Dr BhimRao Ambedkar Views on Hinduism and Brahmin

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मित्रो, विगत वर्षो से हम देखते रहे हैँ कि कुछ लोग डा॰अम्बेडकर का नाम लेकर और उनकी कुछ टिप्पणियोँ का सहारा लेकर हिन्दू धर्म  की मान्यताओँ पर चोट करने का प्रयास कर रहे हैँ। लेकिन इसी के साथ डा॰साहब की 600 पेज की महान पुस्तक “थाट्स आन पाकिस्तान” को
योजनाबद्ध ढंग से दबा दिया गया।

इस पुस्तक को दबाने का मूल कारण ही यही था कि डा॰अम्बेडकर के सही विचार सामने गये तो दलितोँ को राष्ट्र-विरोधी राजनीति मेँ शामिल करने की कोशिशेँ सदा के लिए असम्भव हो जायेगीँ। कमाल की बात तो ये है कि डा॰अम्बेडकर ने अपनी इस किताब को “साम्प्रदायिक राजतीनि का ज्ञान-कोष”  कहा है। पुस्तक की भूमिका मेँ लिखा है कि इसे लिखने मेँ मेरी सारी रचानात्मक ऊर्जा समाप्त हो गयी है।

बावजूद इसके बाबासाहब के नाम पर राजनीजि और समाज- सुधार का ढोँग करने वालो ने इस पुस्तक को दबाये रखना ही मुनासिब समझा। मैँ सभी जिज्ञासुओँ से कहूँगा कि आप डा॰अम्बेडकर की उक्त पुस्तक अवश्य पढ़े। अब मैँ आप लोगो के सामने कुछ तथ्य रखना चाहूँगा, जिनकी जानकारी शायद आपको नहीँ होगी-

1- डा॰अम्बेडकर का जातिनाम-‘अम्बेडकर’, असल मेँ ब्राह्मणोँ का जाति-नाम है। और डा॰साहब ने यह नाम हाईस्कूल के अपने एक ब्राह्मण शिक्षक से लिया था, जिनका वे बहुत आदर करते थे।

2- डा॰ अम्बेडकर की पत्नी सारस्वत ब्राह्मण थी।

3- डा॰ अम्बेडकर ने अपना स्थायी आवास “राजगृह” बम्बई के एक ब्राह्मण बहुल मोहल्ले मेँ बनाया था।

4- सन् 1937 के चुनाव मेँ डा॰अम्बेडकर ने भोपतकर और केलकर जैसे चितपावन ब्राह्मणोँ के साथ गठबंधन किया था।

5- डा॰अम्बेडकर मानते थे कि आर्य किसी जाति का नाम नहीँ है और आर्य भारतीय थे।

6- डा॰अम्बेडकर ने यह बात सिद्ध करने के लिए पूरी पुस्तक ही लिखी है कि शूद्र दरअसल क्षत्रिय थे और अछूत समाज के लोग भी आर्यो के समाज के ही अंग थे। पुस्तक का नाम है “शूद्र कौन थे”

7- डा॰ अम्बेडकर ने हिन्दू धर्म छोड़ने के बाद जब किसी अन्य पंथ मेँ जाने की बात सोची थी, तो उन्होनेँ इस्लाम को इसलिए अस्वीकार किया था, क्योँकि उनके अनुसार इस्लाम एक ‘विदेशी पंथ’ है और इस प्रकार मुस्लिम होने का अर्थ ‘धर्म का परिवर्तन ही नहीँ’ बल्कि देश का परिवर्तन भी है। डा॰साहब ने यह बात कई बार सार्वजनिक रूप से कही है।

8- डा॰ अम्बेडकर दालितोद्धार के कारण आर्य समाज का बहुत सम्मान करते थे और स्वामी श्रद्धानंद के प्रति उनके मन काफी श्रद्धा थी।

9- डा॰ अम्बेडकर ने शुरू मेँ ही समझ लिया था कि पाकिस्तान मेँ दलितो पर मुस्लिम अत्याचार करेगेँ। उन्होनेँ सन् 1942 मेँ लिखा था-पाकिस्तान मेँ  गैर-मुस्लिमोँ की वही हालत होगी जो हिटलर के राज मेँ यहूदियोँ की है। आज देखिए उनकी बात अक्षरसः सत्य सिद्ध हुई।

10- डा॰अम्बेडकर मुस्लिम लीग को ही नहीँ कांग्रेस के मुस्लिम नेताओँ को भी साम्प्रदायिक मानते थे। उन्होनेँ काफी ब्यौरे से लिखा है कि मौलाना आजाद, डा॰अन्सारी, डा॰किचलू जैसे तथाकथित राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता राजनीति मेँ मुस्लिम लीग के ही अनुयायी थे।

11- डा॰अम्बेडकर की प्रमाणिक जीवनी के लेखक धनंजय कीर ने अपनी पूरी पुस्तक मेँ डा॰अम्बेडकर की तुलना सावरकर से ही की है।

12- 1948 मेँ बंटवारे के बाद डा॰साहब ने सार्वजनिक वक्तव्य देकर पाकिस्तान के दलितो से से कहा था कि वे धर्म-परिवर्तन करेँ और भारत जाएं। और यदि दलित भाइयोँ को वहाँ जबरन मुस्लिम बनाया गया होगा तो वे उन लोगो का शुद्धिकरण करायेगेँ।

13- डा॰अम्बेडकर ने हैदराबाद के दलितो से कहा था कि वे भारत राष्ट्र के विरूद्ध निजाम या मुस्लिमोँ का साथ देँ।

नोट- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुवादित डा॰अम्बेडकर की तीन पुस्तकोँ के अनुवाद करने वाले ‘आशुतोष मिश्र’ जी की पुस्तक “डा॰ अम्बेडकर
और मुस्लिम साम्प्रादायिकता” से साभार।

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3Comments

Peace if possible, truth at all costs.

  1. Bhai history kuch pada v hai ki aise hi faltu ka likh raha hai.
    Jara apne words ko sudhar lo
    Or faltu ka jo ye post kiye ho n jara sambhal kar.

    ReplyDelete
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