द सोसाइटी ऑफ मुस्लिम ब्रदर्स ने भारत, हिन्दुत्व और मोदी के संबंध में एक बड़ी चिंताजनक बात कही है। द सोसाइटी ऑफ मुस्लिम ब्रदर्स को संक्षेप में मुस्लिम ब्रदरहुड कहा जाता है। दुनिया के मुसलमानों का यह सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है जिसकी उपस्थिति न केवल अरब की दुनिया में है बल्कि गैर मुस्लिम देशों में भी है। मुस्लिम ब्रदरहुड समय-समय पर गैर मुस्लिम देशों को कैसे मुस्लिम देश में तब्दील किया जाये, उससे संबंधित तौर-तरीके जारी करता रहा है। मुस्लिम बदरहुड ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था।
उस पोस्ट में भारत के मुसलमानों को चिंता न करने की बात कही है और कहा है कि नरेन्द्र मोदी तो क्या भाजपा व संघ का और कोई भी भारत को मुस्लिम देश बनने से नहीं रोक सकता है, केवल दस साल में भारत मुस्लिम राष्ट बन जायेगा। उसने कहा है कि अलकायदा, तालिबान, इस्लामिक स्टेट के रास्ते अलग-अलग हैं पर दुनिया को इस्लाम के झंडे के नीचे कैद करने के रास्ते एक ही हैं।
भारत को इस्लामिक देश में तब्दील करने के लिए अलकायदा, तालिबान, इस्लामिक स्टेट, बोकोहरम, हमास और हिजबुल्लाह जैसे सभी मुस्लिम संगठन एक हैं और अपने-अपने ढंग से प्रयासरत हैं, सिर से तन जुदा की अभी तो झांकी है, आंधी तो दस साल बाद तब आयेगी जब भारत को तलवार के बल पर मुस्लिम देश घोषित कर दिया जायेगा।
मुस्लिम बदरहुड के इस अवधारणा के पीछे भारतीय मुसलमानों की सक्रियता और उनकी विखंडनकारी मुस्लिम मानसिकताएं जिम्मेदार रही हैं। मुस्लिम बदरहुड की अरब में सक्रियता बहुत ही दमदार है। अरब में लाखों भारतीय मुसलमान रहते हैं।
अरब में रहने वाले और यूरेाप-अमेरिका मे रहने वाले भारतीय मुसलमान मुस्लिम बदरहुड सहित उन तमाम संगठनों जो इस्लाम के लिए काम करते हैं के संपर्क में हैं और साथ ही साथ भारत को जितना जल्द हो मुस्लिम देश कैसे बनाया जाये, इसको लेकर जिहादी भूमिका में भी है।
इसके अलावा भारत में रहने वाली मुस्लिम आबादी के युवा वर्ग भी सोशल मीडिया के माध्यम से अरब के मुस्लिम संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं।
भारत के मुस्लिम युवा वर्ग छोटे-छोटे झगड़ों और पहलुओं पर भी सोशल मीडिया के माध्यम से भारत-अरब की दोस्ती खराब करने और भारत की छवि घूमिल करने के रास्ते पर चलते हैं। कई अवसर ऐसे भी आये हैं जब अफवाहों के बल पर अरब के मुस्लिम शासकों ने भारत से नाराजगी दिखायी है।
मुस्लिम बदरहुड की यह अवधारणा किंतु-परंतु से परे है। भारत दस साल के अंदर ही मुस्लिम राष्ट बनने वाला है। भारत को मुस्लिम राष्ट बनने से नरेन्द्र मोदी तो क्या, अन्य कोई भी रोक नहीं सकता है।
दस साल के अंदर में ही जो कुछ अफगानिस्तान में हो रहा है, जो कुछ पाकिस्तान, लेबनान और सीरिया जैसे देशों में हो रहा है वह सब भारत में भी होगा।
यानी की भारत में दस साल के अंदर शरियती मुस्लिम शासन की व्यवस्था होगी। शरियती मुस्लिम शासन की व्यवस्था का विरोध करने वाले लोग सीधे तौर जबह-हलाल कर दिये जायेंगे, जो सक्षम होंगे, वे यूरोप जाकर शरण ले लेंगे।
हिन्दुओं ने लालच में जितनी संपत्तियां बनायी हैं, वंश के भविष्य के लिए जितनी चल और अचल सपत्तियां बनायी हैं वे सभी धरी की धरी रह जायंेंगी। जब कोई देश अराजकता का शिकार होता है तो अंतर्राष्टीय स्तर पर उसके रूपये का वैल्यू सिर्फ कागज भर रह जाता है।
इसलिए जब भारत इस्लामिक देश होगा तो बैंकों में रखा रूपया सिर्फ कागज का टूकड़ा जैसा ही होगा। विभाजन के बाद पाकिस्तान से क्या हिन्दू सभी संपत्तियां छोड़कर नहीं भागे थे।
धीमी गति से नहीं बल्कि बहुत ही तेजी गति से भारत मुस्लिम राष्ट बनने के लिए तत्पर है। हलाल जिहाद को देखिये। हलाल जिहाद करोड़ों रूपये का खेल है।
एक आयुर्वेद की कपंनी है उसका नाम है हिमालयन। हिमालयन ने एक सर्टिफिकेेट जारी किया है। उस सर्टिफिकेट में उल्लेखित बातें यह है कि वह पूरी तरह से इस्लामिक कानून और इस्लामिक संस्कृति का पालन करता है, उसके आयुर्वेद प्रोजेक्ट पूरी तरह से हलाल हैं यानी कि इस्लामिक संस्कृति के अनुसार।
हलाल सटिफिकेट उसी कंपनी को मिलता है जो कंपनी हलाल यानी इस्लाम के निर्धारित मापदंड को पूरा करती है। रामदेव की पंतजलि ने भी हलाल सर्टिफिकेट हासिल किया है।
हलाल सर्टिफिकेट देने के नाम पर भारत में कई सौ करोड़ रूपये वसूले जाते हैं जो इस्लामिक जिहाद पर खर्च होते हैं, लव जिहाद, धर्मातरंण और सिर तन से जुदा जिहाद पर खर्च होते हैं।
क्या उस देश को कोई बचा सकत है जहां पर तिरंगा यात्रा निकालने पर मुस्लिम समुदाय हिंसक होकर हत्या कर तक कर देती है। चंदन गुप्ता की हत्या क्या आप भूल गये।
चंदन गुप्ता की हत्या मुसलमानों ने की थी, दंगे मुसलमानों ने की थी। पर दर्जनों हिन्दुओं को जेल भेजा जाता है। सिर तन से जुदा का जिहाद सरेआम होता है, सैकड़ों-हजारों की भीड़ सिर तन से जुदा का नारा लगाती है पर सरकारें खामोश, कोर्ट खामोश।
नुपुर शर्मा के बयान के बाद कितनी हत्याएं हुई, हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट कोई संज्ञान नहीं लिया, देश भर में हिन्दुओं की दर्जनों मॉब लिचिंग हुई। राष्टभक्ति पर बोलने वाले राजा और नरसिम्हानंद जेल भेजे जाते हैं।
धर्मातंरण के दोषी विदेशी पादरी की कथित हत्या में दारा सिंह जेल में सडते हैं पर लक्ष्मणा सरस्वती के हत्यारे ईसाई मिशनरियां और पादरी खुलेआम धर्मातरंण का खेल-खेलते हैं।
संवैधानिक पद पर बैठा हामिद अंसारी तिरंगे को सलामी देने से इनकार कर देता है। कोई भी राष्टभक्त राष्टभक्ति की आवाज उठाता है तो वह सीधे जेल जाता है।
हनुमान चलीसा पढ़ने पर जेल भेजा जाता है। जहां पर सरेआम गौ हत्या होती है और सरेआम कहा जाता है कि गाय का मांस खाना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। केरल में कांग्रेसी इस नीति को दिखाने के लिए सरेआम गाय के बछडे को काट कर खिल्ली उड़ाते हैं।
हम पश्चिम बंगाल, केरल, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों की बात नहीं करते हैं। आप सिर्फ देश की राजधानी दिल्ली के दर्जनों इलाको में घूम कर देख लीजिये।
जहांगीरपुरी चले जाइये, सीमापुरी चले जाइये, कल्याणपुरी चले जाइये, त्रिलोकपुरी चले जाइये, लक्ष्मीनगर चले जाइये, मुस्तफावाद चले जाइये, ब्रिजपुरी चले चाइये, शिव विहार चले जाइये आपको पता चल जायेगा। आप बिहार के किशनगंज और अररिया घूम आइये, पश्चिम बंगाल का कोई क्षेत्र घूम आइये।
राजस्थान के कई जिलों से हिन्दुआंें का पलायन जारी है। पर्व-त्यौहारों पर हिन्दुओं को प्रतिबंधित कर दिया जाता है, हिंसा का शिकार बना दिया जाता है। दुनिया में सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर बहुंसख्यक ही पीड़ित और मुस्लिम हिंसा का शिकार है।
देश के हजारों सरकारी स्कूलों को इस्लामिक स्कूलों में बंदल दिया गया। क्या पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाये जाते, क्या पाकिस्तान झंडे भारत में नहीं फहारये जाते?
नरेन्द्र मोदी अपना खतना भी करा लेंगे तो भी एक भी मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देगा। मुसलमानों सिर्फ अपना लक्ष्य देखता है, अपना इस्लाम देखता है, मुसलमानों को अपने इस्लाम की कीमत पर कोई सुविधा या फिर लालच नहीं चाहिए।
मुसलमानों को सिर्फ मोदी का कटा हुआ सत्ता सिर चाहिए। पर हिन्दुओं को 15 लाख चाहिए। इस्लाम में 72 फिरकें यानी जातियां है, इनमें खूनी जंग होते रहते हैं, एक-दूसरे की हत्या करते रहते हैं, पर ये इस्लाम पर कोई प्रश्न खड़ा करते नहीं हैं, परस्पर हिंसा और घृणा के लिए इस्लाम को दोषी नहीं ठहराते हैं।
अहमदिया मुसलमानों को मुसलमान नहीं माना जाता, शिया मुसलमानों का समूल नाश करने के लिए सुन्नी मुसलमान जिहादी होते हैं फिर भी कोई अहमदिया मुसलमान या शिया मुसलमान इसके लिए इस्लाम को दोषी नहीं ठहराता है।
इस्लाम के कारण मुस्लिम देशों से मुसलमान पलायन कर शरणार्थी बन जाते हैं पर इस्लाम को कोसते नहीं है, इस्लाम को छोड़ते नहीं है। इसके विपरीत देख लीजिये।
किसी भी कारण थोड़ी नाराजगी हुई तो फिर हिन्दुत्व और हिन्दुत्व के प्रतीक चिन्हों के खिलाफ घृणित आवाज आने लगती है। जबकि कोई हिन्दू ग्रंथ हिंसा या भेदभाव का समर्थन नहीं करता है और न ही इस्लाम की तरह काफिर मानसिकता का कोई अस्तित्व है।
मेरी इच्छा हिन्दू धर्म के लोगों को हत्सोहित करने की नहीं है, मेरी इच्छा इस्लाम के डर को दिखाने की नही है। मेरी इच्छा परिस्थितियों व साजिशों के प्रति जन जागरूकता लाना और सावधान करने की है।
नोआखली का नरसंहार के इतिहास को पढ़ लीजिये, डायरेक्ट एक्शन के इतिहास को पढ़ लीजिये, विखंडन के समय मारे गये दस लाख हिन्दुओं के इतिहास को पढ लीजिये।
विराथु जैसा सैकड़ों हिन्दू वीर लड़ रहे है पर अंबेडकर का धटिया संविधान, पुलिस-प्रशासन, सरकार की मुस्लिम नीति की वजह से सब बेअर्थ हैं। मुंह में संविधान और दिल में तालिबान है।
उदासीन रहने वाले दफन हो गये मिट गये। लड़ने वाले विराथु अकेले दस लाख रोहिंग्याओं को अपने देश से खदेड देता है, इजरायल अपनी देशभक्ति के ज्वार से जीवित रहता है।
Peace if possible, truth at all costs.