PFI के "गजवा-ए-हिन्द 2047" मिशन के ऊपर NIA

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PFI के "गजवा-ए-हिन्द 2047" मिशन के ऊपर NIA जो बिहार में कर रही थी, उसके कारण जेडीयू के मुस्लिम विधायकों ने नीतीश कुमार को "तुरंत गठबंधन तोड़ो" की चेतावनी दी थी! इसीलिए पलटू मियाँ ने पलटी मारी!

नीतीश कुमार: हम रहें, ना रहें,मोदी 2024 में मोदी नहीं रहेगें!

कितना खतरनाक और भयावह बयान है एक मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री के लिए।

आइए समझते हैं, इस बयान की पृष्ठभूमि...

मोदी और नीतीश दोनों 2013-14 तक मुख्यमंत्री थे, भाजपा ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।

शुरू शुरू में भाजपा में भी इसका विरोध हुआ और एनडीए में भी। मोदी अपने धुआं धार प्रचार के वक्त पटना की एक रैली में बम विस्फोट के शिकार होते होते बचे।

देश की जनता और नियति ने मोदी को प्रधानमंत्री पद पर आसीन करवा दिया। कुशल प्रशासक के तौर पर उन्होंने पटना बम विस्फोट की जांच का जिम्मा NIA को सौंप दिया। खुलासों में राज्य की आतंकी गतिविधियों के तार आतंकी समूहों और विदेश से जुड़ते दिखाई पड़े, लेकिन निर्णायक साबित नहीं हो पाए ताकि गिरफ्तारी हो सके।

फाइलें फिर से खंगाली गई तो पता चला कि इसकी जड़ें, गुजरात में हुए महिला आतंकी और इसके संगठन के तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए।

अभी, महीना भर पूर्व ही फुलवारी शरीफ से पकड़े गए PFI के आतंकियों से प्राप्त दस्तावेजों से और दिल्ली के बाटला हाऊस से एक और आतंकी की गिरफ्तारी ने नीतीश सरकार की मिलीभगत उजागर कर दी।

नीतीश के कान खड़े हुए और उन्हें विश्वास हो गया कि मोदी अब उसे नहीं बख्शेगा।

सो इन्ही हफ्ते दो हफ्ते की दौड़ भाग में नीतीश को लग गया कि भाजपा राज्य सरकार से अलग होकर जदयू को ठिकाने लगा सकती है, सो उसने पहले ही नौटंकी करके सरकार गिरा दी और आरजेडी की शरण में पहुंच गए।

लेकिन, मोदी किसी को माफ नहीं करते वो चाहे कोई भी हो!

#साभार


#PFI #Hind,

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Peace if possible, truth at all costs.

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