मुसलमान अपने तथाकथित अल्लाह के पैगम्बर
मुहम्मद के बारे में भ्रम फैलाते हैं कि मुहम्मद एक बहुत
ही परोपकारी और रहम दिल किस्म
का इंसान था जबकि सच्चाई यह है कि मुहम्मद
असल में एक क्रूर और
अत्याचारी लुटेरा था जिसने खैबर
की प्रसिद्ध लूट की थी।
खैबर यहूदियों का एक धन-धान से भरपूर नगर
था जो खजूरों और मक्का की खेती के लिए
प्रसिद्ध था। अपने लुटेरे 1400 साथियों सहित
अगस्त 628 ई. की एक सुबह सूरज निकलते ही मुहम्मद
ने खैबर पर आक्रमण कर दिया। अचानक हुए इस हमले
से यहूदी सम्भल नहीं पाये और उनकी हार हुई।
खैबर के सरदार किनाना यहूद को मुहम्मद के
सामने लाया गया। पहले मुहम्मद ने
किनाना को माफ करने को बोल
दिया लेकिन जब खैबर को पूरी तरह से लूट
लिया गया तो किनाना को पहले बांध कर
उसकी छाती को जला कर खूब
तड़पाया गया फिर उसकी गरदन काटकर मार
डाला।
किनाना को मारने के बाद मुहम्मद ने
पकड़ी गयी यहूदियों की औरतों को अपने
साथियों में बाँट लेने का हुकम दिया। इन
औरतों में किनाना की नयी-नवेली 17 साल
की पत्नी सफिय्या मुहम्मद के एक गुलाम
दिह्या को मिली लेकिन जब
सफिय्या की सुन्दरता की बात मुहम्मद के
कानों पहुँची तो उसने दिह्या से
सफिय्या को खरीद लिया।
यहाँ मुसलमान बकते हैं कि मुहम्मद ने
सफिय्या को आजाद करवाया था जबकि खुद
मुहम्मद ने ही सफिय्या को बेचा था। मुसलमान
यह भी कहते हैं कि मुहम्मद विधवाओं को खरीद
कर उन्हे मुक्त कराते थे और उनसे शादी करते थे
जबकि सच्चाई यह थी कि हमले और लूट के दौरान
जो सुन्दर लड़कियाँ मिलती थीं उन्हे मुहम्मद
या तो अपनी रखैल बना लेता था या निकाह
कर लेता था। अब आप ही बतायें कि जब
पैगम्बरी काम ऐसे थे तो फिर पैगम्बर और शैतान में
क्या फर्क रहा..??
इसके अलावा मुहम्मद ने खैबर में ऐलान
किया जो ईमान लाकर मुसलमान बनते हैं और
गवाही देते हैं कि मुहम्मद अल्लाह का पैगम्बर है
उन्हे उनकी घर, जमीन और औरतें
लौटा दी जायेंगी।
कई यहूदियों ने जीने के लालच में इस्लाम कुबूल कर
लिया और जिन्होने नहीं किया उन्हे
धमकी दी गई कि वे इस्लाम कुबूल करें अन्यथा उन्हे
कत्ल किया जायेगा। इससे कई गरीब
यहूदी परिवार खैबर छौड़कर भाग गये, अमीर
यहूदियों ने जजिया देना स्वीकार कर
लिया। इस्लामिक इतिहास में खैबर के
यहूदी ही पहले काफिर बने जिन्होने मुहम्मद
को जजिया देना स्वीकार किया था।
यहाँ मुसलमान कहते हैं कि उनके रसूल ने अखलाख और
मुहब्बत से इस्लाम फैलाया जबकि यहूदियों ने
इस्लाम कैसे कुबूला यह आपने पढ़ा ही।
स्त्रोत:- सहीह मुस्लिम, बुखारी, खंड ५, पुस्तक
५९ में अनास बिन मलिक द्वारा वर्णित।
अब आप स्वयं ही निर्णय करें कि मुहम्मद किस कोण
से परोपकारी और रहमदिल था। मुसलमान
इस्लाम की खूनी आयतों और
हदीसों की जानकारी छुपा लेते हैं और कुछ एक
अच्छाई ही सामने रखते हैं। दरअसल इस्लाम एक
चमचमाते रैपर में बन्द गन्दगी के समान है
जिसका रैपर आकर्षित करता है लेकिन अन्दर
का माल बदबूदार होता है।
इस्लाम
का असली चेहरा देखना हो तो कुरानी आयतों और
हदीसों को पढ़ें या अल-कायदा, अल-शबाब,
बोको-हराम या isis को देख लें, असली इस्लाम
समझ आ जायेगा।
मुहम्मद के बारे में भ्रम फैलाते हैं कि मुहम्मद एक बहुत
ही परोपकारी और रहम दिल किस्म
का इंसान था जबकि सच्चाई यह है कि मुहम्मद
असल में एक क्रूर और
अत्याचारी लुटेरा था जिसने खैबर
की प्रसिद्ध लूट की थी।
खैबर यहूदियों का एक धन-धान से भरपूर नगर
था जो खजूरों और मक्का की खेती के लिए
प्रसिद्ध था। अपने लुटेरे 1400 साथियों सहित
अगस्त 628 ई. की एक सुबह सूरज निकलते ही मुहम्मद
ने खैबर पर आक्रमण कर दिया। अचानक हुए इस हमले
से यहूदी सम्भल नहीं पाये और उनकी हार हुई।
खैबर के सरदार किनाना यहूद को मुहम्मद के
सामने लाया गया। पहले मुहम्मद ने
किनाना को माफ करने को बोल
दिया लेकिन जब खैबर को पूरी तरह से लूट
लिया गया तो किनाना को पहले बांध कर
उसकी छाती को जला कर खूब
तड़पाया गया फिर उसकी गरदन काटकर मार
डाला।
किनाना को मारने के बाद मुहम्मद ने
पकड़ी गयी यहूदियों की औरतों को अपने
साथियों में बाँट लेने का हुकम दिया। इन
औरतों में किनाना की नयी-नवेली 17 साल
की पत्नी सफिय्या मुहम्मद के एक गुलाम
दिह्या को मिली लेकिन जब
सफिय्या की सुन्दरता की बात मुहम्मद के
कानों पहुँची तो उसने दिह्या से
सफिय्या को खरीद लिया।
यहाँ मुसलमान बकते हैं कि मुहम्मद ने
सफिय्या को आजाद करवाया था जबकि खुद
मुहम्मद ने ही सफिय्या को बेचा था। मुसलमान
यह भी कहते हैं कि मुहम्मद विधवाओं को खरीद
कर उन्हे मुक्त कराते थे और उनसे शादी करते थे
जबकि सच्चाई यह थी कि हमले और लूट के दौरान
जो सुन्दर लड़कियाँ मिलती थीं उन्हे मुहम्मद
या तो अपनी रखैल बना लेता था या निकाह
कर लेता था। अब आप ही बतायें कि जब
पैगम्बरी काम ऐसे थे तो फिर पैगम्बर और शैतान में
क्या फर्क रहा..??
इसके अलावा मुहम्मद ने खैबर में ऐलान
किया जो ईमान लाकर मुसलमान बनते हैं और
गवाही देते हैं कि मुहम्मद अल्लाह का पैगम्बर है
उन्हे उनकी घर, जमीन और औरतें
लौटा दी जायेंगी।
कई यहूदियों ने जीने के लालच में इस्लाम कुबूल कर
लिया और जिन्होने नहीं किया उन्हे
धमकी दी गई कि वे इस्लाम कुबूल करें अन्यथा उन्हे
कत्ल किया जायेगा। इससे कई गरीब
यहूदी परिवार खैबर छौड़कर भाग गये, अमीर
यहूदियों ने जजिया देना स्वीकार कर
लिया। इस्लामिक इतिहास में खैबर के
यहूदी ही पहले काफिर बने जिन्होने मुहम्मद
को जजिया देना स्वीकार किया था।
यहाँ मुसलमान कहते हैं कि उनके रसूल ने अखलाख और
मुहब्बत से इस्लाम फैलाया जबकि यहूदियों ने
इस्लाम कैसे कुबूला यह आपने पढ़ा ही।
स्त्रोत:- सहीह मुस्लिम, बुखारी, खंड ५, पुस्तक
५९ में अनास बिन मलिक द्वारा वर्णित।
अब आप स्वयं ही निर्णय करें कि मुहम्मद किस कोण
से परोपकारी और रहमदिल था। मुसलमान
इस्लाम की खूनी आयतों और
हदीसों की जानकारी छुपा लेते हैं और कुछ एक
अच्छाई ही सामने रखते हैं। दरअसल इस्लाम एक
चमचमाते रैपर में बन्द गन्दगी के समान है
जिसका रैपर आकर्षित करता है लेकिन अन्दर
का माल बदबूदार होता है।
इस्लाम
का असली चेहरा देखना हो तो कुरानी आयतों और
हदीसों को पढ़ें या अल-कायदा, अल-शबाब,
बोको-हराम या isis को देख लें, असली इस्लाम
समझ आ जायेगा।
Nice
ReplyDeleteSahit to kr tune jo lekh likhi he wo kaha se pad ke likhi he kis kitab me pdi he jra sabut to de
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