भारत
में आमतौर पर व्रत उपवास के समय साबूदाने का प्रयोग शाकाहार या फलाहार के
रूप में किया जाता है लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि यह
कैसे बनता है हालांकि यह है तो शाकाहार ही लेकिन इसको बनाने कि प्रक्रिया
ऐसी है जो इसको अपवित्र बना देती है इसलिए साबूदाने को शाकाहार के रूप में
उपयोग करने से पहले यह जानना जरुरी है कि यह बनता कैसे है !!
कसावा का पौधा
भारत में साबूदाना बनाने के लिए कसावा की जड़ों ( जो कि शंकरकंद की जड़ों के जैसी होती है ) के गुददे का इस्तेमाल किया जाता है जिसको बड़े बड़े बर्तनों में डालकर आठ से दस दिनों तक रखा जाता है और रोजाना उस पर पानी डालते रहते है जिसके कारण उसमें जीव पैदा हो जाते है उसके बाद इस गुददे को रंधवाया जाता है और इस प्रक्रिया में जो भी जीव पैदा होते है वो उसी में मर जातें हैं !
यह प्रक्रिया चार से छ: महीने तक चलती रहती है जिसके बाद उसको निकाल कर मशीनों में डाला जिनमें से यह साबूदाने के रूप में बाहर निकलता है और फिर इसको सुखाया जाता है ! सूखने के बाद इस पर स्टार्च और ग्लूकोस से बने पावडर की पालिश की जाती है और इसके बाद साबूदाना बाजार में आने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है !!
इस तरह से इसको बनाने कि विधि ही इसको अपवित्र बनाती है और इसीलिये इसको फलाहार या फिर शाकाहार में उपयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि यह शाकाहार तो है लेकिन पवित्र नहीं है !!
कसावा का पौधा
भारत में साबूदाना बनाने के लिए कसावा की जड़ों ( जो कि शंकरकंद की जड़ों के जैसी होती है ) के गुददे का इस्तेमाल किया जाता है जिसको बड़े बड़े बर्तनों में डालकर आठ से दस दिनों तक रखा जाता है और रोजाना उस पर पानी डालते रहते है जिसके कारण उसमें जीव पैदा हो जाते है उसके बाद इस गुददे को रंधवाया जाता है और इस प्रक्रिया में जो भी जीव पैदा होते है वो उसी में मर जातें हैं !
यह प्रक्रिया चार से छ: महीने तक चलती रहती है जिसके बाद उसको निकाल कर मशीनों में डाला जिनमें से यह साबूदाने के रूप में बाहर निकलता है और फिर इसको सुखाया जाता है ! सूखने के बाद इस पर स्टार्च और ग्लूकोस से बने पावडर की पालिश की जाती है और इसके बाद साबूदाना बाजार में आने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है !!
इस तरह से इसको बनाने कि विधि ही इसको अपवित्र बनाती है और इसीलिये इसको फलाहार या फिर शाकाहार में उपयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि यह शाकाहार तो है लेकिन पवित्र नहीं है !!
Peace if possible, truth at all costs.