अजीब बात है - सिवाय एक आदमी {राजीव दीक्षित} के किसी ने इस तरफ ध्यान ही नही दिया इस बात पर...

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

सभी इतिहासकारों ने
सिर्फ एकतरफा ही बाते किताबों में लिखी है,

क्या गुजरे हुए समय में -
हमारा कोई जीवन दर्शन नही था,⁉

क्या हमारी कोई न्याय व्यवस्था नही थी⁉

क्या हमारा कोई धर्माचरण भी नही था⁉

हमारी धरा पर क्या कभी कोई विद्द्वान पैदा ही नही हुए थे⁉

⁉⁉⁉⁉

एक बहुत ही सोची समझी चाल के तहत
हमारी सोच को ही बदल दिया गया –

इसी को हम गुलामी कह सकते है✔

500 -700 वर्षों से
हमें यही सिखाया पढाया जा रहा है :---

कि तुम बेकार हो,
खराब हो,
तुम जंगली हो,
तुम तो हमेशा लड़ते रहते हो,
तुम्हारे अन्दर सभ्यता नहीं है, तुम्हारी कोई संस्कृती नहीं है,
तुम्हारा कोई दर्शन नहीं है,
तुम्हारे पास कोई गौरवशाली इतिहास नहीं है,
तुम्हारे पास कोई ज्ञान विज्ञान नहीं है आदि आदि।

⁉⁉⁉⁉⁉

मित्रों !!
✖अंग्रेजों के एक एक अधिकारी भारत आते गए
और भारत व भारत वासियों को कोसते गए।

✖अंग्रजों से पहले ये गालियाँ हमें "फ्रांसीसी" देते थे,

✖और फ्रांसीसियों से पहले ये गालियाँ हमें "पुर्तगालियों" ने दीं।

इसी क्रम में लॉर्ड मैकॉले का भी भारत में आगमन हुआ।

✖किन्तु मैकॉले की नीति कुछ अलग थी।

✖उसका विचार था
कि एक एक अंग्रेज़ अधिकारी भारत वासियों को कब तक कोसता रहेगा?

✖कुछ ऐसी परमानेंट व्यवस्था करनी होगी
कि हमेशा भारत वासी खुद को नीचा ही देखें
और
हीन भावना से ग्रसित रहें।

इसलिए उसने जो व्यवस्था दी
उसका नाम रखा
Education System.

✖सारा सिस्टम उसने ऐसा रचा कि भारत वासियों को केवल वह सब कुछ पढ़ाया जाए जिससे वे हमेशा गुलाम ही रहें।

✖और उन्हें अपने धर्म संस्कृती से घृणा हो जाए।

✖इस शिक्षा में हमें यहाँ तक पढ़ाया कि भारत वासी सदियों से गौमांस का भक्षण कर रहे हैं।

अब आप ही सोचे
यदि भारत वासी सदियों से गाय का मांस खाते थे …
तो आज के हिन्दू ऐसा क्यों नहीं करते⁉⁉

और
इनके द्वारा दी गयी सबसे गंदी गाली यह है
✖कि हम भारत वासी आर्य बाहर से आये थे।

✖आर्यों ने भारत के मूल द्रविड़ों पर आक्रमण करके उन्हें दक्षिण तक खदेड़ दिया और सम्पूर्ण भारत पर अपना कब्ज़ा ज़मा लिया।

✖और हमारे देश के वामपंथी चिन्तक
विदेशी धन से पोषित आज भी इसे सच साबित करने के प्रयास में लगे हैं।

✖इतिहास में हमें यही पढ़ाया गया कि
कैसे एक राजा ने दूसरे राजा पर आक्रमण किया।

इतिहास में
केवल राजा ही राजा हैं प्रजा नदारद है, 樂
हमारे ऋषि मुनि नदारद हैं।樂

और राजाओं की भी बुराइयां ही हैं
अच्छाइयां गायब हैं樂

⁉⁉⁉⁉⁉

आप जरा सोचे
कि अगर इतिहास में केवल युद्ध ही हुए
तो भारत तो हज़ार साल पहले ही ख़त्म हो गया होता‼

और राजा भी कौन कौन से⁉ गजनी, तुगलक,
ऐबक, लोदी, तैमूर, बाबर, अकबर, सिकंदर
जो कि भारतीय थे ही नहीं।

इतिहास से सारे भारतीय हिन्दू -- राजा
विक्रमादित्य,
चन्द्रगुप्त,
महाराणा प्रताप,
पृथ्वीराज चौहान गायब हैं⁉⁉

इनका ज़िक्र तो इनके आक्रान्ता के सम्बन्ध में आता है।

जैसे सिकंदर की कहानी में चन्द्रगुप्त का नाम है।

चन्द्रगुप्त का कोई इतिहास नहीं पढ़ाया गया樂

और यह सब
आज तक हमारे पाठ्यक्रमों में है।


       जागो भारत !! 

#Rajiv_Dixit,#राजीव_दिक्षित,


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