पढे कश्मीर से किस तरह हिंदुओ का कत्ल किया गया था. पढे कश्मीर का पूरा इतिहास .
> कश्मीरी पंडित... एक ऐसी कहानी जो देश के अधिकतर लोगो को पता नहीं है। यह बताया जा रहा है कि क्या हुआ था कश्मीर में और क्या हुआ था कश्मीरी पंडितो के साथ।
> पार्ट 1: कश्मीर का खुनी इतिहास कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा था। कश्मीर के मूल निवासी सारे हिन्दू थे। कश्मीरी पंडितो की संस्कृति 5000 साल पुरानी है और वो कश्मीर के मूल निवासी हैं। इसलिए अगर कोई कहता है की भारत ने कश्मीर पर कब्ज़ा कर लिया है यह बिलकुल गलत है। 14वीं शताब्दी में तुर्किस्तान से आये एक क्रूर आतंकी मुस्लिम दुलुचा ने 60,000 लोगो की सेना के साथ कश्मीर में आक्रमण किया और कश्मीर में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की। दुलुचा ने नगरों और गाँव को नष्ट कर दिया और हजारों हिन्दुओ का नरसंघार किया। बहुत सारे हिन्दुओ को जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया। बहुत सारे हिन्दुओ ने जो इस्लाम नहीं कबूल करना चाहते थे, उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली और बाकि भाग गए या क़त्ल कर दिए गए या इस्लाम कबूल करवा लिए गए। आज जो भी कश्मीरी मुस्लिम है उन सभी के पूर्वजो को इन अत्याचारों के कारण जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया था। भारत पर मुस्लिम आक्रमण अतिक्रमण - विश्व इतिहास का सबसे ज्यादा खुनी कहानी:
> youtube . bit.ly/1K1U963 .
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> भारत के खुनी विभाजन के बारे में जानने के लिए यह विडियो देखे:
> youtube. bit.ly/1BtOrHb .
> download . bit.ly/1GYpZhy . अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को देखे:
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> पार्ट 2: 1947 के समय कश्मीर 1947 में ब्रिटिश संसद के "इंडियन इंडीपेनडेंस इ एक्ट" के अनुसार ब्रिटेन ने तय किया की मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को पाकिस्तान बनाया जायेगा। 150 राजाओं ने पाकिस्तान चुना और बाकी 450 राजाओ ने भारत। केवल एक जम्मू और कश्मीर के राजा बच गए थे जो फैसला नहीं कर पा रहे थे। लेकिन जब पाकिस्तान ने फौज भेजकर कश्मीर पर आक्रमण किया तो कश्मीर के राजा ने भी हिंदुस्तान में कश्मीर के विलय के लिए दस्तख़त कर दिए। ब्रिटिशो ने यह कहा था की राजा अगर एक बार दस्तखत कर दिया तो वो बदल नहीं सकता और जनता की आम राय पूछने की जरुरत नहीं है। तो जिन कानूनों के आधार पर भारत और पाकिस्तान बने थे उन नियमो के अनुसार कश्मीर पूरी तरह से भारत का अंग बन गया था। इसलिए कोई भी कहता है की कश्मीर पर भारत ने जबरदस्ती कब्ज़ा कर रहे है वो बिलकुल झूठ है। अधिक जानकारी के लिए यह विडियो आप देख सकते है:
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> पार्ट 3: सितम्बर 14, 1989 बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य और जाने माने वकील कश्मीरी पंडित तिलक लाल तप्लू का JKLF ने क़त्ल कर दिया। उसके बाद जस्टिस नील कान्त गंजू को गोली मार दिया गया। सारे कश्मीरी नेताओ की हत्या एक एक करके कर दी गयी। उसके बाद 300 से ज्यादा हिन्दू महिलाओ और पुरुषो की निर्संश हत्या की गयी। कश्मीरी पंडित नर्स जो श्रीनगर के सौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम करती थी, का सामूहिक बलात्कार किया गया और मार मार कर उसकी हत्या कर दी गयी। यह खुनी खेल चलता रहा और अपने सेकुलर राज्य और केंद्र सरकार, मीडिया ने कुछ भी नहीं किया।
> पार्ट ४: जनवरी 4, 1990 आफताब, एक स्थानीय उर्दू अखबार ने हिज्ब -उल -मुजाहिदीन की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, सभी हिन्दू अपना सामन पैक करें और कश्मीर छोड़ कर चले जाएँ। एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र, अल सफा ने इस निष्कासन आदेश को दोहराया। मस्जिदों में भारत और हिन्दू विरोधी भाषण दिए जाने लगे। सभी कश्मीरी हिन्दू/मुस्लिमो को कहा गया की इस्लामिक ड्रेस कोड अपनाये। सिनेमा और विडियो पार्लर वगैरह बंद कर दिए गए। लोगो को मजबूर किया गया की वो अपनी घड़ी पाकिस्तान के समय के अनुसार करे लें। अधिक जानकारी के लिए यह लिंक देख सकते है:
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> पार्ट 5: जनवरी 19, 1990 सारे कश्मीरी पंडितो के घर के दरवाजो पर नोट लगा दिया जिसमे लिखा था "या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ कर भाग जाओ या फिर मरने के लिए तैयार हो जाओ"। पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने टीवी पर कश्मीरी मुस्लिमो को भारत से आजादी के लिए भड़काना शुरू कर दिया। सारे कश्मीर के मस्जिदों में एक टेप चलाया गया। जिसमे मुस्लिमो को कहा गया की वो हिन्दुओ को कश्मीर से निकाल बाहर करें। उसके बाद सारे कश्मीरी मुस्लिम सडको पर उतर आये। उन्होंने कश्मीरी पंडितो के घरो को जला दिया, कश्मीर पंडित महिलाओ का बलात्कार करके, फिर उनकी हत्या करके उनके नग्न शरीर को पेड़ पर लटका दिया गया। कुछ महिलाओ को जिन्दा जला दिया गया और बाकियों को लोहे के गरम सलाखों से मार दिया गया। बच्चो को स्टील के तार से गला घोटकर मार दिया गया। कश्मीरी महिलाये ऊंचे मकानों की छतो से कूद कूद कर जान देने लगी। कश्मीरी मुस्लिम, कश्मीरी हिन्दुओ के हत्या करते चले गए और नारा लगते चले गए की उन पर अत्याचार हुआ है और उनको भारत से आजादी चाहिए।
> पार्ट 6: कश्मीरी पंडितो का पलायन 3,50,000 कश्मीरी पंडित अपनी जान बचा कर कश्मीर से भाग गए। कश्मीरी पंडित जो कश्मीर के मूल निवासी है उन्हें कश्मीर छोड़ना पड़ा और तब कश्मीरी मुस्लिम कहते है की उन्हें आजादी चाहिए। यह सब कुछ चलता रहा लेकिन सेकुलर मीडिया चुप रही उन्होंने देश के लोगो तक यह बात कभी नहीं पहुचाई इसलिए देश के लोगो को आज तक नहीं पता चल पाया की क्या हुआ था कश्मीर में। देश- विदेश के लेखक चुप रहे, भारत का संसद चुप रहा, सारे हिन्दू, मुस्लिम, सेकुलर चुप रहे। किसी ने भी 3,50,000 कश्मीरी पंडितो के बारे में कुछ नहीं कहा। आज भी अपने देश के मीडिया 2002 के दंगो के रिपोर्टिंग में व्यस्त है। वो कहते है की गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगे हुए थे लेकिन यह कभी नहीं बताते की 750 मुस्लिमों के साथ साथ 310 हिन्दू भी मरे थे और यह भी कभी नहीं बताते की दंगो की शुरुआत मुस्लिमो ने की थी, जब उन्होंने 59 हिन्दुओं को ट्रेन में गोधरा में जिन्दा जला दिया था। हिन्दुओं पर अत्याचार के बात की रिपोर्टिंग से कहते है की अशांति फैलेगी, लेकिन मुस्लिमो पर हुए अत्याचार की रिपोर्टिंग से अशांति नहीं फैलती। इसे कहते है सेकुलर (धर्मनिरपेक्ष) पत्रकारिता।
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> पार्ट 7: कश्मीरी पंडितो के आज की स्थिति आज 4.5 लाख कश्मीरी पंडित अपने देश में ही रेफूजी की तरह रह रहे है। पूरे देश या विदेश में कोई भी नहीं है उनको देखने वाला। कोई भी मीडिया नहीं है जो उनके बारे में हुए अत्याचार को बताये। कोई भी सरकार या पार्टी या संस्था नहीं है जो की विस्थापित कश्मीरियों को उनके पूर्वजों के भूमि में वापस ले जाने को तैयार है। कोई भी नहीं इस इस दुनिया में जो कश्मीरी पंडितो के लिए "न्याय" की मांग करे। कश्मीरी पंडित काफी पढ़े लिखे लोगो के तरह जाने जाते थे, आज वो भिखारियों के तरह पिछले 24 सालो से टेंट में रह रहे है। उन्हें मुलभुत सुविधाए भी नहीं मिल पा रही है, पीने के लिए पानी तक की समस्या है। भारतीय और विश्व की मीडिया, मानवाधिकार संस्थाए गुजरात दंगो में मरे 750 मुस्लिमो (310 मारे गए हिन्दुओ को भूलकर) की बात करते है। लेकिन यहाँ तो कश्मीरी पंडितो की बात करने वाला कोई नहीं है क्योकि वो हिन्दू है। 20,000 कश्मीरी हिन्दू बस धुप की गर्मी के कारण मर गए क्योकि वो कश्मीर के ठन्डे मौसम में रहने के आदि थे। पार्ट 8: कश्मीरी पंडितो और भारतीय सेना के खिलाफ भारतीय मीडिया का षड्यंत्र आज देश के लोगो को कश्मीरी पंडितो के मानवाधिकारों के बारे में भारतीय मीडिया नहीं बताती है लेकिन आंतकवादियों के मानवाधिकारों के बारे में जरुर बताती है। आज सभी को यह बताया जा रहा था है की ASFA नाम का किसी कानून का भारतीय सेना काफी ज्यादा दुरूपयोग किया है। कश्मीर में अलगावादी संगठन मासूम लोगो की हत्या करवाते है और भारतीय सेना के जवान जब उन आतंकियों के खिलाफ कोई करवाई करते है तो यह अलगावादी नेता अपने बिकी हुए मीडिया के सहायता से चीखना चिल्लाना शुरू कर देते है की देखो हमारे ऊपर कितना अत्याचार हो रहा है। मित्रों, बात यहाँ तक नहीं रुकी है। अश्विन कुमार जैसे कुछ डाइरेक्टर इंशाल्लाह कश्मीर और दूसरी हैदर जैसी मूवी के जरिये पूरे विश्व की लोगो को यह दिखा रहे है की कश्मीर के भोले भाले मुस्लिम युवाओ पर भारतीय सेना के जवानों ने अत्याचार किया है। अश्विन कुमार अपने वृत्तचित्र पूरे विश्व के पटल पर रख रहे है। हर तरह से देश और विदेश में लोगो को दिखा रहे है की गलती भारतीय सेना की है..लेकिन जो सच्चाई है वो बिलकुल यह छिपा दे रहे है।
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> पार्ट 9: निष्कर्ष सारे मुस्लिम कहते है मोदी को फांसी दो जबकि मोदी ने गुजरात की दंगो को समय रहते रोक दिया। लेकिन आज तक एक भी मुस्लिम को यह कहते नहीं सुना गया की कांग्रेस के नेताओं, गाँधी परिवार और अब्दुल्लाह परिवार को फांसी दो। जो लाखो कश्मीरी पंडितो के कत्लेआम देखते है ……… ये सब पढकर सेकूलरो के मन मे सवाल आएगा ?? की जिन इलाको मे मुस्लिम अल्पसंख्यक होते है वहा शांति से रहते है मगर बहूसंख्यक हो जाने के बाद मुसलमान गैर-मुस्लिमो (काफिरो) को क्यो कत्ल बलात्कार करते है ?? काफिरो को लूटने , मारने , बलात्कार के आदेश कुरान मे ही लिखे गए है .अल-फातिहा को छोडकर कुरान के सभी chapter मे काफिरो (गैर-मुस्लिमो )को लूटने ,बलात्कार करने , हत्या जैसे आदेश है . खुद पढे कुरान . quran.com .
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> कश्मीरी पंडित... एक ऐसी कहानी जो देश के अधिकतर लोगो को पता नहीं है। यह बताया जा रहा है कि क्या हुआ था कश्मीर में और क्या हुआ था कश्मीरी पंडितो के साथ।
> पार्ट 1: कश्मीर का खुनी इतिहास कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा था। कश्मीर के मूल निवासी सारे हिन्दू थे। कश्मीरी पंडितो की संस्कृति 5000 साल पुरानी है और वो कश्मीर के मूल निवासी हैं। इसलिए अगर कोई कहता है की भारत ने कश्मीर पर कब्ज़ा कर लिया है यह बिलकुल गलत है। 14वीं शताब्दी में तुर्किस्तान से आये एक क्रूर आतंकी मुस्लिम दुलुचा ने 60,000 लोगो की सेना के साथ कश्मीर में आक्रमण किया और कश्मीर में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की। दुलुचा ने नगरों और गाँव को नष्ट कर दिया और हजारों हिन्दुओ का नरसंघार किया। बहुत सारे हिन्दुओ को जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया। बहुत सारे हिन्दुओ ने जो इस्लाम नहीं कबूल करना चाहते थे, उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली और बाकि भाग गए या क़त्ल कर दिए गए या इस्लाम कबूल करवा लिए गए। आज जो भी कश्मीरी मुस्लिम है उन सभी के पूर्वजो को इन अत्याचारों के कारण जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया था। भारत पर मुस्लिम आक्रमण अतिक्रमण - विश्व इतिहास का सबसे ज्यादा खुनी कहानी:
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Peace if possible, truth at all costs.