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बलात्कार के आरोपी डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक गुरमीत राम रहीम जब अदालत द्वारा दोषी पाए गए तो उनके समर्थकों ने हिंसा का नंगा नाच मचा दिया। ताज्जुब यह है कि डेरा समर्थक जब यहां इक्कठा हुए तो वे ये कह रहे थे कि वे तो शांति के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। हिंसा इस कदर फैली है कि पंचकूला आदि में 3 रेलवे स्टेशनों पर आग लगा दी गई, विभिन्न टी वी न्यूज चैनलों की ओ बी वेंन को आग के हवाले कर दिया गया। करीब 100 गाड़ियों, पेट्रोल पम्प, आयकर ऑफिस, टेलीफोन ऑफिस आदि में आग लगा कर हिंसा का जो नंगा नाच किया जो निंदनीय ही नही बल्कि गम्भीर चिंता का विषय है। हैरानी यह हैं कि पुलिस तक को पत्थर बाजी कर भगा दिया गया। धर्म की आड़ में जो कुकृत्य किए गए और जब अदालत ने पीड़िता के द्वारा लगाए गए आरोपों पर दोषी करार दिया तो हिंसा का तांडव नृत्य करने पर उतारू हो गए। ताज्जुब यह हैं कि धारा 144 लागू होने के बावजूद राम रहीम समर्थक सड़कों पर उतर आए और खुल कर हिंसा की। हैरानी यह थी कि इस हिंसा में महिलाओं की भूमिका भी नजर आई। मानसा में महिला समर्थक बस्तियों में घुस गई। टाइम्स नाउ, NDTV, आजतक की ओ बी वैन जला कर राख कर दी गई। इस तरह की हिंसा में पुलिस तक असहाय हो जाती हैं। करवाई करें तो जान हानि का खतरा रहता हैं। औऱ नही करें तो भी जान-माल का नुकसान। जिन लोगों ने विभिन्न टी वी चेनलों में पंचकूला की हिंसा का लाइव देखा है, सचमुच में रोंगटे खड़े करने वाला दृश्य था। भटिंडा, मुक्तसर, मनसा आदि में कर्फ्यू लगा दिया है। सिरसा में पुलिस ने हवा में फायरिंग की है। पंचकूला की हिंसा में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी हैं। पंजाब से आने वाली 350 ट्रेनें रद्द कर दी है। राजस्थान की सीमा से बसों का आना थम गया हैं। दिल्ली तक की सीमा मे हाई एलर्ट कर दिया गया है। दिल्ली में भी हिंसा की वारदातें सामने आई है। पंचकूला के रियायसी विस्तारों में गुंडे घुस चुके हैं। पंचकूला में आर्मी की 6 टुकड़ियां भी तैनात है। अब हिंसा की ये आग हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश व राजस्थान तक पहुंच गई हैं, सीधे-सीधे इस हिंसा के जिम्मेवार गुरमीत राम रहीम हैं, उनकी मर्जी बिना लाखों समर्थक इकट्ठा नही होते तथा ये हिंसा नही होती। नबम्बर 2017 में जब सन्त रामपाल की गिरफ्तारी की गई तब भी हरियाणा में जम कर हिंसा हुई। वर्तमान की हिंसा में जहां डेरा समर्थको की स्पष्ट भूमिका हैं, लेकिन इस हिंसा में सरकार की छवि धूमिल करने में सरकार विरोधी तत्वों की भी भूमिका हो सकती है।
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Peace if possible, truth at all costs.