क्या आप “इकनोमिक हिटमैन” के बारे मे जानते है ?

0
“एक राष्ट्र को जितके गुलाम बनाने के दो तरीके है, एक तलवार के द्वारा और दूसरा ऋण के द्वारा”
- जॉन ऐडम्स (संयुक्त राज्य अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति, 1735–1826)

‘इकनोमिक हिटमैन’ उच्च वेतन पानेवाले पेशेवर लोग है जो विश्व भर के देशों को अरबो डॉलर का धोखा देते है| वे यह काम कैसे करते है ? आइये जाने –

पहले वे एक ऐसी देश की पहचान करते है जिस देश की बहुत प्राकृतिक सम्पदा हो और वह प्राकृतिक सम्पदा उस देश की निगमों के अधीन हो जैसे तेल, गैस, कोयला, मिनरल्स इत्यादि फिर वो उस देश के लिए विश्व बैंक से या विश्व बैंक के किसी दुसरे संस्था से देश की बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ऋण देने की व्यवस्था करते है |

लेकिन वास्तव मे उस देश के लिए पैसा कभी नही जाता है बजाये वो उनके बड़े निगमों को जाता है जो उस देश मे बिजली संयंत्र, औद्योगिक पार्क, बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण करते है जिससे उस देश के कुछ अमीर लोगों को और उनके निगमों को हि फायदा होता है पर देश के अधिकतर लोगोंको कुछ नही मिलता|

हालांकि 99% जनसँख्या, पूरा देश एक विशाल ऋण के तले दब जाता है जिसको कभी भुगतान नही किया जा सकता और उस देश की यही अवस्था उनकी योजना का हिस्सा है; ऐसी अवस्था मे इकनोमिक हिटमैन उस देश के नेतृत्व के पास फिर से पोहुंच जाता है और प्रस्ताव देता है के ‘आपके देश को पैसा चाहिए और आप ऋण से दबे है तो आपको और लोन देंगे परन्तु आपको अपने देश का तेल सस्ते मे हमारे कंपनी को बेचना होगा, या आपके देश मे हम अपना मिलिट्री अड्डा बनाना चाहते है, या संयुक्त राष्ट्र के वोटिंग मे हमारे पक्ष मे वोट करिए, इराक की युद्ध मे सहायता के लिए अपनी सेना भेजिए, अपने देश के बिजली संयंत्र की निजीकरण करिए, जल संसाधन को भी निजीकरण करिए और अमेरिकी कंपनी को बेच दीजिये, बीमा व्यवस्था को विदेशी कंपनी को बेच दीजिये, अपने देश कि मुद्रा का अवमूल्यन करिए इत्यादि’|

इसी तरह वो देश धीरे धीरे आर्थिक गुलामी से सम्पूर्ण गुलामी मे फंसता चला जाता है ...

अधिक जानकारी के लिए यह विडियो देखे:
https://www.youtube.com/watch?v=RVsB07CcSNw

Post a Comment

0Comments

Peace if possible, truth at all costs.

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !