम लगाया की शास्त्री जी भ्रस्टाचारी
थे पर जांच होने के बाद पता चला की शास्त्री जी
केबैंक के खाते मे मात्र365/- रूपये थे । इससे पता चलता है
की शास्त्री जी कितने ईमानदार थे ।
8. शास्त्री जी अभी तक के एक मात्र ऐसे प्रधान मंत्री
रहे हैं जिनहोने देश के बजट मे से 25 प्रतिशत सेना के ऊपर
खर्च करनेका फैसला लिया था । शास्त्री जी हमेशा
कहते थे की देश का जवान और देश का किसान देश के
सबसे महत्वपूर्ण इंसान हैं इसलिए इन्हे कोई भी तकलीफ
नहीं होना चाहिए और फिर शास्त्री जी ने 'जय जवान
जय किसान' का नारा दिया ।
9.जब शास्त्रीजि तस्केंत गए थे तो उन्हे जहर देकर मार
दिया गया था और देश मे झूठी खबर फैला दी गयी थी
की शास्त्री जी की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई ।
और सरकार ने इस बात पर आज तक पर्दा डाल रखा है ।
10 शास्त्री जी जातिवाद के खिलाफ थे इसलिए
उन्होने उनके नाम के आगे श्रीवास्तव लिखना बंद कर
दिया था ।
हम धन्य हैं की हमारी भूमि पर ऐसे स्वाभिमानी और
देश भक्त इंसान ने जन्म लिया । यह बहुत गौरव की बात
है की हमे शास्त्री जी जैसे प्रधान मंत्री मिले ।
जय जवान जय किसान !
शास्त्री जी ज़िंदाबाद !
इंकलाब ज़िंदाबाद !.
इतना शेयर करो की हर गली-मोहल्ले मे अब तो ये बात
पहुँचनी चाहिए!
आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति

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Peace if possible, truth at all costs.

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