भारत में चुपके से बैन हो गईं पॉर्न वेबसाइट्स?

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क्या भारत सरकार ने बड़ी ही खामोशी के साथ पॉर्न वेबसाइट्स को बंद कर दिया है? कई सारी मशहूर पॉर्नोग्रफी वेबसाइट्स जैसे पॉर्नहब, ब्रेजर्स, रेडट्यूब, बैंग ब्रदर्स अब ब्लॉक हो गई हैं और उनकी जगह एक लाइन लिखी दिखाई दे रही है, 'इस साइट को सक्षम प्राधिकारी के निर्देश के मुताबिक ब्लॉक कर दिया गया है।'

पॉर्न वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिए जाने का मामला तब सामने आया, जब अचानक #पॉर्न_बैन ने ट्विटर पर ट्रेंड करना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि डीएनए के मुताबिक यह दिक्कत उन्हीं यूजर्स के आगे आई जो एमटीएनएल, बीएसएनएल और एसीटी सर्विस प्रोवाइडर्स का इस्तेमाल करते हैं। एयरटेल और टाटा फोटोन आदि से इंटरनेट ऐक्सेस करने वालों को पॉर्न साइट ऐक्सेस करने में कोई समस्या नहीं आई।

लीगली इंडिया में छपे एक पीस में कहा गया है कि स्पेक्ट्रानेट के दिल्ली ब्रॉडबैंड कनेक्शन से सबसे मशहूर 13 पॉर्न वेबसाइट्स में से 11 ऐक्सेस नहीं हो पा रही थीं। हालांकि, मोबाइल फोन्स से कोशिश करने पर वे साइट्स ठीक से ऐक्सेस हो सकीं।

इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तु ने घर पर पॉर्न देखने पर लगने वाले बैन को संविधान के 'आर्टिकल 21 का उल्लंघन' बताया था जिसके तहत हमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार मिलता है।

दत्तु ने कहा था कि इस तरह के आदेश पास नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा था, 'ऐसे अंतरिम आदेश यह कोर्ट पास नहीं कर सकती। कोर्ट में कोई भी आकर कह सकता है, 'देखिए! मैं वयस्क हूं और आप किस बिना पर मुझे मेरे घर की चारदीवारी में पॉर्न देखने से रोक सकते हैं? यह संविधान के आर्टिकल 21 यानी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।' हां कुछ कदम उठाए जाने चाहिएं क्योंकि समस्या गंभीर है। केंद्र सरकार को इसपर मत बनाना होगा, देखते हैं वह क्या तय करती है।'

प्रमुख न्यायाधीश की यह टिप्पणी इंदौर निवासी वकील कमलेश वासवानी द्वारा सभी पॉर्न साइट्स को बैन करने की एक जनहित याचिका को विजय पंजवानी द्वारा पेश किये जाने पर आई थी।

याद दिला दें कि इससे पहले 2012 में कांग्रेस सरकार ने भी 'गैर-कानूनी' कॉन्टेंट दिखाने के लिए कई सारे फाइल शेयरिंग वेबसाइट्स और टॉरेंट्स को बंद करने का फैसला किया था जिसके बाद हैकरों ने सरकारी वेबसाइट्स हैक कर दी थीं और सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा था।

ट्विटर पर #पॉर्न_बैन फिलहाल टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक है।

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