एडविना ही नहीं सरोजिनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू के लिए भी नेहरू के दिल में सॉफ़्ट कॉर्नर था.
कैथरीन फ़्रैंक इंदिरा गाँधी की जीवनी में लिखती हैं कि विजयलक्ष्मी पंडित ने उन्हें बताया था कि नेहरू और पद्मजा का इश्क ‘सालों’ चला.
नेहरू ने उनसे इसलिए शादी नहीं की क्योंकि वो अपनी बेटी इंदिरा का दिल नहीं दुखाना चाहते थे. इंदिरा, नेहरू के जीवनीकार एस गोपाल से इस बात पर नाराज़ भी हो गई थी क्योंकि उन्होंने नेहरू के 'सेलेक्टेड वर्क्स' में उनके पद्मजा के लिखे प्रेम पत्र प्रकाशित कर दिए थे.
1937 में नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, "तुम 19 साल की हो (जबकि वो उस समय 37 साल की थीं)... और मैं 100 या उससे भी से ज़्यादा. क्या मुझे कभी पता चल पाएगा कि तुम मुझे कितना प्यार करती हो."
एक बार और मलाया से नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, "मैं तुम्हारे बारे में जानने के लिए मरा जा रहा हूँ.. मैं तुम्हें देखने, तुम्हें अपनी बाहों में लेने और तुम्हारी आँखों में देखने के लिए तड़प रहा हूँ."(सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ नेहरू, सर्वपल्ली गोपाल, पृष्ठ 694)
कैथरीन फ़्रैंक इंदिरा गाँधी की जीवनी में लिखती हैं कि विजयलक्ष्मी पंडित ने उन्हें बताया था कि नेहरू और पद्मजा का इश्क ‘सालों’ चला.
नेहरू ने उनसे इसलिए शादी नहीं की क्योंकि वो अपनी बेटी इंदिरा का दिल नहीं दुखाना चाहते थे. इंदिरा, नेहरू के जीवनीकार एस गोपाल से इस बात पर नाराज़ भी हो गई थी क्योंकि उन्होंने नेहरू के 'सेलेक्टेड वर्क्स' में उनके पद्मजा के लिखे प्रेम पत्र प्रकाशित कर दिए थे.
1937 में नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, "तुम 19 साल की हो (जबकि वो उस समय 37 साल की थीं)... और मैं 100 या उससे भी से ज़्यादा. क्या मुझे कभी पता चल पाएगा कि तुम मुझे कितना प्यार करती हो."
एक बार और मलाया से नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, "मैं तुम्हारे बारे में जानने के लिए मरा जा रहा हूँ.. मैं तुम्हें देखने, तुम्हें अपनी बाहों में लेने और तुम्हारी आँखों में देखने के लिए तड़प रहा हूँ."(सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ नेहरू, सर्वपल्ली गोपाल, पृष्ठ 694)
Peace if possible, truth at all costs.