क्या आप जानते हैं कि मुहम्मद, अल्लाह या
कुरान की बात आने पर ये दढ़ियल मुल्ले
तूफ़ान क्यों मचाने लगते हैं और, जगह जगह
तोड़- फोड़ शुरू क्यों कर देते हैं ......?????
जाहिर तौर पर ये काफी सामान्य सी बात है
कि वे ऐसा करके अगले पर दबाब बनाने का
प्रयास करते हैं ताकि, अगला घबड़ाकर कर
चुप हो जाये .....! हालाँकि वे सुबह से शाम
तक ये मुल्ले... हम हिन्दुओं पे उंगली उठाते
रहते हैं और हमारे ग्रंथों में लिखी बातों कि
वैज्ञानिकता सिद्ध करने पर जोर डालते रहते हैं
साथ ही सबूत खोजते रहते हैं लेकिन जब बात
उनके अल्लाह, कुरान या उस लुटेरे मुहम्मद
की होती है तो उनकी चरर्र से फट जाती है
और, वे तुरत चिल्ल-पों और हल्ला मचाने
लगते हैं...! ध्यान से देखें तो इसमें कोई आश्चर्य
वाली बात नहीं है और, कोई भी गहराई में जा
कर इन बातों का सार समझ सकता है...!
दरअसल इसका कारण है कि मुल्लों और
उलेमाओं को ये बात भली भांति पता है कि
"दुनिया में अल्लाह का कोई अस्तिव नहीं है
और, ना ही मुहम्मद किसी का दूत था" ये सब
महज लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए फैलाया
गया जाल है क्योंकि, कुरान फारसी में लिखा
हुआ है और, ज्यादातर गैर- मुसलमान को
फारसी भाषा नहीं आती है इसीलिए , मुल्ले
जो कहते हैं उसे वे आँख बंद कर के मान
लेते हैं..! आप में से ज्यादातर लोगों को ये
मालूम ही होगा कि मुस्लिमों के रसूल और
अल्लाह के तथाकथित दूत मुहम्मद की मौत
उसकी पत्नी आयशा के जहर देने से हुई थी,
आयशा ने मुहम्मद को जहर इसीलिए दिया
था... क्योंकि , मुहम्मद ने लूट के दौरान अपनी
54 साल की उम्र में 6 साल की मासूम आयशा
के साथ सार्वजानिक रूप से बलात्कार किया
था..! जब आयशा ने मुहम्मद को जहर दे दिया
और, जहर के प्रभाव से मुहम्मद दर्द के मारे
तड़पने लगा तो, उसे अपने सारे कुकर्म याद
आने लगे जरा आप भी कुरान में मुहम्मद की
मौत का वर्णन देखें और इस्लाम के बारे में
अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाएं...... @@@ ओ
आयशा, मैं अभी खाना खाया और उसकी
वजह से दर्द महसूस होता है, और इस समय
मुझे लगता है कि जहर के रूप में मेरी
महाधमनी काटी जा रही है.....
(इशाक :119 ,छठी तबरी:93 ,95 -९६)
@@@ मुझे देवताओं का शाप है क्योंकि
मैंने उनका धर्म चुराने की कोशिश की, उन्हें
अपमानित किया, मैंने जीवन में बहुत पाप
किया है और अपने चाचा को धोखा दिया है
इस तरह मैं अपने पूर्वजों का अभियुक्त हूँ
[गौरतलब है कि उसने अपने चाचा
(जिन्होंने उसे पाला था और जो कि एक बहुत
बड़े शिवभक्त थे) की हत्या कर दी थी]..........
(इशाक :119 अबू तबीब) इसके बाद मुहम्मद
की दर्द से तड़पते हुए मौत हो गई....!
#### अब बहुत ही सामान्य सा प्रश्न है ...
जो कि किसी छोटी बच्चे को भी समझ आ
सकती है *** अगर वास्तव में "अल्लाह
सर्वशक्तिमान है" और , मुहम्मद उसका सचमुच
में दूत था तो, उसने मुहम्मद को क्यों नहीं
बचाया ???? *** क्या अल्लाह मुहम्मद के
कुकर्मों से अजीज हो चुका था ????? ***
या फिर मुहम्मद किसी का दूत नहीं था क्योंकि,
अल्लाह कोई था ही नहीं और, अल्लाह एक
काल्पनिक चित्रण था ***और सबसे बड़ी बात
कि जो अल्लाह इतना शक्तिहीन है कि अपने
सबसे प्यारे रसूल (दूत) को जहर के प्रभाव से
नहीं बचा सका वो इस मुस्लिमों के दुःख दर्द
को कैसे ख़त्म कर देगा ???? हर किसी से
प्रमाण और वैज्ञानिकता सिद्ध करने को बोलने
वाले मुस्लिम किसी भी हालत में इन ज्वलंत
प्रश्नों का उत्तर देना नहीं चाहते हैं क्योंकि कुरान
के अध्ययन से ये साफ पता चलता है कि
अल्लाह का कहीं कोई अस्तित्व नहीं है
इसीलिए मुहम्मद के अल्लाह का दूत होने का
तो कोई प्रश्न ही नहीं है और जब मुहम्मद कोई
दूत-फूत नहीं था तो, भला मुहम्मद और कुरान
के नाम पर तूफ़ान क्यों मचाते रहते हैं ये
दढ़ियल मुल्ले...???? है किसी मुस्लिम या
उनके सरपरस्त मनहूस सेकुलर के पास इसका जबाब....???????
कुरान की बात आने पर ये दढ़ियल मुल्ले
तूफ़ान क्यों मचाने लगते हैं और, जगह जगह
तोड़- फोड़ शुरू क्यों कर देते हैं ......?????
जाहिर तौर पर ये काफी सामान्य सी बात है
कि वे ऐसा करके अगले पर दबाब बनाने का
प्रयास करते हैं ताकि, अगला घबड़ाकर कर
चुप हो जाये .....! हालाँकि वे सुबह से शाम
तक ये मुल्ले... हम हिन्दुओं पे उंगली उठाते
रहते हैं और हमारे ग्रंथों में लिखी बातों कि
वैज्ञानिकता सिद्ध करने पर जोर डालते रहते हैं
साथ ही सबूत खोजते रहते हैं लेकिन जब बात
उनके अल्लाह, कुरान या उस लुटेरे मुहम्मद
की होती है तो उनकी चरर्र से फट जाती है
और, वे तुरत चिल्ल-पों और हल्ला मचाने
लगते हैं...! ध्यान से देखें तो इसमें कोई आश्चर्य
वाली बात नहीं है और, कोई भी गहराई में जा
कर इन बातों का सार समझ सकता है...!
दरअसल इसका कारण है कि मुल्लों और
उलेमाओं को ये बात भली भांति पता है कि
"दुनिया में अल्लाह का कोई अस्तिव नहीं है
और, ना ही मुहम्मद किसी का दूत था" ये सब
महज लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए फैलाया
गया जाल है क्योंकि, कुरान फारसी में लिखा
हुआ है और, ज्यादातर गैर- मुसलमान को
फारसी भाषा नहीं आती है इसीलिए , मुल्ले
जो कहते हैं उसे वे आँख बंद कर के मान
लेते हैं..! आप में से ज्यादातर लोगों को ये
मालूम ही होगा कि मुस्लिमों के रसूल और
अल्लाह के तथाकथित दूत मुहम्मद की मौत
उसकी पत्नी आयशा के जहर देने से हुई थी,
आयशा ने मुहम्मद को जहर इसीलिए दिया
था... क्योंकि , मुहम्मद ने लूट के दौरान अपनी
54 साल की उम्र में 6 साल की मासूम आयशा
के साथ सार्वजानिक रूप से बलात्कार किया
था..! जब आयशा ने मुहम्मद को जहर दे दिया
और, जहर के प्रभाव से मुहम्मद दर्द के मारे
तड़पने लगा तो, उसे अपने सारे कुकर्म याद
आने लगे जरा आप भी कुरान में मुहम्मद की
मौत का वर्णन देखें और इस्लाम के बारे में
अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाएं...... @@@ ओ
आयशा, मैं अभी खाना खाया और उसकी
वजह से दर्द महसूस होता है, और इस समय
मुझे लगता है कि जहर के रूप में मेरी
महाधमनी काटी जा रही है.....
(इशाक :119 ,छठी तबरी:93 ,95 -९६)
@@@ मुझे देवताओं का शाप है क्योंकि
मैंने उनका धर्म चुराने की कोशिश की, उन्हें
अपमानित किया, मैंने जीवन में बहुत पाप
किया है और अपने चाचा को धोखा दिया है
इस तरह मैं अपने पूर्वजों का अभियुक्त हूँ
[गौरतलब है कि उसने अपने चाचा
(जिन्होंने उसे पाला था और जो कि एक बहुत
बड़े शिवभक्त थे) की हत्या कर दी थी]..........
(इशाक :119 अबू तबीब) इसके बाद मुहम्मद
की दर्द से तड़पते हुए मौत हो गई....!
#### अब बहुत ही सामान्य सा प्रश्न है ...
जो कि किसी छोटी बच्चे को भी समझ आ
सकती है *** अगर वास्तव में "अल्लाह
सर्वशक्तिमान है" और , मुहम्मद उसका सचमुच
में दूत था तो, उसने मुहम्मद को क्यों नहीं
बचाया ???? *** क्या अल्लाह मुहम्मद के
कुकर्मों से अजीज हो चुका था ????? ***
या फिर मुहम्मद किसी का दूत नहीं था क्योंकि,
अल्लाह कोई था ही नहीं और, अल्लाह एक
काल्पनिक चित्रण था ***और सबसे बड़ी बात
कि जो अल्लाह इतना शक्तिहीन है कि अपने
सबसे प्यारे रसूल (दूत) को जहर के प्रभाव से
नहीं बचा सका वो इस मुस्लिमों के दुःख दर्द
को कैसे ख़त्म कर देगा ???? हर किसी से
प्रमाण और वैज्ञानिकता सिद्ध करने को बोलने
वाले मुस्लिम किसी भी हालत में इन ज्वलंत
प्रश्नों का उत्तर देना नहीं चाहते हैं क्योंकि कुरान
के अध्ययन से ये साफ पता चलता है कि
अल्लाह का कहीं कोई अस्तित्व नहीं है
इसीलिए मुहम्मद के अल्लाह का दूत होने का
तो कोई प्रश्न ही नहीं है और जब मुहम्मद कोई
दूत-फूत नहीं था तो, भला मुहम्मद और कुरान
के नाम पर तूफ़ान क्यों मचाते रहते हैं ये
दढ़ियल मुल्ले...???? है किसी मुस्लिम या
उनके सरपरस्त मनहूस सेकुलर के पास इसका जबाब....???????
Peace if possible, truth at all costs.