-तारे पृथ्वी के निकट हैं~कुरान
विज्ञानं ने सिद्ध कर दिया है कि तारे
( stars ) पृथ्वी से करोड़ों प्रकाश वर्ष
मील दूर हैं और दूरी के कारण छोटे
दिखायी देते हैं लेकिन कुरान इस से
बिलकुल उलटी बात कहती है कि तारे
आकाश के सबसे निचले आकाश में सजे हुए है यानी पृथ्वी के बिलकुल पास हैं कुरान की यह आयत देखिये ,
“हमने दुनिया के आकाश को सबसे निचले आकाश को तारों से सजा दिया है “सूरा -अस साफ्फात 37:6
जब यह जमीं नहीं थी और सूरज तारे , चाँद भी नहीं था .. अल्लाह का दावा है की मैंने यह कायनात 6 दिन में बनाई ....
कोई मोमिन मुझे यह बताये की अल्लाह ने 6 दिन की गिनती किस आधार पर की ?????
यार यह बन्दा पी कर कुछ भी बोल देता है फिर झूठे दावे भी करता नज़र आता है
भाई ये तो हद्द हो गयी जहालत
की इन्सान भी देख सकता हैं की तारे
कितने पास है।लगता है अल्लाह आर्ट से
पढाई किये था क्युकी सायंस तो जीरो हैं
अल्लाह की।आयते देख के लगता है जैसे कोई प्रेमिका की यादो में खोया हुआ हैं और उसे तारे पास लग रहे हैं प्रेमिका के मुकाबले।
विज्ञानं ने सिद्ध कर दिया है कि तारे
( stars ) पृथ्वी से करोड़ों प्रकाश वर्ष
मील दूर हैं और दूरी के कारण छोटे
दिखायी देते हैं लेकिन कुरान इस से
बिलकुल उलटी बात कहती है कि तारे
आकाश के सबसे निचले आकाश में सजे हुए है यानी पृथ्वी के बिलकुल पास हैं कुरान की यह आयत देखिये ,
“हमने दुनिया के आकाश को सबसे निचले आकाश को तारों से सजा दिया है “सूरा -अस साफ्फात 37:6
जब यह जमीं नहीं थी और सूरज तारे , चाँद भी नहीं था .. अल्लाह का दावा है की मैंने यह कायनात 6 दिन में बनाई ....
कोई मोमिन मुझे यह बताये की अल्लाह ने 6 दिन की गिनती किस आधार पर की ?????
यार यह बन्दा पी कर कुछ भी बोल देता है फिर झूठे दावे भी करता नज़र आता है
भाई ये तो हद्द हो गयी जहालत
की इन्सान भी देख सकता हैं की तारे
कितने पास है।लगता है अल्लाह आर्ट से
पढाई किये था क्युकी सायंस तो जीरो हैं
अल्लाह की।आयते देख के लगता है जैसे कोई प्रेमिका की यादो में खोया हुआ हैं और उसे तारे पास लग रहे हैं प्रेमिका के मुकाबले।
Peace if possible, truth at all costs.