इतिहास का एक घृणास्पद एवं महामूर्ख पात्र :-------- “मुहमद तुगलक “
महमद तुगलक का पितराई भाई गुरशास्प सागर का राज्यपाल था , वह विद्रोह कर बेठा । मुहमद तुगलक ने विद्रोह कुचलने के लिए विशाल सेना भेजी , विशाल एवं मूर्ख की सेना से गुरशास्प पराजित हो कर पलायन हो गया भागकर कपिला के हिन्दू राजा की शरण मे गया । भोलेपन एवं क्षत्रिय धर्मानुसार शरण दी अतः तुगलक आक्रोश आया एवं कपिला पर आक्रमण कर दिया , दो मास पर्यंत युद्ध चला अंततः कपिला राजा का पराजय एवं म, तुगलक का विजय प्रवेश ! ! कपिला के राजा ने गुरशास्प को अश्व देकर भागा दिया ।
कपिला नरेश ने एक विधर्मी मलेच्छ , विश्वासघाती को शरण देकर महा त्रुटि की , पराजित निश्चित थी अतः दुर्ग मे भयंकर बड़ी चीता तैयार की , अपनी सर्व संपति , सर्वे पत्नियाँ , पुत्रियाँ आदि को अग्नि समर्पित कर दिया । तुमुल वीरता तो बताई किन्तु राक्षसो के सामने हार गए , उसे का वध कर दिया ।
कपिला नरेश के 11 पुत्रो को बंधक बनाकर दिलही ले गया वहाँ उन्हे इस्लाम बनाए गए ।
महमद तुगलक का पितराई भाई गुरशास्प सागर का राज्यपाल था , वह विद्रोह कर बेठा । मुहमद तुगलक ने विद्रोह कुचलने के लिए विशाल सेना भेजी , विशाल एवं मूर्ख की सेना से गुरशास्प पराजित हो कर पलायन हो गया भागकर कपिला के हिन्दू राजा की शरण मे गया । भोलेपन एवं क्षत्रिय धर्मानुसार शरण दी अतः तुगलक आक्रोश आया एवं कपिला पर आक्रमण कर दिया , दो मास पर्यंत युद्ध चला अंततः कपिला राजा का पराजय एवं म, तुगलक का विजय प्रवेश ! ! कपिला के राजा ने गुरशास्प को अश्व देकर भागा दिया ।
कपिला नरेश ने एक विधर्मी मलेच्छ , विश्वासघाती को शरण देकर महा त्रुटि की , पराजित निश्चित थी अतः दुर्ग मे भयंकर बड़ी चीता तैयार की , अपनी सर्व संपति , सर्वे पत्नियाँ , पुत्रियाँ आदि को अग्नि समर्पित कर दिया । तुमुल वीरता तो बताई किन्तु राक्षसो के सामने हार गए , उसे का वध कर दिया ।
कपिला नरेश के 11 पुत्रो को बंधक बनाकर दिलही ले गया वहाँ उन्हे इस्लाम बनाए गए ।
Peace if possible, truth at all costs.