भारत 700 साल पूर्व ...

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जो इराक देश आज हालात देख रहा हे उससे भयानक दृश्य भारत ने 700 साल पहले देखा था। हम भले ही भूल जाए पर 700 साल पूर्व जो बर्बरता हमारे पूर्वजो से झेली वो कम नहीं थी :

1. मीर कसिम ने सिंध में रात को धोखे से घुस कर एक रात में 50000 से ज्यादा हिन्दुओ का कत्लेआम कर सिंध पर कब्ज़ा किया।

2. सोमनाथ मंदिर के अन्दर मोजूद 32500 ब्रह्मिनो के खून से मुहम्मद गजनवी ने परिसर को नहला दिया था।

3. सोमनाथ में लगी भगवान् की मूर्तियों को मुहम्मद गजनवी ने अपने दरबार और शोचालय के सीढियों में लगवा दिया था ताकि वो रोज उनके पैर नीचे आती रहे।

4. औरंगजेब के इस्लाम काबुल करवाने के खुले आदेश के बाद सबसे ज्यादा तबाही आई। कुछ को जबरदस्ती से मुस्लिम बनवाया गया जो आज त्यागी, राठोड, चौधरी, जट, राजावत, भाटी, मोह्यल नाम लगाकर घूम रहे हे।

5. औरंगजेब ने ब्रह्मिनो द्वारा इस्लाम कबूल ना करने पर उन्ह्र गर्म पानी में उबाल कर जिन्दा चमड़ी उतरवाने का फरमान जारी किया। ब्रह्मिनो की शिखाए और जनेउ जलाकर औरंगजेब ने अपने नहाने का पानी गर्म किया।

6. मुहम्मद जलालुदीन (अकबर) ने हर हिन्दू राज्य जीतने पर वहा की लडकियों को उठवा दिया और मीना बाजार और हरम में पंहुचा दी जाती हे।

7. अजयमेरु का सोमेश्वर नाथ शिव मंदिर तोड़कर अजमेर दरगाह खड़ी की गयी साथ ही वैष्णव मंदिर तोड़ ढाई दिन का झोपड़ा तयार किया गया। इनका सबूत हे वहा लगी कलाकृतिया जिस पर हिन्दू देवी देवता स्वस्तिक आदि बने हुए हे।

8. अलाउदीन खिलजी की सेना से धरम और कुल की रक्षा करने के लिए चित्तौड़ की रानी पद्मिनी और 26000 राजपूत वीरंगानो ने अग्नि कुंद में कुदकर जोहर प्रथा निभाई।

9. बहादुर शाह जफ़र की चित्तौड़ पर आक्रमण के बाद फिर मुघ्लो से धर्म और स्वभिमान की रक्षा के लिए चितौड़ की रानी कर्णावती ने 18000 राजपूत स्त्रियों के साथ अग्निकुंड में कूद जोहर करना चाहा पर लकड़ी कम पड़ने के कारन बारूद के ढेर के साथ वीरांगनाओ ने खुद को उड़ा दिया।

10. मुहम्मद जलालुदीन के आक्रमण पर चित्तौड़ में फिर महारानी जयमल मेड़तिया ने 12000 राजपूत स्त्रियों के साथ अग्निकुंद में कूद जोहर किया।

एक समय था अरब के पर्शिया से लेकर इंडोनेशिया तक हिन्दू धरम अनुयायी थी कितने करोड़ लाखो की लाशे बिछा दी गयी, कितनी ही स्त्रियों ने बलिदान दिए, कितने लाखो मन्दिर टूटे, कितने तरह के जुल्म हए तब कही आज हम हिन्दू हुए हे। अपने इतिहास को भूलने वाले एक सफल भविष्य नहीं बना सका आज तक.. हमे इतिहास से सीख लेने की जरूरत है...

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