चार कार्यों के बाद स्नान अवश्य

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"तैलाभ्यंगे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि ।
तावद्भवति चाण्डालो यावत् स्नानं नाचरेत् ।।"
(आचार्य चाणक्य--8.5)

(1.) शवयात्रा से लौटने के बाद स्नान जरूरी है :----
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यदि कोई व्यक्ति किसी मृतक की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ है या श्मशान गया है तो वहाँ से आने के तुरंत बाद उसे नहा लेना चाहिए। श्मशान के वातावरण में कई प्रकार के कीटाणु रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। श्मशान जाने पर ये कीटाणु हमारे बालों में और कपड़ों पर चिपक जाते हैं, यदि इन्हें साफ न किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
(2.) बाल कटवाने के बाद स्नान जरूरी है :----
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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बाल कटवाना के बाद तुरंत नहा लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं जो कि नहाने के बाद ही शरीर से साफ हो सकते हैं।
(3.) तेल मालिश के बाद स्नान जरूरी है :---
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तेल मालिश के बाद शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और अंदर का मैल बाहर हो जाता है। अत: तेल मालिश के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए। इससे शरीर का समस्त मेल और तेल साफ हो जाता है। त्वचा में चमक आती है। तेल मालिश के बाद बिना नहाए बाहर जाना अशुभ माना जाता है।
(4.) स्त्री प्रसंग के बाद स्नान जरूरी है :---
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स्त्री हो या पुरुष, प्रेम-प्रसंग के बाद भी नहाना जरूरी माना गया है। इस काम के बाद स्त्री और पुरुष दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं। इसके बाद जब तक नहाएंगे नहीं, तब तक किसी भी धार्मिक कार्य के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार इस काम के बाद बिना नहाए कहीं बाहर नहीं जाना चाहिए।

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