(1)हिन्दू मुसलमान को "भाई" कहता है लेकिन
मुसलमान हिन्दू को "काफिर" कहता है। क्यों ?
(2) जब कोई मुसलमान हिन्दू को "सलाम" करता है तो
हिन्दू "वालेकुम-असलाम" कहकर जवाब देता है लेकिन
जब हिन्दू "जय श्री राम या हरि ओम" कहता है तो
मुसलमान जवाब नही देता है। क्यों ?
(3) हिन्दुस्तान का 99 % मुसलमान जानता है कि अगर
वह गौ हत्या बन्द कर दे तो हिन्दू मुसलमान के बीच की
99 % दूरी एक पल में मिट जायेगी लेकिन मुसलमान ऐसा
नही कर रहा है। क्यों ?
(4) घर के सामने मस्जिद होने पर भी 60% मुसलमान
नमाज अदा नही करते लेकिन अयोध्या मे मस्जिद बनवाने
पर अङे हैँ। क्यों ?
(5) कौन नही जानता कि बाबर एक विदेशी लुटेरा था उसने
अयोध्या मे मन्दिर कि जगह मस्जिद बनवाई थी ये बात
अदालत में भी साबित हो चुकी है फिर भी मुस्लिम समाज और
मुस्लिम नेता वहाँ मन्दिर बनने मे सहयोग नही दे रहे हैं। क्यों ?
सवाल तो और भी बहुत हैं लेकिन कोई सेक्युलर वादी मेरे इतने
सवालों का जवाब दे दे,, तो मेरा वादा है कि मै भी हमेशा के लिए
सेक्युलर वादी बन जाऊँगा.....
मुसलमान हिन्दू को "काफिर" कहता है। क्यों ?
(2) जब कोई मुसलमान हिन्दू को "सलाम" करता है तो
हिन्दू "वालेकुम-असलाम" कहकर जवाब देता है लेकिन
जब हिन्दू "जय श्री राम या हरि ओम" कहता है तो
मुसलमान जवाब नही देता है। क्यों ?
(3) हिन्दुस्तान का 99 % मुसलमान जानता है कि अगर
वह गौ हत्या बन्द कर दे तो हिन्दू मुसलमान के बीच की
99 % दूरी एक पल में मिट जायेगी लेकिन मुसलमान ऐसा
नही कर रहा है। क्यों ?
(4) घर के सामने मस्जिद होने पर भी 60% मुसलमान
नमाज अदा नही करते लेकिन अयोध्या मे मस्जिद बनवाने
पर अङे हैँ। क्यों ?
(5) कौन नही जानता कि बाबर एक विदेशी लुटेरा था उसने
अयोध्या मे मन्दिर कि जगह मस्जिद बनवाई थी ये बात
अदालत में भी साबित हो चुकी है फिर भी मुस्लिम समाज और
मुस्लिम नेता वहाँ मन्दिर बनने मे सहयोग नही दे रहे हैं। क्यों ?
सवाल तो और भी बहुत हैं लेकिन कोई सेक्युलर वादी मेरे इतने
सवालों का जवाब दे दे,, तो मेरा वादा है कि मै भी हमेशा के लिए
सेक्युलर वादी बन जाऊँगा.....
मुल्लो , मुस्लिमो मेरे एक सवाल का उत्तर दो बस ------ आप कहते हो की अल्लाह सबसे बड़ा है अल्लाह से बढ़कर दूसरा कोई नहीं , दुनिया की बनाई सभी चीजे अल्लाह ने बनाई है आप लोग कहते हो तो ये बताओ की अल्लाह में इतना भी दम नहीं की आप मुस्लिमो को ऊपर से ही अम्मी की कोख से शुद्ध मुस्लिम बना कर पैदा कर सके पैदा तो आप लोग हिन्दू बना कर ही होते हो यहाँ आकर बस अपना लिंग कटवा कर उसको मुस्लिम बनना कहते हो ............दूसरा सवाल------ सभी धर्मो में चाहे वो हिन्दू हो, सिख हो, ईसाई हो , जैन हो , बौद्ध हो , उन सभी ने अपने अपने धरम के संस्थापक को इमेज , सहित बताया है सही समय बताया है लेकिन आपके अल्लाह या मोहम्मद केवल काल्पनिक बन कर ही क्यों रह गए , आज जहा जहा भी वैगानिको द्वारा धरती खोदी गई जैसे मोहनजोदड़ो , हड़प्पा आदि जगह तो वहा वहा सिर्फ 5000 - 6000 साल पुरानी हिन्दू संस्कृति , हिन्दू देवी देवताओ की मूर्ती जैसे नटराज की मूर्ती , विष्णु जी पशुपति नाथ आदि बहगवां की मिलती है जबकि कही भी आज तक आपके अल्लाह का नमो निशान तक नहीं मिला कही न कोई वजूद मिलता कहीआखिर अगर इस्लाम होता तो कही तो कुछ निशान या कुछ वजूद मिलता लेकिन कुछ भी नहीं मिला आपका इस्लाम तो 650 ईस्वी में बना है आप इतिहास खोलकर देख लीजिये ........जो पूरा का पूरा हिन्दू धरम का उल्टा है हिन्दू हाथ जोड़ते है तो आप लोग हाथ फैलते हो , हिन्दू धरम में किसी पंडित या किसी अच्छे इंसान के द्वारा जानवरो को मारना पाप बताया गया है तो आपके इस्लाम में मोहम्मद ने जानवरो को काट कर ईद , बकरीद जैसे फेस्टिवल ही बना दिए की इसमें अगर जानवर नहीं कटा गया तो अल्लाह नाराज हो जायेगा अब कोई ऐसा भगवान कैसे हो सकता है जो बेचारे मासूम निर्दोष बेजुबान जानवरो को काट कर खा कर अल्लाह को ख़ुशी मिलती है ऐसा तो सिर्फ सैतान ही करते है , उन जानवरो की भी परिवार होता है क्या अल्लाह किसी के परिवार को दुःख पंहुचा कर खुश होता है शैतान ही ऐसा करते है ..........मेरा तीसरा सवाल---------- सभी धर्म ये सिखातें है की हमें सभी धर्मो का सम्मान इज्जत करना चाहिए किसी भी धरम की बुराई नहीं करनी चाहिए लेकिन आपका इस्लाम ये सिखाता है की अल्लाह के सिवा किसी और को मत मनो न इज्जत करो न देखो नहीं अल्लाह उसे काफिर कहेगा और जन्नत नहीं मिलेगी , तो क्या आपका अल्लाह जबरदस्ती गुंडागर्दी करके अपना इस्लम में शामिल करवाता है और उसे पाबंदी लगा देता है काटवादी बना देता है ऐसा तो सिर्फ नेता करते है राक्षस शैतान करते है की मेरे सिवा किसी और की मत मानना नहीं ख़तम कर दूंगा .........क्या जन्नत सिर्फ मुस्लिम को देने का ठेका अल्लाह ने ले रखा है अगर कोई मुस्लिम नहीं है और अच्छा काम करता है अच्छा इंसान है तो क्या वो काफिर झाई और उसे जन्नत नहीं मिलेगी मतलब अल्लाह जन्नत के दरवाजे में पहरेदार बन कर बैठा है की कुआँ मुस्लिम है कुआँ गैर मुस्लिम ये कैसा आपका अल्लाह है की भेदभाव करता है जबकि सभी धरम के भगवान् सभी को उसके कर्म के अनुसार सामान रूप से बराबर मानते है चाहे वो हिन्दू हो मुस्लिम हो सिख हो ईसाई हो कोई हो
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