इंदिरा से कुछ सीखिए मोदी जी

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#इंदिरा से कुछ सीखिए मोदी जी

(यदि राजनीति में गिर नहीं सकते हैं, तो राजनीति छोड़िये)


एक बार इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि इंदिरा गांधी भ्रष्टाचारी है। इन्हें चुनाव लड़ने से  रोका जाता है।


तब इंदिरा गाँधी ने कहा कि मीलॉर्ड सिन्हा की ऐसी की तैसी। अबे पीएम हम हैं देश के।  तुरंत ही पूरे देश में तत्काल प्रभाव से इमरजेंसी लगा दी। आडवाणी खड़े हुए, कहा कि आप ऐसा कैसे कर सकती हैं?


इंदिरा गाँधी ने कहा कि बिलकुल कर सकते हैं और इसी के साथ उन्होंने आडवाणी सहित पूरे विपक्ष को 19 महीने के लिए जेल में ठूँस दिया। तबके दिग्गज गायक किशोर कुमार ने मीडिया में एक बयान दिया कि इंदिरागाँधी तानाशाह है। इंदिरा गाँधी ने आल इंडिया रेडियो को आदेश दिया कि इस के.के.गांगुली के गाने रेडियो पर बजने नहीं चाहिए।क्षअंत में किशोर कुमार को माफ़ी मांगनी पड़ी।


इंदिरा गाँधी ने संघ पर भी प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि संघ इंदिरा की नीतियों के खिलाफ था।


सत्तर के दशक में पंजाब में अकाली दल एक बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा था। तब इंदिरा गाँधी ने संघ और अकालियों को रोकने के लिए भिंडरावाले को हथियार और पैसे दिए और कहा कि पंजाब में संघ और अकालियों का नामोनिशान भी नहीं दिखना चाहिए। परिणाम ये हुआ कि आये दिन आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्यायें पंजाब में होने लगी।


उन दिनों असम में एक नयी पार्टी बनी थी असम गण परिषद। इस पार्टी ने अपने गठन के साथ ही कांग्रेस के लिए चुनौती पैदा कर दी, इंदिरा गाँधी ने उन दिनों असम गण परिषद को रोकने के लिए उल्फा जैसे आतंकी संगठन को पैसे और हथियार दिए।


चारु मजूमदार का नाम आपको याद होगा। ये एक बड़ा वामपंथी नेता था, जो इंदिरा गांधी के लिए खतरा बन रहा था, दुनिया जानती है कि चारु मजूमदार को बंगाल में एक पुलिस थाने में ही मरवा दिया गया।


इंदिरा गाँधी उस हस्ती का नाम था जिनके नाम से लोग और उनके विरोधी थर-थर कांपते थे। कोई उन्हें गाली देना तो दूर की बात उनके खिलाफ भी बोलने से भी डरता था।


इंदिरा गांधी उस हस्ती का नाम था जिसने अपने सगे बेटे को भी कुछ नही समझा, सगे बेटे ने आशिक ब्रह्मचारी के साथ रंगरेलियां मनाते देख कर इंदिरा के गाल पर 6 थप्पड़ क्या जड़ दिये, इंदिरा ने बेटे को जहन्नुम भेज दिया।


प्रधानमंत्री का क्या मतलब होता है ये इंदिरा गांधी ने दुनिया को अच्छी तरह बता दिया ।


आज मोदी को लोग गाली देते हैं.. जी खोल के बहिन मतरिया करते हैं ..यहाँ तक कि उनकी माँ और पत्नी को लेकर भी खुले आम लोग गाली देते हैं लेकिन मोदी जी चुपचाप सब सुनते हैं। एक इमाम कलकत्ते की मस्जिद से मोदी का गला काटने का फतवा देता है। आप कैसे पीएम हैं कि चुप रहते हैं?


अरे उसी समय उसे कलकत्ते से घसीटते हुए दिल्ली लाकर सरेआम उसके पिछवाड़े पर दस लाठी दिल्ली पुलिस मारती तो यकीन मानिये अगली बार मोदीजी को गाली देने से पहले कोई भी दस बार सोचता।


आज तक जेएनयू काण्ड में एक भी अभियुक्त को सजा नहीं हुई ...ये सब क्या है?


एक RTI दाखिल की गयी है जिसमे ये पूछा गया है कि क्या NDA सरकार कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के लिए कोई टाउनशिप बना रही है तो जवाब मिलता है कि ऐसा कुछ नहीं है, ये सब क्या है ?


इंदिरागाँधी की विचारधारा और उनकी पार्टी से हमारा कोई सरोकार नहीं है लेकिन अपने दुश्मनों के लिए इंदिरा जी की नीति आज भी भारतीय राजनीति में धारण करने योग्य है ..


मुंह में दही जमाकर बैठने से कुछ नहीं होगा मोदी जी, देश के कोने कोने में जो नाग नागिन फुफकार रहे हैं इनके लट्ठ बजवाने की आवश्यकता है।


जो साला चिकन नेक काटने की बात कर रहा था अब तक उसकी नेक अब तक सुरक्षित है। शेहला अब तक अपने पैदा होने पर शोक मन रही होती, लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने की साजिश रचने वाले परिवार पर पर दो चार लट्ठ पड़ गए होते तो देश में बड़ी शांति हो गई होती।


जो भारत माँ के खिलाफ बिना तथ्यों के बोले, बदतमीजी करे या प्रोपेगेंडा फैलाये, उसे कुत्ते की तरह दौडा- दौड़ा कर मारिये, पूरा भारत आपके साथ है।


आखिर ये बेबसी क्यों? मारो सालों को कुत्तों को भी बिना बात में भौंकने का हक नहीं है।

प्रतिलिपिकी


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