उन्होंने अपने लेख "हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) और भारतीय धर्मग्रन्थ -१"में कहा है की भविष्य पुराण के अनुसार कल्कि अवतार जो की अंतिम अवतार माना जाता है वो मुहम्मद के रूप में हो चुका है | उन्होंने जैन और बौध धर्म का भी उदहारण दिया है और कहा है की इन धर्मो के अनुसार भी मुहम्मद आखरी अवतार है |
अब इससे हास्यपद बात और क्या हो सकती है की बौध धर्म जो अवतार वाद के खिलाफ है यहाँ तक की वो ब्रह्मा , विष्णु , महेश तकको ईश्वर का अवतार नहीं मानता, तो भला मुहम्मद को कैसे अवतार घोषित कर सकता है?,
हाँ बुद्धिस्ट कालचक्र तंत्र को सही मानते हो तो इसमें सम्भल जिलेके २५ राजा के जन्म का जिक्र है वो२३३७ में होगा जिसका नाम कुलिक होगा और जिसके हाथ में तलवार नहींबल्कि कालचक्र होगा पर मुहम्मद के हाथ में तलवार थी |
भगवत महा पुराण के अनुसार कल्कि का जन्म भारत के सम्भल जिले में होगा पर मुहम्मद का जन्म तो अरब के रेगिस्तान में हुआ था , अब अरब के रेगिस्तान और सम्भल मेंक्या समानता हो सकती है...?
कल्कि का जन्म कब होगा उसके बारे में कहा गया है "द्वादश्यां शुक्ल-पक्षस्य माधवे मासि माधवम्"- कल्कि पुराण ,१:२:१५ , यानि कल्कि का जन्म १२ मार्च को होना निश्चित किया गया है पर मुहम्मद साहब का जन्म २० अप्रैल ५७१ को हुआ | यूँ तो कई सारी भिन्तायें गिनवा सकता हूँ वो भी सबूत के साथ जो ये साबित कर देंगी की जाकिर नायक के रट्टू तोते के आलावा कुछ नहीं हैं |
पर चलिए मैं जाकिर नायक की बात को थोड़ी देर के लिए सही मान लेता हूँ, मान लेता हूँ की भविष्य पुराण में मुहम्मद का जिक्र है पर वो जिक्र कैसा है ये आप खुद ही देखलीजिये | भविष्य पुराण -प्रति सर्ग ३:३ -५-७-२४-२७ में त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का जिक्र आया है जिसे शंकर जी ने संहार कर दिया था वो मरुस्थल में महामाद नाम के राक्षस के रूप में जन्म लेगा और पैसचिक धर्म स्थापित करेगा | अब अगर जाकिर नायक भविष्य पुराण की बात मानते हैं तो इन्हें ये भी मानना चाहिए की मुहम्मद साहब वही महामाद है जिसका जिक्र भविष्य पुराण में त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के रूप में है उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से महामाद/ त्रिपुरासुर का प्रोफाइल बिल्कुल मिलता जुलता है. यदि वे ज़िंदा होते तो इतने बड़े नर-संहार और नाबालिग बच्चियों के शील हरण के आरोप में अंतरराष्ट्रीय अदालत से कठोरतम सज़ा पा चुके होते.
अब इससे हास्यपद बात और क्या हो सकती है की बौध धर्म जो अवतार वाद के खिलाफ है यहाँ तक की वो ब्रह्मा , विष्णु , महेश तकको ईश्वर का अवतार नहीं मानता, तो भला मुहम्मद को कैसे अवतार घोषित कर सकता है?,
हाँ बुद्धिस्ट कालचक्र तंत्र को सही मानते हो तो इसमें सम्भल जिलेके २५ राजा के जन्म का जिक्र है वो२३३७ में होगा जिसका नाम कुलिक होगा और जिसके हाथ में तलवार नहींबल्कि कालचक्र होगा पर मुहम्मद के हाथ में तलवार थी |
भगवत महा पुराण के अनुसार कल्कि का जन्म भारत के सम्भल जिले में होगा पर मुहम्मद का जन्म तो अरब के रेगिस्तान में हुआ था , अब अरब के रेगिस्तान और सम्भल मेंक्या समानता हो सकती है...?
कल्कि का जन्म कब होगा उसके बारे में कहा गया है "द्वादश्यां शुक्ल-पक्षस्य माधवे मासि माधवम्"- कल्कि पुराण ,१:२:१५ , यानि कल्कि का जन्म १२ मार्च को होना निश्चित किया गया है पर मुहम्मद साहब का जन्म २० अप्रैल ५७१ को हुआ | यूँ तो कई सारी भिन्तायें गिनवा सकता हूँ वो भी सबूत के साथ जो ये साबित कर देंगी की जाकिर नायक के रट्टू तोते के आलावा कुछ नहीं हैं |
पर चलिए मैं जाकिर नायक की बात को थोड़ी देर के लिए सही मान लेता हूँ, मान लेता हूँ की भविष्य पुराण में मुहम्मद का जिक्र है पर वो जिक्र कैसा है ये आप खुद ही देखलीजिये | भविष्य पुराण -प्रति सर्ग ३:३ -५-७-२४-२७ में त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का जिक्र आया है जिसे शंकर जी ने संहार कर दिया था वो मरुस्थल में महामाद नाम के राक्षस के रूप में जन्म लेगा और पैसचिक धर्म स्थापित करेगा | अब अगर जाकिर नायक भविष्य पुराण की बात मानते हैं तो इन्हें ये भी मानना चाहिए की मुहम्मद साहब वही महामाद है जिसका जिक्र भविष्य पुराण में त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के रूप में है उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से महामाद/ त्रिपुरासुर का प्रोफाइल बिल्कुल मिलता जुलता है. यदि वे ज़िंदा होते तो इतने बड़े नर-संहार और नाबालिग बच्चियों के शील हरण के आरोप में अंतरराष्ट्रीय अदालत से कठोरतम सज़ा पा चुके होते.
अब में मुहम्मद के जीवन का चित्रण करता हु मेने उसमे शाक्ष्य भी दिए है ताकि कोई मुल्ला ये ना कह सके कि ये सब झूट है
1–मौसी के साथ कुकर्म मुहम्मद की हवस की शिकार होने वाली पहली औरत का नाम ” खौला बिन्त हकीम अल सलमिया - خولة بنت حكيم السلمية ” था . और उसके पति का नाम “उसमान बिन मजऊम – عثمان بن مظعون “ था . खौला मुहम्मद की माँ की बहिन यानि उनकी सगी मौसी ( maternal aunt ) थी . इसको मुहम्मद ने अपना सहाबी बना दिया था . मदीना की हिजरत में मुहम्मद आयशा के साथ खौला को भी ले गए थे .यह घटना उसी समय की है इस औरत ने अय्याशी के लिए खुद को मुहम्मद के हवाले कर दिया था .यह बात मुसनद अहमद में इस प्रकार दी गयी है . “खौला बिन्त हकीम ने रसूल से पूछा कि जिस औरत को सपने में ही स्खलन होने की बीमारी हो , तो वह औरत क्या करे , रसूल ने कहा उसे मेरे पास लेटना चाहिए “ “Khaula Bint Hakim al-Salmiya,asked the prophet about the woman having a wet dream, he said she should lay with me “ محمد بن جعفر قال حدثنا شعبة وحجاج قال حدثني شعبة قال سمعت عطاء الخراساني يحدث عنحدثنا “”" سعيد بن المسيب أن خولة بنت حكيم السلمية وهي إحدى خال ت النبي صلى ال عليه وسلم سألت النبي صلى ال عليه وسلم عن المرأة تحتلم فقال رسول ال صلى ال عليه وسلم لتغتسلTranslation:26768 - Musnad Ahmad (مسند أدحمد )hadith-26768 तब खौला मुहम्मद के पास सो गयी , और मुहम्मद साहब ने उसके साथ सम्भोग किया .
2-आयशा ने खौला को धिक्कारा जब आयशा को पता चला कि रसूल चुपचाप खौला के साथ सम्भोग कर रहे हैं तो उसने खौला को धिक्कारा और उसकी बेशर्मी के लिए फटकारा यह बात इस हदीस में दी गयी है , “हिशाम के पिता ने कहा कि खौला एक ऎसी औरत थी जिसने सम्भोग के लिए खुद को रसूल के सामने प्रस्तुत कर दिया था .इसलिए आयशा ने उस से पूछा ,क्या तुझे एक पराये मर्द के सामने खुद को पेश करने में शर्म नही आयी ? तब रसूल ने कुरान की सूरा अहजाब 33:50 की यह आयत सुना दी , जिसमे कहा था ” हे नबी तुम सम्भोग के लिए अपनी पत्नियों की बारी ( Turn ) को टाल सकते हो .इस पर आयशा बोली लगता है तुम्हारा अल्लाह तुम्हें और अधिक मजे करने की इजाजत दे रहा है .”( I see, but, that your Lord hurries in pleasing you) “حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ سَلاَمٍ، حَدَّثَنَا ابْنُ فُضَيْلٍ، حَدَّثَنَا هِشَامٌ، عَنْ أَبِيهِ، قَالَ كَانَتْ خَوْلَةُ بِنْتُ حَكِيمٍ مِنَ اللاَّئِي وَهَبْنَ أَنْفُسَهُنَّ لِلنَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم فَقَالَتْ عَائِشَةُ أَمَا تَسْتَحِي الْمَرْأَةُ أَنْ تَهَبَ نَفْسَهَا لِلرَّجُلِ فَلَمَّا نَزَلَتْ {تُرْجِئُ مَنْ تَشَاءُ مِنْهُنَّ} قُلْتُ يَا رَسُولَ اللَّهِ مَا أَرَى رَبَّكَ إِلاَّ يُسَارِعُ فِي هَوَاكَ. رَوَاهُ أَبُو سَعِيدٍ الْمُؤَدِّبُ وَمُحَمَّدُ بْنُ بِشْرٍ وَعَبْدَةُ عَنْ هِشَامٍ عَنْ أَبِيهِ عَنْ عَائِشَةَ يَزِيدُ بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ. बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 48
3-आयशा को ईर्ष्या हुई कोई भी महिला अपने पति की दूसरी महिला से अय्याशी को सहन नहीं करेगी . आयशा ने रसूल से कहा कि मुझे इस औरत से ईर्ष्या हो रही है . यह बात इस हदीस में इस प्रकार दी गयी है “आयशा ने कहा कि मैं रसूल से कहा मुझे उस औरत से जलन हो रही है जिसने सम्भोग के लिए खुद को तुम्हारे हवाले कर दिया . क्या एसा करना गुनाह नहीं है . तब रसूल ने सूरा अहजाब की 33:50 आयत सुना कर कहा इसमे कोई पाप नहीं है ,क्योंकि यह अल्लाह का आदेश है . तब आयशा ने कहा लगता है , तुम्हारे अल्लाह को तुम्हें खुश करने की बड़ी जल्दी है “(It seems to me that your Lord hastens to satisfy your desire. ) सही मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3453
4-चचेरी बहिन से सहवास मुहम्मद साहब के चाचा अबू तालिब की बड़ी लड़की का नाम ”उम्मे हानी बिन्त अबू तालिब – أُمِّ هَانِئٍ بِنْتِ أَبِي طَالِبٍ ” था .जिसे लोग “फकीतः और ” हिन्दा ” भी कहते थे .यह सन 630 ईसवी यानि 8 हिजरी की बात है . जब मुहम्मद साहब तायफ़ की लड़ाई में हार कर साथियों के साथ जान बचाने के लिए काबा में छुपे थे .लकिन मुहम्मद साहब चुपचाप सबकी नजरें चुरा कर उम्मे हानी के घर में घुस गए ,लोगों ने उनको काबा में बहुत खोजा .और आखिर वह उम्मे हानी के घर में पकडे गए .इस बात को छुपाने के लिए मुहम्मद साहब ने एक कहानी गढ़ दी और लोगों से कहा कि मैं यरुशलेम और जन्नत की सैर करने गया था .मुझे अल्लाह ने बुलवाया था .उस समय उनकी पहली पत्नी खदीजा की मौत हो चुकी थी वास्तव में .मुहम्मद साहब उम्मे हानी के साथ व्यभिचार करने गए थे .उन्होंने कुरान की सुरा अहजाब की आयत 33:50 सुना कर सहवास के लिए पटा लिया था .यह बात हदीस की किताब तिरमिजी में मौजूद है . जिसे प्रमाणिक माना जाता है . पूरी हदीस इस प्रकार है ,“उम्मे हानी ने बताया उस रात रसूल ने मुझ से अपने साथ शादी करने का प्रस्ताव रखा , लेकिन मैं इसके लिये उन से माफी मागी . तब उन्होंने कहा कि अभी अभी अल्लाह की तरफ से मुझे एक आदेश मिला है “.हे नबी हमने तुम्हारे लिए वह पत्नियां वैध कर दी हैं ,जिनके मेहर तुमने दे दिये .और लौंडियाँ जो युद्ध में प्राप्त हो ,और चाचा की बेटीयाँ , फ़ूफ़ियों की बेटियाँ ,मामू की बेटियाँ,खालाओं की बेटियाँ और जिस औरत ने तुम्हारे साथ हिजरत की है ,और वह ईमान वाली औरत जो खुद को तुम्हारे लिए समर्पित हो जाये ” यह सुन कर मैं राजी हो गयी और मुसलमान बन गयी “ ” عَنْ أُمِّ هَانِئٍ بِنْتِ أَبِي طَالِبٍ، قَالَتْ خَطَبَنِي رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم فَاعْتَذَرْتُ إِلَيْهِ فَعَذَرَنِي ثُمَّ أَنْزَلَ اللَّهُ تَعَالَى : (إنَّا أَحْلَلْنَا لَكَ أَزْوَاجَكَ اللاَّتِي آتَيْتَ أُجُورَهُنَّ وَمَا مَلَكَتْ يَمِينُكَ مِمَّا أَفَاءَ اللَّهُ عَلَيْكَ وَبَنَاتِ عَمِّكَ وَبَنَاتِ عَمَّاتِكَ وَبَنَاتِ خَالِكَ وَبَنَاتِ خَالاَتِكَ اللاَّتِي هَاجَرْنَ مَعَكَ وَامْرَأَةً مُؤْمِنَةً إِنْ وَهَبَتْ نَفْسَهَا لِلنَّبِيِّ ) الآيَةَ قَالَتْ فَلَمْ أَكُنْ أَحِلُّ لَهُ لأَنِّي لَمْ أُهَاجِرْ كُنْتُ مِنَ الطُّلَقَاءِ . قَالَ أَبُو عِيسَى لاَ نَعْرِفُهُ إِلاَّ مِنْ هَذَا الْوَجْهِ مِنْ حَدِيثِ السُّدِّيِّ . ”-هَذَا حَدِيثٌ حَسَنٌ صَحِيحٌ - तिरमिजी -जिल्द 1किताब 44 हदीस 3214 पे.522
5-पुत्रवधु से सहवास मुहम्मद साहब के समय अरब में दासप्रथा प्रचलित थी .लोग युद्ध में पुरुषों , औरतों , और बच्चों को पकड़ लेते थे .और उनको बेच देते थे .ऐसा ही एक लड़का मुहम्मद साहब ने खरीदा था . जिसका नाम “ जैद बिन हारिस - زيد بن حارثة ” था .(c. 581-629 CE)मुहम्मद साहब ने उसे आजाद करके अपना दत्तक पुत्र बना लिया था अरबी में . दत्तक पुत्र (adopt son ) को ” मुतबन्ना “ कहा जाता है . यह एक मात्र व्यक्ति है जिसका नाम कुरान सूरा अह्जाब 33:37 में मौजूद है .इसी लिए लोग जैद को ” जैद मौला “या ” जैद बिन मुहम्मद भी कहते थे .यह बात इस हदीस से साबित होती है , “”حَدَّثَنَا قُتَيْبَةُ، حَدَّثَنَا يَعْقُوبُ بْنُ عَبْدِ الرَّحْمَنِ، عَنْ مُوسَى بْنِ عُقْبَةَ، عَنْ سَالِمِ بْنِ عَبْدِ اللَّهِ بْنِ عُمَرَ، عَنْ أَبِيهِ، قَالَ مَا كُنَّا نَدْعُو زَيْدَ بْنَ حَارِثَةَ إِلاَّ زَيْدَ بْنَ مُحَمَّدٍ حَتَّى نَزَلَتْ : ( ادعُوهُمْ لآبَائِهِمْ هُوَ أَقْسَطُ عِنْدَ اللَّهِ ) . قَالَ هَذَا حَدِيثٌ صَحِيحٌ . “ तिरमिजी -जिल्द 1 किताब 46 हदीस 3814 कुछ समय के बाद् जैद की शादी हो गयी उसकी पत्नी का नाम “जैनब बिन्त जहश – زينب بنت جحش ” था वह काफी सुन्दर और गोरी थी . इसलिये मुहम्मद साहब की नजर खराब हो गयी .उन्होंने घोषित कर दिया कि आज से मेरे दत्तक पुत्र को मेरे नाम से नहीं उसके असली बाप के नाम से पुकारा जाय .और इसकी पुष्टि के लिये कुरान की सूरा 33:5 भी ठोक दी . यह बात इस हदीस से सबित होती है ,
6-रसूल की नीयत में पाप जैनब को हासिल करने के लिए मुहम्मद साहब ने फिर कुरान का दुरुपयोग किया .और लोगों से जैद को मुहम्मद का बेटा कहने से मना कर दिया , ताकि लोग जैनब को उनके लडके की पत्नी नहीं मानें . ” जैनब कुरैश कबीले की सब से सुंदर लड़की थी .और जब अल्लाह ने अपनी किताब में जैद के बार में सूरा 33 की आयत 5 नाजिल कर दी , जिसमे कहा था कि आज से तुम लोग जैद को उसके असली बाप के नाम से पुकारा करो .,क्योंकि अल्लाह की नजर में यह बात तर्कसंगत प्रतीत लगती है .और यदि तुम्हें किसी के बाप का नाम नहीं पता हो ,तो उस व्यक्ति को भाई कह कर पुकारा करो , मलिक मुवत्ता -किताब 30 हदीस 212
7-कुरान की सूरा 33:5 की व्याख्या कुरान की सूरा अहजाब की आयत 5 के अनुसार दत्तक पुत्र जैद को असली पुत्र का दर्जा नहीं दिया गया , इस आयत की व्याख्या यानी तफ़सीर “जलालुद्दीन सुयूती – جلال الدين السيوطي “ ने की है . इनका काल c. 1445–1505 AD है .इन्होने कुरान की जो तफ़सीर की है ,उसका नाम ” तफ़सीर जलालैन -تفسير الجلالين ” है .इसमे बताया गया है कि रसूल ने जैद को अपने पुत्र का दर्जा नहीं देने के लिए यह तर्क दिए थे ,
1 .दत्तक पुत्र रखने की परंपरा अज्ञान काल है , अब इसकी कोई जरुरत नहीं है .
2 . मैंने जिस समय जैद को खरीदा था ,उस समय अल्लाह ने मुझे रसूल नही बनाया था .
3. लोग जैद को मेरा सगा बेटा मान लेते थे . जिस से मेरी बदनामी होती थी .
4. जैद ने मुझ से जैनब को तलाक देने का वादा कर रखा है .
2 . मैंने जिस समय जैद को खरीदा था ,उस समय अल्लाह ने मुझे रसूल नही बनाया था .
3. लोग जैद को मेरा सगा बेटा मान लेते थे . जिस से मेरी बदनामी होती थी .
4. जैद ने मुझ से जैनब को तलाक देने का वादा कर रखा है .
{ وَإِذْ تَقُولُ لِلَّذِيۤ أَنعَمَ ٱللَّهُ عَلَيْهِ وَأَنْعَمْتَ عَلَيْهِ أَمْسِكْ عَلَيْكَ زَوْجَكَ وَٱتَّقِ ٱللَّهَ وَتُخْفِي فِي نَفْسِكَ مَا ٱللَّهُ مُبْدِيهِ وَتَخْشَى ٱلنَّاسَ وَٱللَّهُ أَحَقُّ أَن تَخْشَاهُ فَلَمَّا قَضَىٰ زَيْدٌ مِّنْهَا وَطَراً زَوَّجْنَاكَهَا لِكَيْ لاَ يَكُونَ عَلَى ٱلْمُؤْمِنِينَ حَرَجٌ فِيۤ أَزْوَاجِ أَدْعِيَآئِهِمْ إِذَا قَضَوْاْ مِنْهُنَّ وَطَراً وَكَانَ أَمْرُ ٱللَّهِ مَفْعُولاً } Tafsir al-Jalalayn – (تفسير الجلالين )Sura -ahzab 33:5
इन्हीं कुतर्कों के आधार पर लगभग सन625 ईसवी में मुहम्मद साहब ने अपने दत्तक पुत्र जैद की पत्नी से शादी कर डाली .यानी जैनब के साथ व्यभिचार किया .
अब अगर आप बुध्धिजीवी हो तो सोचो कि इस्लाम का आका मुहमद इतना कुकर्मी था तो इस्लाम को धर्म कहना कहा तक सही है असल में इस्माल एक गंदगी है
इन्हीं कुतर्कों के आधार पर लगभग सन625 ईसवी में मुहम्मद साहब ने अपने दत्तक पुत्र जैद की पत्नी से शादी कर डाली .यानी जैनब के साथ व्यभिचार किया .
अब अगर आप बुध्धिजीवी हो तो सोचो कि इस्लाम का आका मुहमद इतना कुकर्मी था तो इस्लाम को धर्म कहना कहा तक सही है असल में इस्माल एक गंदगी है
कलयुग में होगा भगवान विष्णु का ये अवतार, कब और कहां जानिए... पुराणों में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन है। इनमें से एक अवतार होना अभी शेष है। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का यह अवतार कल्कि अवतार कहलाएगा। पुराणों के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (इस बार 12 मार्च, सोमवार) को यह अवतार होगा, इसलिए इस दिन कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में विस्तृत वर्णन है। उसके अनुसार कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। पुराणों के अनुसार उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के शंभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे। भगवान कल्कि देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर संसार से पापियों का विनाश करेंगे और धर्म की पुन:स्थापना करेंगे। भारत में कल्कि अवतार के कई मंदिर भी हैं, जहां भगवान कल्कि की पूजा होती है। यह भगवान विष्णु का पहला अवतार है जो अपनी लीला से पूर्व ही पूजे जाने लगे हैं। जयपुर में हवा महल के सामने भगवान कल्कि का प्रसिद्ध मंदिर है। इसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था। इस मंदिर में भगवान कल्कि के साथ ही उनके घोड़े की प्रतिमा भी स्थापित है ।
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