चश्मा पर टिपण्णी : स्वदेशी अपनाओ

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एक अमीर व्यक्ति ने चश्मा खरीदा 10 रूपये का 
उसकी देखेम देख बाकी लोगो ने भी खरीद लिया
तो चश्मा (गोग्गल) आम हो गया।

अमीर आदमी को बहूत बुरा लगा की यह तो हर आदमी की पहुँच में है। मेरे लिए स्पेशल क्या है ?

वो चश्मे वाले के पास गया और बोला भाई कुछ ऐसा चश्मा दे जो कुछ अलग हो। 

चश्मे वाले ने थोडा सा और सुन्दर चश्मा बना दिया और 50 रु में दे दिया। 

लोगों ने भी देखम देख वह खरीदना शुरू कर दिया ।

अमीर आदमी फिर परेशान होकर चश्मे वाले से बोला यार ऐसा कुछ बना जो कोई और न खरीद सके । तब चश्मे वाला समझ गया की अमीर आदमी को कुछ ऐसा दिया जाये जो उसी की औकात का हो ताकि वो स्टैण्डर्ड बना सके । 

तब उसने चश्मे को थोडा सा डिज़ाइन बदल कर उसपर बड़े बड़े शब्दों में लिख दिया CM 
और उस को ब्रांड का नाम देकर 10000 रूपये ले लिए एक चश्मे के । 

अब यह चश्मा गरीबो की औकात से तो बाहर था लेकिन मुर्ख अमीर के लिए उच्च क्वालिटी का था क्योंकि वह एक ब्रांड था जो लिमिटेड अमीरों को मुर्ख बनाकर महंगा बेचा जाता था ।

क्या आप भी इसी ब्रांड के चक्कर में फंसे हुए हो ??

आज से आप भी CM हुए फिर 😀

स्वदेशी अपनाओ 
स्वदेशी माने local
लोकल होगा तो सस्ता होगा 
क्वालिटी भी अपने आप बनेगी जब आप उसकी सेल बढ़ाओगे।

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Peace if possible, truth at all costs.

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