बाईबिल ओर वेदो का ईश्वर एक है ?

0
मित्रो कई लोग कहते है कि बाईबिल ओर वेदो का ईश्वर एक है लेकिन बाईबिल के अध्ययन से पता चलता है कि बाईबिल का ईश्वर सिर्फ क्रिशनो के लाभ के लिए गडा गया एक काल्पनिक पात्र है मात्र|
बाईबिल का ईश्वर जिसे हम यहुवा बोल सकते है कई बूराईयो का समर्थक है जिनके बारे मे कुछ अंश देखिए-

१ हिंसा का समर्थक-
बाईबिल का ईश्वर अंहिसा का समर्थन नही बल्कि हिंसा का समर्थन करता था जिसके कुछ अंश देखिए-
१ और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मिस्र देश मे सिंहासन पर विराजनेवाले फिरोन से लेकर गडहे मे पडे हुए बन्धुए तक सबके पहिलौठो को,वरन् पशुओ तक के सब पहिलौठो को मार डाला|-निर्गमन(१२:२९)
२ उसने उनसे कहा,इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यो कहता है,कि अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटकाकर छावनी से एक निकास से दूसरे निकास तक घूम घूम कर अपने अपने भाईयो,संगियो,और पडोसियो को घात करो|-निर्गमन(३२:२७)
३ और हमारे परमेश्वर यहोवा ने उसको हमारे द्वारा हरा दिया,और हमने उसको पुत्रो और सारी सेना समेत मार डाला|-व्यवस्थाविवरण(२:३३)
४ और तेरा परमेश्वर यहोवा उनहे तेरे द्वारा हरा दे,और तू उन पर जय प्राप्त कर ले,तब उनहे पूरी रीति से नष्ट कर डालना;उनसे न वाचा बान्धना और न उन पर दया करना|-व्यवस्थाविवरण(७:२)
५ तब यहोवा के सम्मुख से आग निकलकर उन दोनो को भस्म कर दिया,और वे यहोवा के सामने मर गए|-लैव्यव्यवस्था(१०:२)
६ मांस उनके मुह ही मे था,और वे उसे खाने न पाए थे,कि यहोवा का कोप उन पर भडक उठा,और उसने उनको बहुत बडी मार से मारा|-गिनती(१५:३३)
सो जैसा यहोवा ने
मूसा को आज्ञा दी थी उसी के
अनुसार सारी मण्डली के लोगों ने
उसको छावनी से बाहर ले जा कर
पत्थरवाह किया, और वह मर गया।-गिनती(१५:३६)
८और क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या जवान,
क्या बूढ़े, वरन बैल, भेड़-बकरी, गदहे,
और जितने नगर में थे, उन सभों को उन्होंने अर्पण
की वस्तु जानकर तलवार से मार डाला।-यहोशू(६:२१)
९ तब यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर,
क्योंकि कल इसी समय मैं उन
सभों को इस्राएलियों के वश करके मरवा डालूंगा; तब तू उनके
घोड़ों के सुम की नस कटवाना, और उनके रथ
भस्म कर देना।-यहोशू(११:६)
१०और यहूदा ने चढ़ाई की, और यहोवा ने
कनानियों और परिज्जियों को उसके हाथ में कर दिया; तब
उन्होंने बेजेक में उन में से दस हजार पुरूष मार डाले।-न्यायियों(१:४)
उपर्युक्त विवरण से ज्ञात होता है कि मारकाट करने कराने वाला बाईबिल का यहोवा कितना क्रूर ,जंगली,असभ्य था|

२ बाईबिल के यहोवा का पछताना-
और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से
पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ।
7 तब यहोवा ने सोचा, कि मैं मनुष्य
को जिसकी मैं ने सृष्टि की है
पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा; क्या मनुष्य,
क्या पशु, क्या रेंगने वाले जन्तु, क्या आकाश के
पक्षी, सब को मिटा दूंगा क्योंकि मैं उनके बनाने
से पछताता हूं।-उत्पत्ति(६:६,७)
सृष्टि रचना करके पछताने वाला बाईबिल का ईश्वर सर्वज्ञ नही है अपितु अज्ञानी सिध्द हो जाता है|

३ वादविवाद का जन्मदाता-
जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब इन्हें देखने
के लिये यहोवा उतर आया।
6 और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूं, कि सब
एक ही दल के हैं और
भाषा भी उन सब की एक
ही है, और उन्होंने
ऐसा ही काम भी आरम्भ किया;
और अब जितना वे करने का यत्न करेंगे, उस में से कुछ
उनके लिये अनहोना न होगा।
7 इसलिये आओ, हम उतर के
उनकी भाषा में
बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक
दूसरे की बोली को न समझ सके|-उत्पत्ति (११:५-७)
यह न समझो, कि मैं पृथ्वी पर मिलाप
कराने को आया हूं; मैं मिलाप कराने
को नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूं।
35 मैं तो आया हूं, कि मनुष्य को उसके पिता से, और
बेटी को उस की मां से, और
बहू को उस की सास से अलग कर दूं।-मत्ती(१०:३४,३५)
कहा मानवजाति को परस्पर प्रेम,मित्रता एवं सगठन मे रहने की प्रेरणा देनेवाला ईश्वर ओर कहा बाईबिल भ्रम उत्पन्न करके लडानेवाला यहोवा

४ अग्निवर्षा,सर्पवर्षा एवं ओले बरसानेवाला ईश्वर-
१तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और
अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई;-उत्पत्ति(१९:२४)
२सो यहोवा ने उन लोगों में तेज विष वाले सांप भेजे, जो उन
को डसने लगे, और बहुत से इस्त्राएली मर
गए।-गिनती(२१:६)
३ तक यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश
की ओर बढ़ा, कि सारे मिस्र देश के
मनुष्यों पशुओं और
खेतों की सारी उपज पर ओले गिरें।
23 तब मूसा ने
अपनी लाठी को आकाश
की ओर उठाया; और यहोवा मेघ गरजाने और
ओले बरसाने लगा, और आग पृथ्वी तक
आती रही। इस प्रकार
यहोवा ने मिस्र देश पर ओले बरसाए।-निर्गमन(९-२२,२३)
अपने एवं भक्तो के विरोधियो पर आग,सांप एवं ओलो की वर्षा करनेवाला बाईबिल का यहोवा द्वेषी ओर असभ्य प्रतीत होता है|

५ झूठा ईश्वर:-
पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल
तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू
उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा॥-उत्पत्ति (२:१७)
२ सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल
खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के
लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में
से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया,
और उसने भी खाया।
7 तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन
को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने
अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिया-उत्पत्ति(३:६,७)
ईश्वर ने भले या बूरे के ज्ञान के वृक्ष के सम्बन्ध मे असत्य भाषण करके आदम और हव्वा को धोखे मे रखा|

६ अन्यायकारी ईश्वर:-
१कोई कुकर्म से जन्मा हुआ
यहोवा की सभा में न आने पाए; किन्तु दस
पीढ़ी तक उसके वंश का कोई
यहोवा की सभा में न आने पाए॥-व्यवस्थाविवरण(२३:२)
२  इस कारण से नामान का कोढ़ तुझे और तेरे वंश
को सदा लगा रहेगा। तब वह हिम सा श्वेत
कोढ़ी हो कर उसके साम्हने से चला गया।-२राजा(५:२७)
किसी के किए अपराध का दण्ड कोई और भोगे ऐसी व्यवस्था देनेवाला ईश्वर न्यायकारी नही हो सकता है|

७ लोकैषणाग्रस्त ईश्वर:-
१परन्तु सचमुच मैं ने इसी कारण तुझे बनाए
रखा है, कि तुझे अपना सामर्थ्य दिखाऊं, और अपना नाम
सारी पृथ्वी पर प्रसिद्ध करूं।-निर्गमन(९:१६)
ऐसी कामना करनेवाला ईश्वर सर्वज्ञ तथा अानन्दादि गुणो से युक्त कैसे हो सकता है?

८ ईर्ष्याग्रस्त ईश्वर-
१तू उन को दण्डवत न करना और न
उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर
यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर
रखते हैं उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को पितरों का दण्ड
दिया करता हूं,-व्यवस्थाविवरण (५:९)
२ और मैं तुझ पर जलूंगा, जिस से वे जलजलाहट के
साथ तुझ से बर्ताव करेंगे। वे तेरी नाक और
कान काट लेंगे, और
तेरा जो भी बचा रहेगा वह तलवार से
मारा जाएगा। वे तेरे पुत्र-पुत्रियों को छीन ले
जाएंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा, वह
आग से भस्म हो जाएगा।-यहेजकेल(२३:२५)
ईर्ष्या करने के स्वभाव ने बाईबिल के यहोवा को समान्य व्यक्तियो की श्रेणी मे लाकर खडा कर दिया है|

 ९.क्रोधी ईश्वर-
१तब यहोशू ने उस से कहा, तू ने हमें क्यों कष्ट
दिया है? आज के दिन
यहोवा तुझी को कष्ट देगा। तब सब
इस्राएलियों ने उसको पत्थरवाह किया; और उन को आग में
डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए।
26 और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर
लगा दिया जो आज तक बना है; तब
यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण
उस स्थान का नाम आज तक आ को र तराई पड़ा है॥-यहोशू(७:२५,२६)
२मुझे अपने लोगों की चिल्लाहट दूर के
देश से सुनाई देती है: क्या यहोवा सिय्योन
में नहीं हैं? क्या उसका राजा उस में
नहीं? उन्होंने क्यों मुझ
को अपनी खोदी हुई मूरतों और
परदेश की व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा क्यों क्रोध
दिलाया है?-यिर्मयाह (८:१९)
क्रोध प्रतिशोध की भावनाए अल्पज्ञ जीवो मे देखी जाती है सर्वज्ञ ईश्वर मे नही|

१०.विरोधियो का निन्दक ईश्वर-
१यहोवा के नाम की निन्दा करने
वाला निश्चय मार डाला जाए;
सारी मण्डली के लोग निश्चय
उसको पत्थरवाह करें; चाहे
देशी हो चाहे परदेशी, यदि कोई
उस नाम की निन्दा करे तो वह मार डाला जाए।-लैव्यव्यवस्था(२४:१६)
२यों इस्त्राएली बालपोर देवता को पूजने लगे।
तब यहोवा का कोप इस्त्राएल पर भड़क उठा;
4 और यहोवा ने मूसा से कहा, प्रजा के सब
प्रधानों को पकड़कर यहोवा के लिये धूप में लटका दे, जिस
से मेरा भड़का हुआ कोप इस्त्राएल के ऊपर से दूर
हो जाए।-गिनती(२५:३,४)
३यदि तेरा सगा भाई, वा बेटा, वा बेटी,
वा तेरी अर्द्धांगिन, वा प्राण प्रिय तेरा कोई मित्र
निराले में तुझ को यह कहकर फुसलाने लगे, कि आओ
हम दूसरे देवताओं की उपासना वा पूजा करें,
जिन्हें न तो तू न तेरे पुरखा जानते थे,
7 चाहे वे तुम्हारे निकट रहने वाले आस पास के
लोगों के, चाहे पृथ्वी के एक छोर से लेके
दूसरे छोर तक दूर दूर के रहने वालों के देवता हों,
8 तो तू उसकी न मानना, और न
तो उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस
खाना, और न कोमलता दिखाना, और न उसको छिपा रखना;
9 उसको अवश्य घात करना; उसके घात करने में पहिले
तेरा हाथ उठे, पीछे सब लोगों के हाथ उठे|-व्यवस्थाविवरण(१३:६-९)
४.चौकस रहो कि कोई तुम्हें उस तत्व-ज्ञान और
व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न करे ले, जो मनुष्यों के
परम्पराई मत और संसार की आदि शिक्षा के
अनुसार हैं, पर मसीह के अनुसार
नहीं।-कुलुस्सियो(२:८)
गैर मतानुयायियो के प्रति बाईबिल के यहोवा के विचार अशान्ति एवं धार्मिक उन्माद को फैलानेवाले है|

११. रोगोत्पादक ईश्वर-
१तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह
चला गया;
10 तब वह बादल तम्बू के ऊपर से उठ गया, और
मरियम कोढ़ से हिम के समान श्वेत हो गई। -गिनती(१२:९,१०)
२ और यहोवा ने उस राजा को ऐसा मारा, कि वह मरने के
दिन तक कोढ़ी रहा, और अलग एक घर में
रहता था।-२राजा(१५:५)
३मैं ने तो अभी हाथ बढ़ाकर तुझे और
तेरी प्रजा को मरी से मारा होता,
और तू पृथ्वी पर से सत्यनाश
हो गया होता;-निर्गमन(९:१५)
इसी प्रकार दस बार मरी के फैलने के उदाहरण निर्गमन मे पाए जाते है|
अपने व्यक्तिगत इर्ष्या द्वेष से ग्रस्त होकर प्रतिद्वंद्वियो को रोगग्रस्त करना बाईबिल के ईश्वर को अल्पज्ञ एकदेशी ही सिध्द करता है|

१२.नीचा दिखाता ईश्वर-
१इस प्रकार परमेश्वर ने उस दिन कनान के
राजा याबीन को इस्राएलियों के साम्हने
नीचा दिखाया।-न्यायियो(४:२३)

१३ ईश्वर का उकता जाना-
यहोवा यह कहता है, तुम्हारे बहुत से
मेलबलि मेरे किस काम के हैं? मैं तो मेढ़ों के
होमबलियों से और पाले हुए पशुओं
की चर्बी से अघा गया हूं;-यशायाह(१:११)

१४ईश्वर का विश्राम करना-
१और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष
दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उस में उसने
अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम
से विश्राम लिया।-उत्पत्ति(२:३)

१५ईश्वर का परतन्त्र होना-
यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई
और जीवन मैं ही हूं;
बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच
सकता।-यूहन्ना (१४:६)

१६ बेईमान ईश्वर-
और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरूष
आकर पह फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा।
25 जब उसने देखा, कि मैं याकूब पर प्रबल
नहीं होता, तब उसकी जांघ
की नस को छूआ; सो याकूब
की जांघ की नस उससे
मल्लयुद्ध करते ही करते चढ़ गई।-उत्पत्ति(३२:२४,२५)
बाईबिल का यहोवा तो मानव से भी कमजोर निकला जो उसे मल्लयुध्द मे भी नही हरा पाया|

१७ ईश्वर का वृक्षो को शाप देना-
दूसरे दिन जब वे बैतनिय्याह से निकले तो उस
को भूख लगी।
13 और वह दूर से अंजीर का एक
हरा पेड़ देखकर निकट गया, कि क्या जाने उस में कुछ
पाए: पर पत्तों को छोड़ कुछ न पाया; क्योंकि फल का समय
न था।
14 इस पर उस ने उस से कहा अब से कोई तेरा फल
कभी न खाए। और उसके चेले सुन रहे थे।-मरकुस(११:१२-१४)
बिनमौसम फलो की अपेक्षा करनेवाला यहोवा कितना अज्ञानी है?
भूख लगनेवाला यहोवा शरीरधारी सिध्द होता है| अंजीर के फल तो आज भी खाए जाते है| इससे बाईबिल गपौडो की पुस्तक सिध्द होती है|

१८ ईश्वर द्वारा अव्यवहारिक उपदेश:-
१अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो;
जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और
जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं।-मत्ती(६:१९)
क्या मसीही इस उपदेश का आदर करते हुए धनसंग्रह करना बन्द कर देगे?
२यदि तेरी दाहिनी आंख तुझे
ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे;
क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे
अंगों में से एक नाश हो जाए और
तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।
30 और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उस
को काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये
यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश
हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न
डाला जाए॥-मत्ती(५:२९,३०)
ऐसा ही विवरण मत्ती(१८;८,९) ओर मरकूस(९:४३-४७) मे भी दिया गया है|
आज तक कितने बाईबिल के मानने ने अपनी आंख या हाथ आदि को काट कर बाईबिल के ईश्वर की आज्ञा का पालन किया है?
३क्योंकि प्रभु, जिस से प्रेम करता है, उस
की ताड़ना भी करता है; और
जिसे पुत्र बना लेता है, उस को कोड़े
भी लगाता है।-इब्रानियो(१२:६)

१९.ईश्वर द्वारा पक्षपात-
फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
17 हारून से कह, कि तेरे वंश
की पीढ़ी पीढ़ी में
जिस किसी के कोई भी दोष
हों वह अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये
समीप न आए।
18 कोई क्यों न हो जिस में दोष हो वह
समीप न आए, चाहे वह अन्धा हो,
चाहे लंगड़ा, चाहे नकचपटा हो, चाहे उसके कुछ
अधिक अंग हो,
19 वा उसका पांव, वा हाथ टूटा हो,
20 वा वह कुबड़ा, वा बौना हो,
वा उसकी आंख में दोष हो, वा उस मनुष्य के
चाईं वा खजुली हो, वा उसके अंड पिचके
हों;
21 हारून याजक के वंश में से जिस किसी में
कोई भी दोष हो वह यहोवा के हव्य
चढ़ाने के लिये समीप न आए; वह
जो दोषयुक्त है कभी भी अपने
परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न
आए।-लैव्यव्यवस्था(२१:१६-२१)
देखिए मात्र शारिरीक कमियो के आधार पर यहोवा मनुष्यो के साथ कैसा पक्षपातपूर्ण व्यवहार करता है|

 २० असफल ईश्वर
और यहोवा यहूदा के साथ रहा, इसलिये उसने
पहाड़ी देश के निवासियों निकाल दिया; परन्तु
तराई के निवासियों के पास लोहे के रथ थे, इसलिये वह
उन्हें न निकाल सका।-न्यायियो्(१:१९)
परमात्मा को एकदेशी मानने पर तो दुर्गति होनी ही थी|बडे बडे चमत्कार करनेवाले ईश्वर का लोहे के रथो के आगे असफल होना बुध्दीगम्य नही लगता है|
मित्रो उपरोक्त २० बिन्दुओ से स्पष्ट है कि बाईबिल का यहोवा कमबुध्दि,अल्पज्ञ,ओर आतंकवाद फैलाने वाला,दुर्रात् जंगली व्यक्ति होगा|
अत: बाईबिल का यहोवा कोई ईश्वर नही है
home

Post a Comment

0Comments

Peace if possible, truth at all costs.

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !